गौरेला पेंड्रा मरवाही: गौरेला पेंड्रा मरवाही में कलेक्टर ऑफिस और कम्पोजिट बिल्डिंग की प्रस्तावित भूमि को लेकर विरोध हो रहा है. अब इस तय भूमि के विरोध में मरवाही के पूर्व विधायक मैदान में उतर आए हैं. दीनदयाल पोर्ते एवं पहलवान सिंह मराबी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इस संबंध में मांग की है. दोनों का कहना है कि गुरुकुल परिसर में प्रस्तावित कलेक्टर कार्यालय को कहीं और शिफ्ट किया जाए. इसके लिए पहलवान सिंह मरावी ने सीएम बघेल को पत्र भी लिखा है. दूसरी तरफ सर्व आदिवासी समाज भी प्रस्तावित भूमि को बदलने की मांग कर रहा है.
पर्यावरण प्रेमी भी जता रहे विरोध: यहां प्रस्तावित कलेक्टर कार्यालय एवं कम्पोजिट बिल्डिंग के लिए गुरुकुल परिसर को चुना गया था. जिसको लेकर लोगों में काफी गुस्सा है. राजनेताओं के अलावा शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोग भी इसका विरोध कर रहे हैं.कुछ दिनों पहले गुरुकुल के छात्रों ने भी गुरुकुल परिसर में कलेक्टर कार्यालय भवन के निर्माण को लेकर नाराजगी जताई थी. उसके बाद यहां पेड़ काटे जाने पर पर्यवारण प्रेमियों ने भी हल्ला बोला था.
छात्रों ने सड़क किया था जाम: कलेक्टर कार्यालय और कम्पोजिट बिल्डिंग का निर्माण गुरुकुल परिसर में कराई जाने की बात पर विद्यार्थी वर्ग भी काफी नाराज हुआ था. बीते सप्ताह छात्र-छात्राओं ने सड़क पर उतरकर इस घटना को लेकर विरोध जताया था. विद्यार्थियों ने चक्काजाम किया था. उसके बाद प्रशासन ने काफी मान मनौव्वल के बाद विद्यार्थियों को समझाने का काम किया था. अब आदिवासी समाज भी इस मसले पर विरोध प्रदर्शन पर उतारू हो गया है. राजनेताओं का कहना है कि प्रशासन के इस रवैए से गुरुकुल परिसर में पढ़ाई लिखाई प्रभावित हो रही है.
"गुरुकुल आदिवासियों के लिए बनाया गया है. वहां आदिवासी बच्चों का विकास होता है. यह ऐतिहासिक चीज है. इसे लाने के लिए हमने बहुत संघर्ष किया है. वहां किसी भी प्रकार का भवन नहीं बनाना चाहिए. मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि गुरुकुल को गुरुकुल रहने दिया जाए"- दीनदयाल पोर्ते, पूर्व विधायक
सर्व आदिवासी समाज ने भी जताया विरोध: सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष दया सिंह वाकरे ने कहा है कि हम बहुत जल्द ही आदिवासी समाज के लोगों से इस पर चर्चा करेंगे. इसके साथ आदिवासी समाज के बुद्धिजीवी वर्गों के साथ सभी जनप्रतिनिधियों की मीटिंग करने वाले हैं. लोगों से जिला मुख्यालय और गुरुकुल को लेकर चर्चा की जा रही है. मीटिंग में जो भी फैसला होगा उसके बाद हम निर्णय लेंगे. लेकिन हम किसी भी सूरत में गुरुकुल विद्यालय को छोड़ने वाले नहीं है.