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रातों रात चोरी हो गया आदिवासी आश्रम, कौन है दोषी ? - Theft of tribal boy girls ashram school Badegobra

गरियाबंद की मैनपुर में एक अजीब मामला सामने आया है. यहां पर ग्रामीणों ने बालक बालिका आश्रम चोरी हो जाने की शिकायत पुलिस से की (Tribal ashram was stolen overnight in gariyaband) है.

Tribal ashram was stolen overnight
रातों रात चोरी हो गया आदिवासी आश्रम
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Published : Jun 20, 2022, 5:49 PM IST

गरियाबंद : आपने अब तक सोना चांदी हीरा मोती , बस और ट्रक की चोरी के मामले सामने देखे और सुने होंगे. लेकिन गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र में एक अनोखा मामला सामने आया (Tribal ashram was stolen overnight in gariyaband) है. जिसमें विकासखंड मुख्यालय मैनपुर से 22 किमी दूर बिहड़ जंगल में बसे आदिवासी कमार जनजाति ग्राम पंचायत गोबरा के सरपंच रामस्वरूप मरकाम एवं पूर्व सरपंच रेखा ध्रुव के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में आदिवासी महिला पुरूष ग्रामीण मैनपुर थाना पहुंचकर शाला भवन चोरी होने की शिकायत दर्ज कराए हैं.

कब हुआ स्कूल भवन चोरी : आदिवासी बालक बालिका आश्रम शाला बड़ेगोबरा वर्ष 1989 से संचालित हो रहा था. लेकिन वर्ष 2012-13 में चोरी हो गया.जिसकी खोज खबर करते और पता लगाते 10 वर्ष हो गए. लेकिन अब तक आदिवासी बालक बालिका आश्रम नही (Theft of tribal boy girls ashram school Badegobra) मिला. लिहाजा अब ग्रामीणों के सामने समस्या ये है कि वो अपने बच्चों को पढ़ाई करने के लिए कहां भेजे.जिसकी शिकायत लेकर सभी ग्रामीण थाने पहुंचे थे.

क्या है पूरा मामला : तहसील मुख्यालय (Gariyaband news ) मैनपुर से 22 किमी दूर दूरस्थ वनांचल में बसा ग्राम पंचायत गोबरा में शासन ने विशेष पिछड़ी कमार जनजाति के बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने सन् 1989 में आदिवासी बालक आश्रम शुरु किया था. इस आदिवासी बालक आश्रम में 100 बच्चे अध्यनरत थे. वर्ष 2010-11 में जब बड़ेगोबरा आश्रम भवन निर्माण के लिए लाखों रूपये की राशि जारी की गई तो आश्रम भवन को बड़ेगोबरा के बजाय दूसरी अलग पंचायत वहां से लगभग 10 किमी दूर ग्राम पंचायत भाठीगढ़ में पहाड़ी के नीचे निर्माण कर दिया गया. जब आश्रम भवन गोबरा के लिए लाखों रूपए राशि स्वीकृत हुआ तो फिर आश्रम भवन को 10 किलोमीटर दूर ग्राम भाठीगढ़ में कैसे निर्माण किया गया. अब तक इसकी जांच नही की गई.

रातों-रात बालक आश्रम गायब : ग्राम गोबरा के सरपंच रामस्वरूप मरकाम एवं ग्रामीणों के मुताबिक सन् 2012-13 में रातों-रात बगैर किसी को बताए इस आश्रम के पूरे सामाग्री को भाठीगढ़ में लाकर स्थानांतरित कर दिया गया. तब सुबह ग्राम गोबरा के ग्रामीणों को इसका पता लगा तो ग्रामीणों ने मैनपुर शिक्षा विभाग में पहुंचकर लिखित में शिकायत करते हुए भी 10 वर्ष पहले आश्रम चोरी होने की बात कही थी. तब शिक्षा विभाग के आला अफसरों ने आश्वासन दिया गया था कि जल्द ही बड़ेगोबरा में आश्रम को वापस भेज दिया जायेगा. लेकिन अब तक नही भेजा गया. इस दौरान पिछले 10 वर्षो से लगातार ग्रामीण विधायक, सांसद, कलेक्टर और मंत्री को कई बार आवेदन देकर थक चुके हैं. आखिरकार फरियाद पुलिस के पास भेजी गई है.


