बता दें विशेषज्ञों ने यहां की मिट्टी और पानी में हेवी मेटल्स की मौजूदगी को स्वीकारा है. गांव में फ्लोराइड और आर्सेनिक रिमूवल प्लांट लगाए गए, लेकिन इसके 6 माह बाद भी मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.
हल निकालने की कोशिश करेंगे सिंहदेव
पिछली सरकार पर कांग्रेस कई बार सुपेबेड़ा की उपेक्षा और लोगों के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगा चुकी है. लोगों की लगातार हो रही मौतों के बाद प्रशासन जागा है और आज स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव खुद सुपेबेड़ा पहुंच रहे हैं. सिंह देव सुपेबेड़ा में पीड़ितों से मिलेंगे और यहां की समस्या सुनकर अधिकारियों से हल निकलवाने की कोशिश करेंगे.
हो सकते हैं कई बड़े निर्णय
21 जुलाई 2016 को ये मामला प्रकाश में आया था. पिछली सरकार इस मामले का हल नहीं ढूंढ पाई, जिसको ध्यान में रखते हुए वर्तमान सरकार इसे लेकर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. यही कारण है कि खुद स्वास्थ्य मंत्र टीएस सिंह देव आज सुपेबेड़ा जा रहे हैं. सिंहदेव के सुपेबेड़ा पहुंचने पर कई बड़े निर्णय होने का अनुमान लगाया जा रहा है. अबतक इस मामले में 70 लोगों की मौत हो चुकी है.
भूपेश बघेल भी मिल चुके हैं ग्रामीणों से
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी पहले विपक्ष में रहते हुए यहां पहुंच चुके हैं और यहां उन्होंने लोगों से कई जरूरी वादे भी किए थे. ग्रामीण अब मुख्यमंत्री बनने के बाद भूपेश बघेल से काफी आशा लगाए बैठे हैं.
आज सुपेबेड़ा दौरे पर टीएस सिंहदेव, यहां किडनी रोग से जा चुकी हैं 70 जानें
गरियाबंदः जिले के अंतिम छोर पर ओडिशा की सीमा पर बसा गांव सुपेबेड़ा तिल-तिल कर मर रहा है. सुपेबेड़ा में लोग किडनी की बीमारी से परेशान हैं. किडनी की बीमारी से पीड़ित लोगों का हाल जानने आज स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सुपेबेड़ा दौरे पर पहुंचेंगे.
बता दें विशेषज्ञों ने यहां की मिट्टी और पानी में हेवी मेटल्स की मौजूदगी को स्वीकारा है. गांव में फ्लोराइड और आर्सेनिक रिमूवल प्लांट लगाए गए, लेकिन इसके 6 माह बाद भी मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.
हल निकालने की कोशिश करेंगे सिंहदेव
पिछली सरकार पर कांग्रेस कई बार सुपेबेड़ा की उपेक्षा और लोगों के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगा चुकी है. लोगों की लगातार हो रही मौतों के बाद प्रशासन जागा है और आज स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव खुद सुपेबेड़ा पहुंच रहे हैं. सिंह देव सुपेबेड़ा में पीड़ितों से मिलेंगे और यहां की समस्या सुनकर अधिकारियों से हल निकलवाने की कोशिश करेंगे.
हो सकते हैं कई बड़े निर्णय
21 जुलाई 2016 को ये मामला प्रकाश में आया था. पिछली सरकार इस मामले का हल नहीं ढूंढ पाई, जिसको ध्यान में रखते हुए वर्तमान सरकार इसे लेकर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. यही कारण है कि खुद स्वास्थ्य मंत्र टीएस सिंह देव आज सुपेबेड़ा जा रहे हैं. सिंहदेव के सुपेबेड़ा पहुंचने पर कई बड़े निर्णय होने का अनुमान लगाया जा रहा है. अबतक इस मामले में 70 लोगों की मौत हो चुकी है.
भूपेश बघेल भी मिल चुके हैं ग्रामीणों से
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी पहले विपक्ष में रहते हुए यहां पहुंच चुके हैं और यहां उन्होंने लोगों से कई जरूरी वादे भी किए थे. ग्रामीण अब मुख्यमंत्री बनने के बाद भूपेश बघेल से काफी आशा लगाए बैठे हैं.
Body:मौतों का गांव बनकर रह गया है सूपेबेड़ा
नहीं थम रहा है मौतों का सिलसिला
लगातार मौतों से दहशत में है पूरा गांव
खुद स्वास्थ्य मंत्री आज सुपेबेड़ा में सुनेंगे लोगों की समस्याएं
गरियाबंद जिले के अंतिम छोर पर उड़ीसा की सीमा पर बसा गांव सुपेबेड़ा तिल तिल कर मर रहा है विशेषज्ञों ने यहां की मिट्टी और पानी में हेवी मेटल्स की मौजूदगी की बात कही है इसके बाद गांव में फ्लोराइड और आर्सेनिक रिमूवल प्लांट लगाए गए किंतु इसके 6 माह बाद भी आज मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा हर मौत के बाद सुपेबेड़ा के बाकी किडनी पीड़ित सहम से जाते हैं कि कहीं अगला नंबर उनका तो नहीं
21 जुलाई 2016 को प्रकाश में आए सुपेबेड़ा के मुद्दे के बाद पिछली सरकार इस मुद्दे का हल नहीं ढूंढ पाई जिसे लेकर पूरे प्रदेश में शासन-प्रशासन की खूब किरकिरी हुई लेकिन वर्तमान सरकार इसे लेकर कोई कसर नहीं छोड़ दे देना चाहती यही कारण है कि खुद स्वास्थ्य मंत्र टीएस सिंह देव आज सुपेबेड़ा जा रहे हैं यहां भी पीड़ितों से मिलेंगे उनके हाल जानेंगे और उनकी समस्याओं का हल करवाने का प्रयास करेंगे वहां की स्थितियों को समझेंगे और आगामी दिनों मे सुपेबेड़ा के मुद्दे पर कई बड़े निर्णय होने का अनुमान है किंतु इसके पूर्व स्वास्थ्य मंत्री वहां के हालात देखना चाहते हैं
वैसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद विपक्ष में रहते हुए यहां पहुंच चुके हैं और उन्होंने वहां के लोगों को कई जरूरी वादे भी किए थे ग्रामीण अब मुख्यमंत्री बनने के बाद भूपेश बघेल से काफी आशा लगाए बैठे हैं
Conclusion:।