मरवाही: उसाढ़ गांव में ग्रामीण की जान हाथी ने ले ली. मृतक ग्रामीण अपने खेत पर धान की रखवाली कर रहा था. गांव वालों का आरोप है कि वन विभाग की नाकामी के चलते ग्रामीण की जान गई. परिजनों का भी कहना है कि अगर हाथी इलाके में घूम रहे थे तो वन विभाग को इलाके में मुनादी करनी चाहिए थी. मुनादी नहीं कराने से और ग्रामीणों को अलर्ट नहीं करने से एकाएक हाथी पहुंच गए और ग्रामीण को मार डाला.
जंबो बने जान के दुश्मन: हाथियों से प्रभावित मरवाही वन मंडल के उसाढ़ गांव में एक हाथी के कुचलने से ग्रामीण की मौत हो गई. नाराज गांव वालों का कहना है कि जब भी इलाके में हाथी आते है तो वन विभाग की टीम को ये हिदायत है कि वो गांव में चेतावनी जारी करे. जिस वक्त हाथी ने खेत पर पहरेदारी कर रहे किसान को कुचलकर मार डाला उसके पहले वन विभाग ने किसी भी तरह की चेतावनी न तो जारी कि न ही गांव वालों को सतर्क किया. स्थानीय विधायक का कहना है कि ग्रामीण की मौत लापरवाही के चलते हुई है और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. वन विभाग ने अपने ऊपर लगे आरोपों के जवाब में कहा कि हाथी इलाके में मौजूद थे. इस बात की सूचना भी दी गई थी लेकिन गांव वालों को लगा कि हाथी इतनी जल्दी कैसे गांव के करीब पहुंच जाएंगे.
लापरवाही ने ली जान: ऐसा पहली बार नहीं है जब हाथी की वजह से किसी ग्रामीण की जान गई हो. हाथी प्रभावित जिलों में आए दिन ऐसे हालात बनते रहते हैं. वन विभाग को चाहिए कि वो और सतर्कता के साथ हाथियों के आने और जाने के मूवमेंट पर नजर रखे, साथ ही गांव वालों को समय रहते न सिर्फ हाथियों की मौजूदगी की सूचना दें बल्कि खुद मौके पर पहुंचकर अलर्ट भी करें.