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Negligence in Jal Jeevan Mission : मरवाही में नलों से पानी के इंतजार में ग्रामीण, जल जीवन मिशन का काम कब होगा पूरा, जिम्मेदार दे रहे गोल मोल जवाब ?

Negligence in Jal Jeevan Mission गौरेला पेंड्रा मरवाही में जल जीवन मिशन योजना दम तोड़ती नजर आती है. इस योजना के तहत हर गांव तक साफ पानी पहुंचाना था. लेकिन अधिकारियों और ठेकेदारों की उदासीनता के कारण योजना का काम अधूरा है. Gaurela Pendra Marwahi

Negligence in Jal Jeevan Mission
जल जीवन मिशन का काम कब होगा पूरा
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 13, 2023, 6:03 PM IST

जल जीवन मिशन का काम कब होगा पूरा

गौरेला पेंड्रा मरवाही : हर घर तक स्वच्छ जल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन की शुरुआत पूरे देश में की गई थी. केंद्र सरकार की इस योजना के तहत साल 2024 से पहले देश के हर गांव तक साफ पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था.लेकिन गौरेला पेंड्रा मरवाही में जल जीवन मिशन योजना का बुरा हाल है. जिले के कई गांवों तक नल का कनेक्शन तो पहुंच गया है लेकिन ग्रामीण पिछले एक साल से नलों से पानी आने का इंतजार कर रहे हैं.

50 गांवों में नहीं पहुंचा पानी :गौरेला पेंड्रा मरवाही में ग्रामीण इलाकों में साफ पानी पहुंचाने की जिम्मेदारी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की है.लेकिन विभाग में काम करने वाले अधिकारी और इस योजना को पूरा करने वाले ठेकेदार मिशन को लेकर गंभीर नहीं दिखते. जिले के बम्हनी, डांड़ जमड़ी, मेढुका , लालपुर, सिलपहरी जैसे 50 से अधिक गावों में नल कनेक्शन से पानी नहीं आ रहा है.क्योंकि जिन गांवों में नल कनेक्शन लगाए गए हैं. वहां ना तो टंकी का निर्माण हुआ है और ना ही पाइपलाइन डालकर नलों का कनेक्शन उनसे जोड़ा गया है. बम्हनी गांव के लोगों की माने तो ठेकेदार ने नल तो लगा दिए हैं.लेकिन पानी के लिए कनेक्टिंग पाइप नहीं होने से पानी नहीं आ रहा.बोरिंग की भी व्यवस्था नहीं है.

''छह महीने से ज्यादा हो गया है नलों से पानी नहीं आ रहा है, हमको इधर-उधर से पीने के लिए पानी ढोकर लाना पड़ता है.''- नारायण सिंह,ग्रामीण

विभाग ने योजना के नाम पर की खानापूर्ति : पीएचई विभाग ने योजना के नाम पर खानापूर्ति कुछ इस तरह की है कि एक ही घर में दो-दो नल कनेक्शन लगा दिए हैं.बावजूद इसके घरों तक पानी नहीं पहुंचा है.ग्रामीणों की माने तो एक साल पहले से कनेक्शन लगे हैं.लेकिन अभी तक पानी नहीं आया. इस पूरे मामले में विभाग के एक्जीक्यूट इंजीनियर से बात की गई तो उन्होंने स्वीकारा कि जिले में लगभग 43 परसेंट ही काम हुआ है.

''60 फीसदी काम अभी अधूरा पड़ा है. जिला गठन के बाद DDO पावर देरी से मिला.साथ ही स्किल्ड स्टाफ की कमी की वजह से टारगेट समय पर पूरा नहीं हुआ है.''- आर के उरांव, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, पीएचई

बेमौसम बारिश ने खोली सड़क निर्माण की पोल, किनारे से बह गया रोड
छत्तीसगढ़ से छिन सकता है धान का कटोरा होने का तमगा !
गौरेला पेंड्रा मरवाही के सोन डायवर्सन बांध से पानी का रिसाव

क्यों नहीं काम हुआ पूरा : सूत्रों की माने तो ठेकेदारों ने विभाग के अधिकारियों से साठ गांठ करके अंतिम चरण के काम को पहले चरण में कर दिया.जिसके कारण नलों का कनेक्शन बिना पानी टंकी बने ही कर दिया गया.इस काम का भुगतान भी कर दिया गया.पैसे लेने के बाद ठेकेदार और विभाग के अधिकारियों ने बांकी के बचे कामों पर ध्यान नहीं दिया.इसी वजह से नलों में पानी नहीं आया.क्योंकि जब तक पानी की टंकी नहीं बनेगी ग्रामीणों के नलों तक पानी नहीं आएगा.

