गौरेला पेंड्रा मरवाही: गौरेला पेंड्रा मरवाही में बुधवार को ग्रामीणों ने रेलवे लाइन के काम को रोक कर आंदोलन किया. नाराज ग्रामीण सालों से आवाजाही के लिए अंडर ब्रिज निर्माण की मांग कर रहे हैं. दरअसल, छत्तीसगढ़ पूर्व-पश्चिम रेल कॉरिडोर पेंड्रारोड से गेवरारोड रेलवे लाइन पर बन रहे रेलवे ट्रैक पर ग्रामीणों के आवाजाही के लिए अंडर ब्रिज निर्माण के लिए ग्रामीणों ने काम बंद कर हड़ताल कर दिया है.
ये है पूरा मामला: दरअसल, रेलवे कॉरिडोर के अंतर्गत बनाए जा रहे पेंड्रारोड से गेवरा रोड तक रेलवे लाइन का निर्माण तेज गति से चल रहा है. निर्माण की एजेंसी इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड इस पर काम कर रही है. लगभग 90 किलोमीटर की इस रेलवे लाइन पर पेंड्रारोड सारबहरा, धनगवा, ललाती, कोटमी, मातिन-पसान होकर गेवरा तक जाएगी. जहां रेलवे जमीन की सतह के लगभग 50 फीट ऊपर रेलवे ट्रैक बना रही है. इस पर धनगवा गांव के पास एक बड़ी आबादी का हिस्सा रेलवे ट्रैक के 2 किलोमीटर के दायरे के मात्र दो अंडर ब्रिज का ही निर्माण किया है.
गांव वालों को आने-जाने में होगी दिक्कत: ग्रामीणों का कहना है कि, "रेलवे कॉरिडोर की ओर से बनाए जा रहे रेल मार्ग से गांव दो भागों में बंट जाएगा. इससे लोगों को आने-जाने में दिक्कतें होंगी. इसलिए ये ग्रामीण अंडर ब्रिज निर्माण की मांग कर रहे थे. ताकि गांव के लोगों को आने-जाने में किसी तरह की दिक्कत न हो. अगर रेलवे प्रशासन हमारे निस्तारी मार्ग पर अंडर ब्रिज तैयार नहीं करेगा तो हम रेलवे का काम बंद कर आंदोलन करेंगे."
मामले में अधिकारियों ने साधी चुप्पी: इधर, ग्रामीणों का मानना है कि उनके गांव के मध्य से वर्षों पुराना डब्ल्यूवीएम सड़क जो गांव के दूसरे हिस्से में है. इस बीच के हिस्से से रेलवे ट्रैक जा रही है. गांव दो हिस्सों में बट गया है. निस्तार के साथ-साथ गांव से लगे अन्य दर्जन भर गांव अंडर ब्रिज नहीं बनने के कारण कट जाएंगे. इससे लोगों को काफी दिक्कतें होगी. इसी कारण बुधवार को काफी संख्या में महिला-बच्चे सहित ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर हंगामा किया और रेलवे का काम बंद करवा दिया. वहीं, इस मामले में अब तक किसी भी अधिकारी ने कुछ भी नहीं कहा है. दूसरी ओर ग्रामीण विरोध पर डटे हुए हैं.