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गरियाबंद : बारिश में बिना काम का है तेल नदी पर बना पुल, उफनते नालों ने रोका ग्रामीणों का रास्ता - बारिश का कहर

प्रशासन ने तेल नदी पर पुल का निर्माण कराया गया था फिर भी लोग आज उफनते नालों को पार करने को मजबूर हैं.

उफनते नाले और सूखा पड़ा पुल
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Published : Aug 19, 2019, 9:27 PM IST

Updated : Aug 25, 2019, 2:31 PM IST

गरियाबंद : बारिश ने लोगों का हाल बेहाल कर रखा है. उफनते नदी नालों के पुल और सड़क का पता नहीं चल रहा है. पुल बना भी है तो उसका कोई उपयोग नहीं है. ऐसा ही कुछ हाल है देवभोग का, जहां तेल नदी पर करोड़ों रुपए खर्च कर ब्रिज बनाने के बाद भी बारिश में लोग अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. तेल नदी तक पहुंचने से पहले ही राहगीरों को अपना रास्ता बदलना पड़ता है या फिर 'खतरों के खिलाड़ी' बनकर जान जोखिम में डालना पड़ता है.

पैकेज स्टोरी.

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर 13 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद लोग इस पुल का फायदा क्यों नहीं उठा पा रहे हैं, तो इसकी वजह है तेल नदी से पहले पड़ने वाले दो नाले, जो तेज बारिश के कारण उफान पर हैं. इन नालों पर पुल नहीं बनाए गए हैं, जिसके चलते ग्रामीण यहीं फंसे रहते हैं और मुख्य पुल तक पहुंच ही नहीं पाते, जिससे 36 गांव के 30 हजार ग्रामीण मुख्यालय से कट जाते हैं.

पढ़ें : जम्मू कश्मीर : तावी नदी पर फंसे दो लोग, वायुसेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन कर बचाया

तेल नदी पर पुल का निर्माण

दरअसल, करोड़ों रुपए खर्च कर तेल नदी पर पुल का निर्माण कराया गया था, लेकिन इस पुल तक पहुंचने के लिए लोगों को उससे पहले बने दो पुल को पार करना पड़ता है इसके बाद ही वे तेल नदी पर बने ब्रिज तक पहुंच सकते हैं. करोड़ों रुपए खर्च कर बना ये पुल लोगों के लिए बारिश के मौसम में अनुपयोगी साबित होता है.

दोनों नालों पर पुल बनाने की मांग

लोगों का कहना है कि इन दोनों नालों पर पुल नहीं होने के कारण वो तेल नदी पर बने पुल तक पहुंच ही नहीं पाते, लिहाजा ये पुल उनके किसी काम का नहीं है. ग्रामीण जल्द से जल्द दोनों नालों पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि, 'प्रशासन से जल्द ही नाले पर पुल निर्माण का आश्वासन दिया गया है'.

'बारिश के समय नाले उफान पर आ जाते है'

गांव के शिक्षकों का कहना है कि, 'दोनों नालों पर छोटे-छोटे पुल बनाने को लेकर प्रशासन से मांग की गई है, लेकिन अब तक मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है, जब बारिश होती है तो नाले उफान पर आ जाते हैं, जिससे लोग नाले ही नहीं पार कर पाते तो बड़ा पुल व्यर्थ साबित होता है. ऐसे में ड्यूटी पर जाने के लिए कई बार बरसात में इन्हें जान जोखिम में डालकर बेलाज नाला और मुंगिया नाला पार करना पड़ता है. इस दौरान कई बार लोग बह जाते हैं फिर आगे जाकर तैर कर बाहर निकलना पड़ता है'.

गरियाबंद : बारिश ने लोगों का हाल बेहाल कर रखा है. उफनते नदी नालों के पुल और सड़क का पता नहीं चल रहा है. पुल बना भी है तो उसका कोई उपयोग नहीं है. ऐसा ही कुछ हाल है देवभोग का, जहां तेल नदी पर करोड़ों रुपए खर्च कर ब्रिज बनाने के बाद भी बारिश में लोग अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. तेल नदी तक पहुंचने से पहले ही राहगीरों को अपना रास्ता बदलना पड़ता है या फिर 'खतरों के खिलाड़ी' बनकर जान जोखिम में डालना पड़ता है.

पैकेज स्टोरी.

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर 13 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद लोग इस पुल का फायदा क्यों नहीं उठा पा रहे हैं, तो इसकी वजह है तेल नदी से पहले पड़ने वाले दो नाले, जो तेज बारिश के कारण उफान पर हैं. इन नालों पर पुल नहीं बनाए गए हैं, जिसके चलते ग्रामीण यहीं फंसे रहते हैं और मुख्य पुल तक पहुंच ही नहीं पाते, जिससे 36 गांव के 30 हजार ग्रामीण मुख्यालय से कट जाते हैं.

