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गरियाबंद: ODF गांव में सरपंच के ही घर नहीं है शौचालय

जिले के दर्रीपारा में सरपंच की ओर से चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने पर एक ग्रमीण ने शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में सरपंच को अमान्य घोषित करने की मांग की गई है.

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Published : Feb 20, 2020, 8:51 AM IST

Updated : Feb 20, 2020, 9:24 AM IST

Villagers demanded disqualification of sarpanch in Gariaband
सरपंच के घर में शौचालय नहीं

गरियाबंद: दर्रीपारा में नवनिर्वाचित सरपंच की ओर से अपने हलफनामे पर गलत जानकारी देने का मामला सामने आया है. गांव के विष्णु नेताम ने कलेक्टर से मामले की शिकायत की है. शिकायत में नवनिर्वाचित सरपंच द्वारा चुनाव के दौरान अपने हलफनामे में शौचालय होने की गलत जानकारी देने की शिकायत की गई है.

सरपंच के घर नहीं है शौचालय

शिकायत में महत्वपूर्ण बात ये है कि नवनिर्वाचित सरपंच के नाम से दो साल पहले स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय की राशि भी जारी होने का जिक्र किया गया है. मतलब शासन से राशि जारी होने के बाद भी शौचालय नहीं बनाया गया.

नियम के मुताबिक शौचालय होना जरूरी

शिकायतकर्ता का आरोप है कि सरपंच ने चुनाव के दौरान भी हलफनामे में शौचालय होने की झूठी जानकारी चुनाव आयोग को दी है. बता दें कि चुनाव आयोग के निर्देश के मुताबिक सरपंच चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी के घर शौचालय होना अनिवार्य है. शिकायतकर्ता ने इसी आधार पर सरपंच को आयोग्य घोषित करने की मांग कलेक्टर से की है.

ODF घोषित हो चुका है गांव

जिला प्रशासन दो साल पहले ही गांव को ODF घोषित कर चुका है. मतलब सरकारी कागजों में जिला प्रशासन के मुताबिक गांव के हर घर में शौचालय बन चुका है. वहीं सरपंच पति शंकरलाल ध्रुव ने इस मामले में सफाई देते हुए बता रहे है कि उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर बड़ा शौचालय बनाया है. जो राशि शासन से उसके नाम पर जारी हुई थी उसे उन्होंने उसी शौचालय में खर्च किया है. इस पर गांव के लोग इसे नियम के खिलाफ बता रहे हैं.

शौचालय बनवाने में जुटा सरपंच

जिला प्रशासन ने इस मामले में चुप्पी साध ली है. सरपंच अपनी कुर्सी बचाने के लिए आनन-फानन में शौचालय बनाने में जुट गया है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में कोई कार्रवाई होगी या फिर इस मामले को भी कागजी कार्रवाई में ही निपटा दिया जाएगा.

गरियाबंद: दर्रीपारा में नवनिर्वाचित सरपंच की ओर से अपने हलफनामे पर गलत जानकारी देने का मामला सामने आया है. गांव के विष्णु नेताम ने कलेक्टर से मामले की शिकायत की है. शिकायत में नवनिर्वाचित सरपंच द्वारा चुनाव के दौरान अपने हलफनामे में शौचालय होने की गलत जानकारी देने की शिकायत की गई है.

सरपंच के घर नहीं है शौचालय

शिकायत में महत्वपूर्ण बात ये है कि नवनिर्वाचित सरपंच के नाम से दो साल पहले स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय की राशि भी जारी होने का जिक्र किया गया है. मतलब शासन से राशि जारी होने के बाद भी शौचालय नहीं बनाया गया.

नियम के मुताबिक शौचालय होना जरूरी

शिकायतकर्ता का आरोप है कि सरपंच ने चुनाव के दौरान भी हलफनामे में शौचालय होने की झूठी जानकारी चुनाव आयोग को दी है. बता दें कि चुनाव आयोग के निर्देश के मुताबिक सरपंच चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी के घर शौचालय होना अनिवार्य है. शिकायतकर्ता ने इसी आधार पर सरपंच को आयोग्य घोषित करने की मांग कलेक्टर से की है.

ODF घोषित हो चुका है गांव

जिला प्रशासन दो साल पहले ही गांव को ODF घोषित कर चुका है. मतलब सरकारी कागजों में जिला प्रशासन के मुताबिक गांव के हर घर में शौचालय बन चुका है. वहीं सरपंच पति शंकरलाल ध्रुव ने इस मामले में सफाई देते हुए बता रहे है कि उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर बड़ा शौचालय बनाया है. जो राशि शासन से उसके नाम पर जारी हुई थी उसे उन्होंने उसी शौचालय में खर्च किया है. इस पर गांव के लोग इसे नियम के खिलाफ बता रहे हैं.

शौचालय बनवाने में जुटा सरपंच

जिला प्रशासन ने इस मामले में चुप्पी साध ली है. सरपंच अपनी कुर्सी बचाने के लिए आनन-फानन में शौचालय बनाने में जुट गया है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में कोई कार्रवाई होगी या फिर इस मामले को भी कागजी कार्रवाई में ही निपटा दिया जाएगा.

Last Updated : Feb 20, 2020, 9:24 AM IST
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