गरियाबंद: मील के पत्थर रास्ता और दूरी बताने के लिए होते हैं, लेकिन क्या हो जब ये खुद कन्फ्यूज करने लगें. नेशनल हाईवे 130 सी के किनारे लगे दो माइलस्टोन राहगीरों के लिए पहेली बन गए हैं. दोनों माइलस्टोन में से कौन सा सही है और कौन सा गलत ये समझ पाना राहगीरों के लिए बहुत मुश्किल हो गया है.
ये दोनों माइलस्टोन नेशनल हाईवे के किनारे एक ही स्थान पर अगल-बगल लगे हुए हैं. दोनों पर एक ही स्थान की दूरी अलग-अलग लिखी होने के कारण राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. यहां लगे एक माइलस्टोन पर एक में मैनपुर की दूरी 10 किमी लिखी हुई है, तो दूसरे में 11 किमी लिखी हुई है. दोनों माइनस्टोन पर लिखी दूरी में से कोई एक सही हो सकता है, लेकिन कौन सा सही है ये बता पाना मुश्किल है.
एक PWD ने लगवाया, तो दूसरा राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने
सबसे अहम बात ये है कि ये माइलस्टोन वर्षों से यहां लगे हुए हैं. एक माइलस्टोन को नेशनल हाईवे का दर्जा मिलने से पहले PWD विभाग द्वारा लगाया गया है और दूसरा राजमार्ग बनने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग द्वारा लगाया गया है. दोनों में से कौन सा माइलस्टोन सही है ये, तो जांच के बाद पता चलेगा, लेकिन फिलहाल ये माइलस्टोन राहगीरों के लिए चर्चा का विषय जरूर बने हुए हैं. कुछ लोग, तो हंसी मजाक में ये तक कह देते हैं कि लगता है गरियाबंद में जमीन खिसक गई है, इसलिए स्थान की दूरी में अंतर आ गया है.
ETV भारत ने ऐसा क्यों हुआ ये जानने की कोशिश की, लेकिन गरियाबंद में नेशनल हाईवे विभाग का कोई कार्यालय या कोई कर्मचारी नहीं है. हालांकि ये गलती से हुआ तो नहीं लगता है. क्योंकि पीडब्ल्यूडी के पुराने माइलस्टोन के बगल में इसे लगाया गया और किलोमीटर के अंतर ने इसे मजाक का पात्र बना दिया.