पुलिस का बयान : मैनपुर थाना प्रभारी (Mainpur Police Station Gariyaband) सूर्यकांत भारद्वाज ने बताया कि '' ग्राम पंचायत बड़ेगोबरावासियों ने एक लिखित आवेदन दिया है. जिसमें आदिवासी बालक बालिका आश्रम शाला बड़ेगोबरा चोरी होने की शिकायत है. इसकी जांच करने में अभी समय लगेगा.''

गरियाबंद : आपने अब तक सोना चांदी हीरा मोती , बस और ट्रक की चोरी के मामले सामने देखे और सुने होंगे. लेकिन गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र में एक अनोखा मामला सामने आया (Tribal ashram was stolen overnight in gariyaband) है. जिसमें विकासखंड मुख्यालय मैनपुर से 22 किमी दूर बिहड़ जंगल में बसे आदिवासी कमार जनजाति ग्राम पंचायत गोबरा के सरपंच रामस्वरूप मरकाम एवं पूर्व सरपंच रेखा ध्रुव के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में आदिवासी महिला पुरूष ग्रामीण मैनपुर थाना पहुंचकर शाला भवन चोरी होने की शिकायत दर्ज कराए हैं.

कब हुआ स्कूल भवन चोरी : आदिवासी बालक बालिका आश्रम शाला बड़ेगोबरा वर्ष 1989 से संचालित हो रहा था. लेकिन वर्ष 2012-13 में चोरी हो गया.जिसकी खोज खबर करते और पता लगाते 10 वर्ष हो गए. लेकिन अब तक आदिवासी बालक बालिका आश्रम नही (Theft of tribal boy girls ashram school Badegobra) मिला. लिहाजा अब ग्रामीणों के सामने समस्या ये है कि वो अपने बच्चों को पढ़ाई करने के लिए कहां भेजे.जिसकी शिकायत लेकर सभी ग्रामीण थाने पहुंचे थे.

क्या है पूरा मामला : तहसील मुख्यालय (Gariyaband news ) मैनपुर से 22 किमी दूर दूरस्थ वनांचल में बसा ग्राम पंचायत गोबरा में शासन ने विशेष पिछड़ी कमार जनजाति के बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने सन् 1989 में आदिवासी बालक आश्रम शुरु किया था. इस आदिवासी बालक आश्रम में 100 बच्चे अध्यनरत थे. वर्ष 2010-11 में जब बड़ेगोबरा आश्रम भवन निर्माण के लिए लाखों रूपये की राशि जारी की गई तो आश्रम भवन को बड़ेगोबरा के बजाय दूसरी अलग पंचायत वहां से लगभग 10 किमी दूर ग्राम पंचायत भाठीगढ़ में पहाड़ी के नीचे निर्माण कर दिया गया. जब आश्रम भवन गोबरा के लिए लाखों रूपए राशि स्वीकृत हुआ तो फिर आश्रम भवन को 10 किलोमीटर दूर ग्राम भाठीगढ़ में कैसे निर्माण किया गया. अब तक इसकी जांच नही की गई.

रातों-रात बालक आश्रम गायब : ग्राम गोबरा के सरपंच रामस्वरूप मरकाम एवं ग्रामीणों के मुताबिक सन् 2012-13 में रातों-रात बगैर किसी को बताए इस आश्रम के पूरे सामाग्री को भाठीगढ़ में लाकर स्थानांतरित कर दिया गया. तब सुबह ग्राम गोबरा के ग्रामीणों को इसका पता लगा तो ग्रामीणों ने मैनपुर शिक्षा विभाग में पहुंचकर लिखित में शिकायत करते हुए भी 10 वर्ष पहले आश्रम चोरी होने की बात कही थी. तब शिक्षा विभाग के आला अफसरों ने आश्वासन दिया गया था कि जल्द ही बड़ेगोबरा में आश्रम को वापस भेज दिया जायेगा. लेकिन अब तक नही भेजा गया. इस दौरान पिछले 10 वर्षो से लगातार ग्रामीण विधायक, सांसद, कलेक्टर और मंत्री को कई बार आवेदन देकर थक चुके हैं. आखिरकार फरियाद पुलिस के पास भेजी गई है.


पुलिस का बयान : मैनपुर थाना प्रभारी (Mainpur Police Station Gariyaband) सूर्यकांत भारद्वाज ने बताया कि '' ग्राम पंचायत बड़ेगोबरावासियों ने एक लिखित आवेदन दिया है. जिसमें आदिवासी बालक बालिका आश्रम शाला बड़ेगोबरा चोरी होने की शिकायत है. इसकी जांच करने में अभी समय लगेगा.''

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