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Rice Crisis in GPM: पीएडएस में बांटने के लिए चावल का स्टॉक खत्म ! कार्रवाई नहीं होने से राइस मिलर्स के हौसले बुलंद

GPM News गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला पिछले एक माह से चावल संकट से जूझ रहा है. जिले में राइस मिलरों की तानाशाही और खाद्य विभाग के ठीले रवैया के चलते यहां ऐसे हालात बने हैं. गोदामों में रिजर्व क्षमता का केवल आधा चावल ही शेष रह गया है. हालात यह है कि अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बांटने के लिए चावल का स्टॉक ही नहीं है. प्रशासन की तरफ से कड़ी कार्रवाई नहीं किये जाने से राइस मिलर्स अपनी मनमानी कर रहे हैं.

Rice crisis in Gaurela Pendra Marwahi
चावल भंडारण नहीं होने से हालात बिगड़े
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Published : Jul 30, 2023, 11:15 AM IST

Updated : Jul 30, 2023, 2:07 PM IST

कार्रवाई नहीं होने से राइस मिलर्स के हौसले बुलंद

गौरेला पेंड्रा मरवाही: जिले में चावल की निर्धारित रिजर्व क्षमता के अनुरूप चावल भंडारण नहीं होने से हालात बिगड़े हुए हैं. जिले में चावल भंडारण के हालात एक माह बाद भी नहीं बदले हैं. जिले में राइस मिलरों ने 2 महीने से कस्टम मिल्ड चावल (सीएमआर) जमा नहीं किए है. नागरिक आपूर्ति निगम के वेयरहाउस गोदामों में चावल की कमी हो गई है. गोदाम में रिजर्व क्षमता का आधा चावल ही शेष बचा है. इस महीने के बाद सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बांटने के लिए चावल का स्टॉक ही नहीं है.

जिले के राइस मिलर्स के हौसले बुलंद: आंकड़े के मुताबिक, सीएमआर (कस्टम मिल्ड चावल) जमा करने में जीपीएम जिला प्रदेश में सबसे निचले 33वें नंबर पर जा पहुंचा है. अब तक सिर्फ 65 फीसदी चावल ही जमा हो हो सका है. FCI और NAN मिलाकर 32700 मीट्रिक टन चावल जमा होना अभी भी शेष है. राइस मिलों में 80 मीट्रिक टन धान की कमी पाए जाने पर प्रशासन ने अब तक दोषी राइस मिलरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं हुई है. जिसकी वजह से राइस मिलर्स के हौसले बुलंद हैं.

क्या है धान की कमी की वजह?: शासन के नियमानुसार, कम से कम 3 माह का रिजर्व चावल वेयरहाउस गोदाम में होना चाहिए. लेकिन 15600 मीट्रिक टन क्षमता के गोदामों में अब सिर्फ 5800 मीट्रिक टन चावल ही बचा है. जो कुल भंडारण क्षमता से लगभग 10 हजार मीट्रिक टन कम है. जिले के राइस मिलरों द्वारा एफसीआई में 9389 मीट्रिक टन, जबकि नागरिक आपूर्ति निगम में 23399 मीट्रिक टन चावल जमा करना बचा हुआ है. इस तरह 32788 मेट्रिक टन चावल जमा करना शेष है. चावल की कमी के पीछे कयास लगाया जा रहा है कि, चावल उठाने के बाद या तो राइस मिलर्स ने चावल बेच दिया या DO एडजेस्टमेंट कराकर धान के पैसे ले लिए. इसी वजह से मिलों में धान की कमी हो गई.

