गरियाबंद: सिंचाई विभाग के एक कर्मचारी ने चार महीने का वेतन नहीं मिलने से परेशान होकर खुदकुशी कर ली. मृतक ने सुसाइड नोट में विभाग के क्लर्क पर रिश्वत लेने के बाद भी वेतन जारी नहीं करने का गंभीर आरोप लगाया है.
खेत में की खुदकुशी
मामला सामने आने के बाद सिंचाई विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. 25 जून को सिंचाई विभाग के पांडुका सब डिवीजन में वॉचमैन के पद पर पदस्थ ऋषि ध्रुव ने अपने खेत में खुदकुशी कर ली.
सुसाइड नोट में रिश्वत मांगने का आरोप
मौके पर मिले सुसाइड नोट को देखकर पुलिस भी दंग रह गयी. मृतक ने पांडुका थाना प्रभारी के नाम लिखे सुसाइड नोट में चार महीने का वेतन जारी करने के बदले विभाग के तीन बाबुओं पर 25 हजार की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है.
नाती ने बताई नाना की आपबीती
शिकायत की पुष्टि करते हुए मृतक के नाती ने कहा कि 'रिश्वत की पहली किश्त 15000 रुपये बाबुओं को देने के बाद जल्द वेतन जारी करने की फरियाद लगाने के लिए वह भी अपने नाना के साथ सिंचाई विभाग के जिला कार्यालय गया था.
सदमे में परिवार
उसने कहा कि 'कार्यालय में पदस्थ बाबू बाकि बचे 10 हजार रुपये देने के बाद ही वेतन जारी करने की बात अड़े रहे. इस पर उसके नाना जब 10 हजार रुपये का इंतजाम नहीं कर पाए तो उन्होंने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली'. चौकीदार ऋषि ध्रुव की ओर से अचानक उठाये गए इस कदम से उनका परिवार सदमे में है.
आरोपियों पर दर्ज हुई एफआईआर
मामले की जांच कर रही पांडुका पुलिस कड़ियों को जोड़ने में जुटी है. थाना प्रभारी हर्षवर्धन बैस ने मामले में विभाग के तीन कर्मचारियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कर ली है. इसके साथ ही वेतन जारी नहीं करने को लेकर विभाग के बड़े अधिकारियों से भी पूछताछ कर रहे हैं. थाना प्रभारी ने जल्द ही मामले की सच्चाई सामने लाकर दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है.
सवालों के घेरे में विभाग की कार्यशैली
मामले में कौन दोषी है, ये तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा. लेकिन फिलहाल जिस तरह के आरोप सिंचाई विभाग के कर्मचारियों पर लगे हैं, उससे विभाग की कार्यशैली जरूर सवालों के घेरे में आ गई है.