जल जीवन मिशन का काम कब होगा पूरा

गौरेला पेंड्रा मरवाही : हर घर तक स्वच्छ जल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन की शुरुआत पूरे देश में की गई थी. केंद्र सरकार की इस योजना के तहत साल 2024 से पहले देश के हर गांव तक साफ पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था.लेकिन गौरेला पेंड्रा मरवाही में जल जीवन मिशन योजना का बुरा हाल है. जिले के कई गांवों तक नल का कनेक्शन तो पहुंच गया है लेकिन ग्रामीण पिछले एक साल से नलों से पानी आने का इंतजार कर रहे हैं.

50 गांवों में नहीं पहुंचा पानी :गौरेला पेंड्रा मरवाही में ग्रामीण इलाकों में साफ पानी पहुंचाने की जिम्मेदारी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की है.लेकिन विभाग में काम करने वाले अधिकारी और इस योजना को पूरा करने वाले ठेकेदार मिशन को लेकर गंभीर नहीं दिखते. जिले के बम्हनी, डांड़ जमड़ी, मेढुका , लालपुर, सिलपहरी जैसे 50 से अधिक गावों में नल कनेक्शन से पानी नहीं आ रहा है.क्योंकि जिन गांवों में नल कनेक्शन लगाए गए हैं. वहां ना तो टंकी का निर्माण हुआ है और ना ही पाइपलाइन डालकर नलों का कनेक्शन उनसे जोड़ा गया है. बम्हनी गांव के लोगों की माने तो ठेकेदार ने नल तो लगा दिए हैं.लेकिन पानी के लिए कनेक्टिंग पाइप नहीं होने से पानी नहीं आ रहा.बोरिंग की भी व्यवस्था नहीं है.

''छह महीने से ज्यादा हो गया है नलों से पानी नहीं आ रहा है, हमको इधर-उधर से पीने के लिए पानी ढोकर लाना पड़ता है.''- नारायण सिंह,ग्रामीण

विभाग ने योजना के नाम पर की खानापूर्ति : पीएचई विभाग ने योजना के नाम पर खानापूर्ति कुछ इस तरह की है कि एक ही घर में दो-दो नल कनेक्शन लगा दिए हैं.बावजूद इसके घरों तक पानी नहीं पहुंचा है.ग्रामीणों की माने तो एक साल पहले से कनेक्शन लगे हैं.लेकिन अभी तक पानी नहीं आया. इस पूरे मामले में विभाग के एक्जीक्यूट इंजीनियर से बात की गई तो उन्होंने स्वीकारा कि जिले में लगभग 43 परसेंट ही काम हुआ है.

''60 फीसदी काम अभी अधूरा पड़ा है. जिला गठन के बाद DDO पावर देरी से मिला.साथ ही स्किल्ड स्टाफ की कमी की वजह से टारगेट समय पर पूरा नहीं हुआ है.''- आर के उरांव, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, पीएचई

बेमौसम बारिश ने खोली सड़क निर्माण की पोल, किनारे से बह गया रोड
छत्तीसगढ़ से छिन सकता है धान का कटोरा होने का तमगा !
गौरेला पेंड्रा मरवाही के सोन डायवर्सन बांध से पानी का रिसाव

क्यों नहीं काम हुआ पूरा : सूत्रों की माने तो ठेकेदारों ने विभाग के अधिकारियों से साठ गांठ करके अंतिम चरण के काम को पहले चरण में कर दिया.जिसके कारण नलों का कनेक्शन बिना पानी टंकी बने ही कर दिया गया.इस काम का भुगतान भी कर दिया गया.पैसे लेने के बाद ठेकेदार और विभाग के अधिकारियों ने बांकी के बचे कामों पर ध्यान नहीं दिया.इसी वजह से नलों में पानी नहीं आया.क्योंकि जब तक पानी की टंकी नहीं बनेगी ग्रामीणों के नलों तक पानी नहीं आएगा.

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