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सवालों के घेरे में प्रशासनिक कार्रवाई: जिले में राइस मिलरों द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा करने की गति में कमी आई थी. जिसके बाद प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए राइस मिलरों के गोदामों और मिलों में जांच की. इस दौरान लगभग 80 मीट्रिक टन धान की बड़ी कमी पकड़ी गई थी. जिसके बाद राइस मिलों में रखे 2 लाख क्विंटल धान जब्त किया गया था. प्रशासन की इस बड़ी कार्रवाई से राइस मिल संचालकों में हड़कंप मच गया था. आज लगभग 1 महीने बाद भी निर्धारित चावल रिजर्व स्टॉक में बढ़ोतरी नहीं हुई है, जो चिंताजनक है. प्रशासन का यह रवैया पूरी प्रशासनिक कार्रवाई को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है.

कार्रवाई नहीं होने से राइस मिलर्स के हौसले बुलंद

गौरेला पेंड्रा मरवाही: जिले में चावल की निर्धारित रिजर्व क्षमता के अनुरूप चावल भंडारण नहीं होने से हालात बिगड़े हुए हैं. जिले में चावल भंडारण के हालात एक माह बाद भी नहीं बदले हैं. जिले में राइस मिलरों ने 2 महीने से कस्टम मिल्ड चावल (सीएमआर) जमा नहीं किए है. नागरिक आपूर्ति निगम के वेयरहाउस गोदामों में चावल की कमी हो गई है. गोदाम में रिजर्व क्षमता का आधा चावल ही शेष बचा है. इस महीने के बाद सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बांटने के लिए चावल का स्टॉक ही नहीं है.

जिले के राइस मिलर्स के हौसले बुलंद: आंकड़े के मुताबिक, सीएमआर (कस्टम मिल्ड चावल) जमा करने में जीपीएम जिला प्रदेश में सबसे निचले 33वें नंबर पर जा पहुंचा है. अब तक सिर्फ 65 फीसदी चावल ही जमा हो हो सका है. FCI और NAN मिलाकर 32700 मीट्रिक टन चावल जमा होना अभी भी शेष है. राइस मिलों में 80 मीट्रिक टन धान की कमी पाए जाने पर प्रशासन ने अब तक दोषी राइस मिलरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं हुई है. जिसकी वजह से राइस मिलर्स के हौसले बुलंद हैं.

क्या है धान की कमी की वजह?: शासन के नियमानुसार, कम से कम 3 माह का रिजर्व चावल वेयरहाउस गोदाम में होना चाहिए. लेकिन 15600 मीट्रिक टन क्षमता के गोदामों में अब सिर्फ 5800 मीट्रिक टन चावल ही बचा है. जो कुल भंडारण क्षमता से लगभग 10 हजार मीट्रिक टन कम है. जिले के राइस मिलरों द्वारा एफसीआई में 9389 मीट्रिक टन, जबकि नागरिक आपूर्ति निगम में 23399 मीट्रिक टन चावल जमा करना बचा हुआ है. इस तरह 32788 मेट्रिक टन चावल जमा करना शेष है. चावल की कमी के पीछे कयास लगाया जा रहा है कि, चावल उठाने के बाद या तो राइस मिलर्स ने चावल बेच दिया या DO एडजेस्टमेंट कराकर धान के पैसे ले लिए. इसी वजह से मिलों में धान की कमी हो गई.

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सवालों के घेरे में प्रशासनिक कार्रवाई: जिले में राइस मिलरों द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा करने की गति में कमी आई थी. जिसके बाद प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए राइस मिलरों के गोदामों और मिलों में जांच की. इस दौरान लगभग 80 मीट्रिक टन धान की बड़ी कमी पकड़ी गई थी. जिसके बाद राइस मिलों में रखे 2 लाख क्विंटल धान जब्त किया गया था. प्रशासन की इस बड़ी कार्रवाई से राइस मिल संचालकों में हड़कंप मच गया था. आज लगभग 1 महीने बाद भी निर्धारित चावल रिजर्व स्टॉक में बढ़ोतरी नहीं हुई है, जो चिंताजनक है. प्रशासन का यह रवैया पूरी प्रशासनिक कार्रवाई को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है.

Last Updated : Jul 30, 2023, 2:07 PM IST
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