पढ़ें : जम्मू कश्मीर : तावी नदी पर फंसे दो लोग, वायुसेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन कर बचाया

तेल नदी पर पुल का निर्माण

दरअसल, करोड़ों रुपए खर्च कर तेल नदी पर पुल का निर्माण कराया गया था, लेकिन इस पुल तक पहुंचने के लिए लोगों को उससे पहले बने दो पुल को पार करना पड़ता है इसके बाद ही वे तेल नदी पर बने ब्रिज तक पहुंच सकते हैं. करोड़ों रुपए खर्च कर बना ये पुल लोगों के लिए बारिश के मौसम में अनुपयोगी साबित होता है.

दोनों नालों पर पुल बनाने की मांग

लोगों का कहना है कि इन दोनों नालों पर पुल नहीं होने के कारण वो तेल नदी पर बने पुल तक पहुंच ही नहीं पाते, लिहाजा ये पुल उनके किसी काम का नहीं है. ग्रामीण जल्द से जल्द दोनों नालों पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि, 'प्रशासन से जल्द ही नाले पर पुल निर्माण का आश्वासन दिया गया है'.

'बारिश के समय नाले उफान पर आ जाते है'

गांव के शिक्षकों का कहना है कि, 'दोनों नालों पर छोटे-छोटे पुल बनाने को लेकर प्रशासन से मांग की गई है, लेकिन अब तक मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है, जब बारिश होती है तो नाले उफान पर आ जाते हैं, जिससे लोग नाले ही नहीं पार कर पाते तो बड़ा पुल व्यर्थ साबित होता है. ऐसे में ड्यूटी पर जाने के लिए कई बार बरसात में इन्हें जान जोखिम में डालकर बेलाज नाला और मुंगिया नाला पार करना पड़ता है. इस दौरान कई बार लोग बह जाते हैं फिर आगे जाकर तैर कर बाहर निकलना पड़ता है'.

Intro:स्लग--ब्रिज वेस्ट -परेशानियां बरकरार

एंकर--- गरियाबंद जिले के देवभोग में तेल नदी पर बना 13 करोड का पुल बरसात में कई बार व्यर्थ साबित होता है इस पुल के ।बावजूद ब्लॉक मुख्यालय का संपर्क 36 गांव से कट जाता है जिससे 30000 लोग प्रभावित हो रहे हैं दरअसल इस पुल के पहले पड़ने वाले दो छोटे-छोटे नालों पर पुल बनाया ही नहीं गया है ऐसे में लोग बड़ी नदी पुल के ऊपर से पार कर लेते हैं लेकिन नाले के पास आकर पानी की वजह से उन्हें अधिकांशत वापस लौटना पड़ता है पानी अगर कुछ कम रहा तो लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करते नजर आते हैं मगर इसके फेरे में कई बार हादसे भी हो जाते हैंBody:वीओ--गरियाबंद की तेल नदी पर 14 करोड की लागत से पुल बनने के बाद भी जिले के अंतिम छोर पर बसे 36 गॉव की मुसीबतें कम होती नजर नही आ रही है, बारिश के दिनों में लोगो को अभी भी परेशानियों का सामना करना पड रहा है, 36 गॉव को ब्लॉक और जिला मुख्यालय से जोडने वाले दोनों रास्ते के बीच पडने वाले नाले इसकी मुख्य वजह है, बारिश के दिनों में इन रास्तो पर पडने वाले बेलाट और मुंगिया नाला के उपर से पानी बहने के कारण आवाजाही बंद हो जाती है, जिसके चलते 36 गॉव का संपर्क टुट जाता है, लोगो का मानना है कि ये दोनो नाले नही बनने के कारण तेल नदी पर करोडो की लागत से बना पुल उनके लिए बेकार साबित है रहा है, ग्रामीण जल्द से जल्द दोनो नालो का निर्माण करने की मांग कर रहे है, कांग्रेस नेताओं ने अगले साल बारिश से पहले दोनो नाले बन जाने का आश्वाश्न दिया है।Conclusion:वीओ---वैसे कई शिक्षक बताते हैं कि ड्यूटी के लिए कई बार बरसात में इन्हें जान जोखिम में डालकर बेलाज नाला और मुंगिया नाला पार करना पड़ता है इस दौरान कई बार लोग बह जाते हैं फिर आगे जाकर तैर कर बाहर निकलना पड़ता है जब पानी कमर तक पहुंच जाता है तो अत्यधिक जोखिम के डर से आवागमन पूरी तरह बंद हो जाता है वही इस मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि इस परेशानी को कोई 4 5 सौ लोग ही नहीं बल्कि लगभग 30000 लोग झेल रहे हैं बावजूद इसके प्रशासन ने नदी पर बड़ा पुल तो बना दिया लेकिन उसके पहले बहने वाले इन दोनों नालों पर छोटे-छोटे पुल बनाने में प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है जब बारिश होती है तो पहले नाला भर जाता है लोग नाला ही नहीं पार कर पाते तो बड़ा पुल व्यर्थ साबित होता है

बाइट 1---मनोज तिवारी, शिक्षक........
बाइट 2---नरेन्द्र ठाकुर, शिक्षक.......
बाइट 3---अन्नू खान, ग्रामीण..........
बाइट 4---संजय नेताम, कांग्रेस नेता...........
Last Updated : Aug 25, 2019, 2:31 PM IST
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