गौरेला पेंड्रा मरवाही : छत्तीसगढ़ में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने है. जिसके लिए चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा भी कर दी है. पहले चरण में जहां बस्तर समेत 20 विधानसभा क्षेत्र में वोटिंग होनी है. वहीं दूसरे चरण में बाकी सभी सीटों में चुनाव होने हैं,लेकिन चुनाव संपन्न करवाने के लिए जिले में दिव्यांग,लकवा ग्रस्त और मातृत्व अवकाश पर चल रहे कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगा दी गई है.जिससे सभी को काफी परेशानी हो रही है.
अक्षम कर्मचारियों को ड्यूटी के लिए बुलाया: छत्तीसगढ़ में चुनाव को लेकर उल्टी गिनती शुरु हो गई है. शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए शासकीय कर्मचारियों की ड्यूटी ट्रेनिंग और ड्यूटी भी लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.लेकिन ड्यूटी लगाते समय प्रशासन ने कर्मचारियों की शारीरिक स्थिति का ध्यान नहीं रखा. ऐसे कई शासकीय कर्मचारियों का ड्यूटी लिस्ट में नाम है जो या तो शारीरिक रूप से अक्षम हैं.
बीमार कर्मचारियों की लगाई गई ड्यूटी : काफी समय से लकवा ग्रस्त कर्मचारी, मातृत्व अवकाश पर चल रही महिलाएं और दिव्यांग कर्मचारी कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अतिरिक्त कलेक्टर के पास अपना मेडिकल प्रमाणपत्र जमा कर रहे हैं. कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि वे जिस विभाग के कर्मचारी हैं,वहां सभी को इस बात की जानकारी है.बावजूद इसके उनकी बीमारी और शारीरिक तकलीफ को ना देखते हुए ड्यूटी लगा दी गई.
अतिरिक्त कलेक्टर ने ऑन द रिकॉर्ड कुछ नहीं कहा : इनमें से कई कर्मचारी शारीरिक तकलीफ के बाद भी चुनाव ड्यूटी के लिए ट्रेनिंग कर चुके हैं.लेकिन अब जब शासन की ओर से कर्मचारियों को दोबारा मेडिकल जमा करने को कहा गया है. तो उन्हें उम्मीद है कि इस मामले में प्रशासन जरूर विचार करेगा. वहीं इस पूरे मामले में अतिरिक्त कलेक्टर ने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से मना कर दिया है. ऑफ द रिकॉर्ड कलेक्टर ने यही कहा कि प्रशासन सभी पहलुओं की जांच कर रहा है नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी.