गौरेला पेंड्रा मरवाही: साध्वी भाग्यश्री देवी पेंड्रा पहुंची हैं. यहां उन्होंने लखन घाट सहित अन्य चिन्हित स्थलों को राम वन गमन पर्यटन परिपथ में शामिल किए जाने की मांग की है. साध्वी भाग्यश्री देवी झांसी से छत्तीसगढ़ में राम वन गमन मार्ग का भ्रमण करते पेंड्रा पहुंची. रविवार को साध्वी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बघेल सरकार के राम वन गमन पथ पर किए कार्यों की सराहना की.
साध्वी ने भूपेश सरकार से की मांग: शास्त्रों की मानें तो मर्यादा पुरुषोत्तम राम, माता सीता और लक्ष्मण जी ने वनवास के दौरान सबसे अधिक समय छत्तीसगढ़ में ही गुजारा था. जिन जगहों पर इनके पदचिन्ह पड़े, उन स्थानों को छत्तीसगढ़ सरकार विकसित कर रही है. छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार राम वन गमन पर्यटन परिपथ का निर्माण कर रही है. हालांकि राम वन गमन पर्यटन परिपथ में सोन नदी तट पर स्थित लखन घाट सहित अन्य पौराणिक स्थलों को शामिल नहीं किया गया है. जबकि यहां से भगवान श्रीराम के गुजरने और रुकने के प्रमाण मौजूद हैं. साध्वी भाग्यश्री ने बघेल सरकार से इन चिन्हित स्थलों को भी राम वन गमन पर्यटन परिपथ में शामिल किए जाने की मांग की है.
बघेल सरकार ने भगवान राम के वनवास के दौरान उनके गुजरे हर स्थान को चिन्हित कर उसे विकसित कर रही है. गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के उत्तर में स्थित लखन घाट, जो सोन नदी का प्रमुख घाट है. इसे भी सरकार को राम वन गमन पथ से जोड़ना चाहिए. बघेल सरकार ने श्री राम के ननिहाल में उनकी स्मृतियों को चिरस्थाई बनाने का काम किया है, ये सराहनीय है. -साध्वी भाग्यश्री
साध्वी ने हरचौका से शुरू की यात्रा: बता दें कि साध्वी भाग्यश्री देवी झांसी उत्तर प्रदेश से छत्तीसगढ़ में श्री राम वन गमन मार्ग का भ्रमण करते हुए रविवार को पेंड्रा पहुंची. अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने सोन नदी के लखन घाट, रामघाट और सीता घाट सहित अन्य पौराणिक स्थलों का भ्रमण किया. साध्वी ने छत्तीसगढ़ के हरिचौका से अपनी यात्रा शुरू की है और छत्तीसगढ़ में स्थित राम वन गमन मार्ग का दर्शन करने निकली हैं.