गरियाबंद : सूपेबेड़ा के ठरलीगुड़ा गांव में किडनी की बीमारी से एक और मौत हुई है. इसी के साथ सूपेबेड़ा में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 72 पहुंच गई है. इस मौत पर बेटे ने अपना दर्द भरी दास्तान सुनाते हुए कहा कि, 'आज यदि डायलिसिस की मशीन चालू होती तो शायद उसकी मां जिंदा होती'.
बुधवार को सूपेबेड़ा के उपसरपंच की मां की मौत हुई है. मृतका का नाम कोजिया बाई नेताम है. कोजिया बाई के बेटे का आरोप है कि, 'देवभोग में लगाई गई डायलिसिस की मशीन अगर चालू होती तो शायद उसकी मां जिंदा होती है'. उसका कहना है कि, 'डायलिसिस कराने रायपुर ले जाते समय ही उसकी मां की मौत हो गई'. वहीं मृतिका के बेटे ने भी कहा कि, 'इलाज कराते-कराते उनका जमीन जायदाद सब बिक गया, अब आगे का जीवन जीने के लिए किसी तरह की जमा पूंजी उनके पास बची नहीं है'.
डायलिसिस मशीन खा रही धूल
वही इस संबंध में जिले के सीएमएचओ से जब फोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि, 'आने वाले 12 मार्च को विश्व किडनी दिवस है उस दिन से देवभोग तथा चार अन्य जिलों में डायलिसिस मशीन प्रारंभ होगी'. बता दें कि देवभोग अस्पताल में अब तक डायलिसिस की मशीन धूल खा रही है उसे चालू करने के लिए विश्व किडनी दिवस का इंतजार किया जा रहा है.
अब 72 लोगों की हो चुकी है मौत
दरअसल, सूपेबेड़ा में कई लोग किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं. इसके कारण अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, सरकार का कहना है कि किडनी की बीमारी से प्रभावित लोगों का इलाज किया जा रहा है. इसके अलावा गांव में लोगों को पीने के लिए साफ पानी की इंतजाम कर दिया है. सरकार ने अभी हाल ही में ये दावा भी किया था कि अब इस बीमारी से पीड़ित कोई नया मरीज सामने नहीं आया है.