गरियाबंद: जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत पंचायत ने गांव में शौचालयों के निर्माण कराए हैं, लेकिन उसकी गुणवत्ता का कोई ख्याल नहीं रखा गया है. शौचालय की हालत ऐसी हो गई है कि ग्रामीण इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं. शौच के लिए खुले में जाने को मजबूर हैं.
बता दें कि सुपेबेड़ा के विकास कार्यों की मॉनिटरिंग सीधे मंत्री और आला अफसरों की निगरानी में होती है, उसके बावजूद भी मैदानी शासकीय अमला ऐसे कारनामे दिखाने से बाज नहीं आ रहा है.
सुपेबेड़ा में शौचालय का निर्माण तो कर दिया गया है, लेकिन शौचालयों में न तो दरवाजे हैं और न ही पानी. इतना ही नहीं शौचालय को गांव के बाहर बनाए गए हैं, जिसके कारण ग्रामीण इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं.