गौरेला पेंड्रा मरवाही : जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष कैलाश राठौर ने राजस्व न्यायालयों के राजस्व कर्मचारी और अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अधिवक्ता संघ की माने तो कर्मचारी और अधिकारी बिना पैसों के काम नहीं करते हैं. डायवर्सन,नामांतरण, फौती, लेटर रिमार्क जैसा काम भी बिना रूपए लिए नहीं किया जाता है.अधिकारी कर्मचारी तो छोड़िए विभाग का चपरासी भी काम नहीं करता है.
अफसर और कर्मचारी मस्त, जनता त्रस्त : अधिवक्ता संघ की माने तो राजस्व अधिकारी सुबह 12 बजे तक कार्यालय नहीं पहुंचते. अधिवक्ताओं और पक्षकारों को पैसे के लिए प्रताड़ित किया जाता है. जिससे पक्षकारों का प्रकरण महीनों तक लंबित रहता है. राजस्व अधिकारी आवेदन मार्क करने का भी पैसा ले रहे हैं. यदि रुपए नहीं दिए जाते हैं तो वकीलों के आवेदन को गायब कर दिया जाता है. अधिवक्ता संघ का आरोप है कि राजस्व न्यायालय में आवेदन लेने के बाद 6-6 महीने तक किसी भी आवेदन का ऑनलाइन पंजीयन नहीं होता. अधिकारियों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि 6 महीने से प्रकरण के आदेश लंबित हैं.
''राजस्व न्यायालय में पैसे के बिना नोटिस नहीं निकल रहा है पैसा नहीं दिया जाता तो मूल आवेदन ही कार्यालय से गायब कर दिया जाता है.जब तक पैसा नहीं मिलता आवेदन पर कोई कार्यवाई नहीं की जाती. राजस्व अधिकारी इतने बेखौफ हैं कि प्रकरण के संबंध में बात करने पर सीधे कहते हैं कि जहां चाहे शिकायत कर दो. ऐसा लगता है कि इन्हें उच्च अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है. राजस्व अधिकारी अपने न्यायालय में पक्षकारों एवं अधिवक्ताओं के साथ दुर्व्यवहार और धोखेबाजी करते हैं.'' कैलाश राठौर, अध्यक्ष, जिला अधिवक्ता संघ
अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष कैलाश राठौर ने कहा है कि यदि राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों ने कार्य प्रणाली नहीं बदली तो सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा. गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के अधिवक्ता संघ ने राजस्व न्यायालय में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ इस तरह मोर्चा खोले जाने से जिले से लेकर राजधानी तक हड़कंप मचना तय है.