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मेडिकल छात्रों के लिए खुशखबरी, इस कॉलेज में बरकरार रहेंगी MBBS की 100 सीटें

जगदलपुर के स्वर्गीय बलीराम कश्यप मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100 सीटें बरकरार रहेंगी

बलीराम कश्यप मेडिकल कॉलेज
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Published : Jun 5, 2019, 7:27 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुर: शहर से लगे डिमरापाल में मौजूद स्वर्गीय बलीराम कश्यप स्मृति मेडिकल कॉलेज में इस नए सत्र में भी 100 सीटों पर MBBS की पढ़ाई होगी.

एमबीबीएस की 100 सीटें रहेंगी बरकरार

एक साल के लिए बढ़ाई मान्यता
प्रदेश में ढाई सौ सीटों के लिए मान्यता कम करने वाली MIC ने जगदलपुर मेडिकल कॉलेज की 100 सीटों की मान्यता को आने वाले एक साल तक के लिए बरकरार रखा है. दरअसल 100 सीटों की मान्यता के लिए कुछ समय पहले ही एमसीआई कर्नाटक से आई MIC के डॉक्टरों की टीम ने निरीक्षण किया था.

ज्यादातर सरकारी कॉलेजों की सीटें कम हुईं
इसके बाद टीम की रिपोर्ट के हिसाब से मान्यता को यथावत रखने का फैसला किया गया है. इधर पूरे प्रदेश में इस बार MIC ने ज्यादातर सरकारी कॉलेजों में सीटों की संख्या कम कर दी है और अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को तो 0 ईयर घोषित कर दिया है.

50 सीटों के साथ शरू हुआ था सफर
ऐसे में बस्तर जैसे इलाके में कॉलेज ने 100 सीटों की मान्यता को बचाए रखा है. जानकारी के मुताबिक सन 2006 में जगदलपुर मेडिकल कॉलेज 50 सीटों से शुरू हुआ था. जिसके बाद समय-समय पर MIC की टीम लगातार इस मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने पहुंच रही थी और आखिरकार 2011 में इस मेडिकल कॉलेज को 100 सीटों की मान्यता मिल गई. 2011 के बाद लगातार विवादों में रहे मेडिकल कॉलेज की मान्यता रद्द होने की भी बात कही जा रही थी, लेकिन धीरे-धीरे मेडिकल कॉलेज में लगातार हो रहे सुविधाओं के विस्तार को देखते हुए अब आने वाले साल तक मेडिकल कॉलेज की 100 सीटों की मान्यता को बरकरार रखने का फैसला लिया गया है.

छात्रों में दिख रहा उत्साह
इस घोषणा के बाद मेडिकल छात्रों में भी काफी उत्साह देखा जा रहा है. इसके अलावा 100 सीटों की मान्यता के साथ ही अब जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में पीजी की पढ़ाई का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है और यहां करीब 30 सीटों पर पीजी की पढ़ाई शुरू होगी.

लटकी रहती थी तलवार
यही नहीं पीजी की पढ़ाई की मान्यता मिलने के साथ ही एमबीबीएस की 100 सीटों पर MIC की जो तलवार हमेशा लटकी रहती थी, उसका खतरा भी कम हो जाएगा. इधर फैकेल्टी के लिए नए डॉक्टरों को भर्ती और कुछ डॉक्टरों को मेकाज में ट्रांसफर भी किया जा रहा है.

सीएम बघेल ने की थी घोषणा
बस्तर सांसद दीपक बैज का कहना है कि 'हाल ही में बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने मेडिकल कॉलेज में सुविधाओं का विस्तार करने की घोषणा की थी और बेहतर इलाज के लिए जल्द ही रिक्त पड़े स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की भर्ती किए जाने की बात कही थी.

जगदलपुर: शहर से लगे डिमरापाल में मौजूद स्वर्गीय बलीराम कश्यप स्मृति मेडिकल कॉलेज में इस नए सत्र में भी 100 सीटों पर MBBS की पढ़ाई होगी.

एमबीबीएस की 100 सीटें रहेंगी बरकरार

एक साल के लिए बढ़ाई मान्यता
प्रदेश में ढाई सौ सीटों के लिए मान्यता कम करने वाली MIC ने जगदलपुर मेडिकल कॉलेज की 100 सीटों की मान्यता को आने वाले एक साल तक के लिए बरकरार रखा है. दरअसल 100 सीटों की मान्यता के लिए कुछ समय पहले ही एमसीआई कर्नाटक से आई MIC के डॉक्टरों की टीम ने निरीक्षण किया था.

ज्यादातर सरकारी कॉलेजों की सीटें कम हुईं
इसके बाद टीम की रिपोर्ट के हिसाब से मान्यता को यथावत रखने का फैसला किया गया है. इधर पूरे प्रदेश में इस बार MIC ने ज्यादातर सरकारी कॉलेजों में सीटों की संख्या कम कर दी है और अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को तो 0 ईयर घोषित कर दिया है.

50 सीटों के साथ शरू हुआ था सफर
ऐसे में बस्तर जैसे इलाके में कॉलेज ने 100 सीटों की मान्यता को बचाए रखा है. जानकारी के मुताबिक सन 2006 में जगदलपुर मेडिकल कॉलेज 50 सीटों से शुरू हुआ था. जिसके बाद समय-समय पर MIC की टीम लगातार इस मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने पहुंच रही थी और आखिरकार 2011 में इस मेडिकल कॉलेज को 100 सीटों की मान्यता मिल गई. 2011 के बाद लगातार विवादों में रहे मेडिकल कॉलेज की मान्यता रद्द होने की भी बात कही जा रही थी, लेकिन धीरे-धीरे मेडिकल कॉलेज में लगातार हो रहे सुविधाओं के विस्तार को देखते हुए अब आने वाले साल तक मेडिकल कॉलेज की 100 सीटों की मान्यता को बरकरार रखने का फैसला लिया गया है.

छात्रों में दिख रहा उत्साह
इस घोषणा के बाद मेडिकल छात्रों में भी काफी उत्साह देखा जा रहा है. इसके अलावा 100 सीटों की मान्यता के साथ ही अब जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में पीजी की पढ़ाई का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है और यहां करीब 30 सीटों पर पीजी की पढ़ाई शुरू होगी.

लटकी रहती थी तलवार
यही नहीं पीजी की पढ़ाई की मान्यता मिलने के साथ ही एमबीबीएस की 100 सीटों पर MIC की जो तलवार हमेशा लटकी रहती थी, उसका खतरा भी कम हो जाएगा. इधर फैकेल्टी के लिए नए डॉक्टरों को भर्ती और कुछ डॉक्टरों को मेकाज में ट्रांसफर भी किया जा रहा है.

सीएम बघेल ने की थी घोषणा
बस्तर सांसद दीपक बैज का कहना है कि 'हाल ही में बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने मेडिकल कॉलेज में सुविधाओं का विस्तार करने की घोषणा की थी और बेहतर इलाज के लिए जल्द ही रिक्त पड़े स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की भर्ती किए जाने की बात कही थी.

Intro:जगदलपुर । शहर से लगे डिमरापाल में स्थित स्वर्गीय बलीराम कश्यप स्मृति मेडिकल कॉलेज में इस नए सत्र में भी 100 सीटों पर एमबीबीएस की पढ़ाई होगी। पूरे प्रदेश में ढाई सौ सीटों के लिए मान्यता कम करने वाली एमसीआई ने जगदलपुर मेडिकल कॉलेज की 100 सीटों की मान्यता को आने वाले 1 साल तक के लिए बरकरार रखा है। दरअसल 100 सीटों की मान्यता के लिए कुछ समय पहले ही एमसीआई की कर्नाटक से डॉक्टरों की टीम ने निरीक्षण किया था । इसके बाद इस टीम की रिपोर्ट के हिसाब से मान्यता को यथावत रखने का फैसला किया गया है । इधर पूरे प्रदेश में इस बार एमसीआई ने ज्यादातर सरकारी कॉलेजों में सीटों की संख्या कम कर दी है और अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को तो 0 ईयर घोषित कर दिया है। ऐसे में बस्तर जैसे इलाके में कॉलेज ने 100 सीटों की मान्यता को बचाए रखा है ।जानकारी के मुताबिक सन 2006 में जगदलपुर मेडिकल कॉलेज 50 सीटों से शुरू हुआ था। जिसके बाद समय-समय पर एमसीआई की टीम लगातार इस मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने पहुंच रही थी और आखिरकार 2011 में इस मेडिकल कॉलेज को 100 सीटों की मान्यता मिल गई ।2011 के बाद लगातार विवादों में रहे मेडिकल कॉलेज की मान्यता रद्द होने की भी बात कही जा रही थी । लेकिन धीरे धीरे मेडिकल कॉलेज में लगातार हो रहे सुविधाओं के विस्तार को देखते हुए अब आने वाले साल तक मेडिकल कॉलेज की 100 सीटों की मान्यता को बरकरार रखने का फैसला लिया गया है। इधर इस घोषणा के बाद मेडिकल छात्रों में भी काफी उत्साह का माहौल है। इसके अलावा 100 सीटों की मान्यता के साथ ही अब जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में पीजी की पढ़ाई का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। और यहां करीब 30 सीटों पर पीजी की पढ़ाई शुरू होगी ।यही नहीं पीजी की पढ़ाई की मान्यता मिलने के साथ ही एमबीबीएस की 100 सीटों पर एमसीआई की जो तलवार हमेशा लटकी रहती थी उसका खतरा भी कम हो जाएगा। इधर फैकेल्टी के लिए नए डॉक्टरों को भर्ती और कुछ डॉक्टरों को मेकाज में ट्रांसफर भी किया जा रहा है। बस्तर सांसद दीपक बैज का कहना है कि हाल ही में बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने मेडिकल कॉलेज में सुविधाओं का विस्तार करने की घोषणा की थी , और बेहतर इलाज के लिए जल्द ही रिक्त पड़े स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की भर्ती किये जाने की बात कही थी। ऐसे में अब 100 सीटों की मान्यता यथावत रहने और इस सत्र से पीजी की पढ़ाई शुरू होने से न सिर्फ मेडिकल छात्रों के लिए मेडिकल शिक्षा की राह आसान होगी बल्कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधा भी बस्तरवासियों को मिल पाएगी।





Body:बाईट1-दीपक बैज, सांसद बस्तर


Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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