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Gariaband Rajim Maghi Punni Mela: त्रिवेणी संगम में स्नान के साथ राजिम माघी पुन्नी मेले की शुरुआत

Gariaband Rajim Maghi Punni Mela: गरियाबंद के त्रिवेणी संगम में स्नान के साथ राजिम माघी पुन्नी मेले की शुरुआत हो चुकी है. भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने आज राजिम पहुंच पूजा-अर्चना की.

Gariaband Triveni Sangam
गरियाबंद त्रिवेणी संगम
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Published : Feb 16, 2022, 12:17 PM IST

Updated : Feb 16, 2022, 9:17 PM IST

गरियाबंद: माघी पुन्नी स्नान के साथ आज से राजिम माघी पुन्नी मेले का आगाज (Gariaband Rajim Maghi Punni Mela) हो चुका है. श्रद्धालु बड़ी संख्या में राजिम पहुंचकर त्रिवेणी स्नान और मंदिरों में पूजा-अर्जना कर रहे हैं. त्रिवेणी स्नान और मंदिरों में पूजा सुबह 4 बजे से ही शुरू हो गई, जो आज दिनभर जारी रहेगी. श्रद्धालुओं के राजिम पहुंचने का सिलसिला बीती रात से ही शुरू हो गया था.

राजिम माघी पुन्नी मेला

राजिम में रेत का शिवलिंग बनाकर पूजा

खास बात यह है कि राजिम में रेत का शिवलिंग बनाकर पूजा की जाती है. मान्यता है कि पहले त्रिवेणी में स्नान किया जाता है. फिर नदी की रेत से शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा-अर्जना की जाती है. उसके बाद राजिम में भगवान कुलेश्वरनाथ और भगवान राजीव लोचन मंदिर में श्रद्धालु दर्शन करते हैं. आज के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

यह भी पढ़ें: राजिम माघी पुन्नी मेला: हजारों श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में लगाई डुबकी

हिन्दू धर्म में विशेष महत्व

हिन्दू धर्म में माघी पुन्नी स्नान का विशेष महत्व है. गरियाबंद, रायपुर, महासमुंद, धमतरी के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों से भी श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में महानदी पैरी और सुरूर नदी के त्रिवेणी संगम पर पहुंचकर पुन्नी स्नान किया.

गरियाबंद: माघी पुन्नी स्नान के साथ आज से राजिम माघी पुन्नी मेले का आगाज (Gariaband Rajim Maghi Punni Mela) हो चुका है. श्रद्धालु बड़ी संख्या में राजिम पहुंचकर त्रिवेणी स्नान और मंदिरों में पूजा-अर्जना कर रहे हैं. त्रिवेणी स्नान और मंदिरों में पूजा सुबह 4 बजे से ही शुरू हो गई, जो आज दिनभर जारी रहेगी. श्रद्धालुओं के राजिम पहुंचने का सिलसिला बीती रात से ही शुरू हो गया था.

राजिम माघी पुन्नी मेला

राजिम में रेत का शिवलिंग बनाकर पूजा

खास बात यह है कि राजिम में रेत का शिवलिंग बनाकर पूजा की जाती है. मान्यता है कि पहले त्रिवेणी में स्नान किया जाता है. फिर नदी की रेत से शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा-अर्जना की जाती है. उसके बाद राजिम में भगवान कुलेश्वरनाथ और भगवान राजीव लोचन मंदिर में श्रद्धालु दर्शन करते हैं. आज के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

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हिन्दू धर्म में विशेष महत्व

हिन्दू धर्म में माघी पुन्नी स्नान का विशेष महत्व है. गरियाबंद, रायपुर, महासमुंद, धमतरी के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों से भी श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में महानदी पैरी और सुरूर नदी के त्रिवेणी संगम पर पहुंचकर पुन्नी स्नान किया.

Last Updated : Feb 16, 2022, 9:17 PM IST
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