गरियाबंद : नक्सलियों द्वारा तेंदूपत्ता गोदाम में लगाई आग 18 घंटे बाद भी पूरी तरह बुझ नहीं पाई है. आग बुझाने के लिए धमतरी से एक और फायर ब्रिगेड बुलाई गई है, जिसके चलते अधिकारी खासे परेशान हैं.
दरअसल, तेंदूपत्ता आग को सुलगाने का काम करता है, जिसके चलते थोड़ी सी हवा लगने पर आग दोबारा भड़क उठती है, लिहाजा अब तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका है. नक्सलियों द्वारा की गई इस आगजनी में 9 करोड़ का तेंदूपत्ता जलकर खाक हो गया है, वहीं 35 लाख की लागत से बने गोदाम को भी खासा नुकसान हुआ है भीषण आग के चलते गोदाम में लगी टीन बुरी तरह मुड़ गई है.
3 गोदामों में था 30 करोड़ का तेंदूपत्ता
यहां तीन गोदाम थे, जिनमें 25 से 30 करोड़ रुपए का तेंदूपत्ता रखा था, इन गोदाम की सुरक्षा के लिए तीन चौकीदार रखे गए थे, लेकिन उन्हें सुरक्षा के लिए कोई भी हथियार नहीं दिया गया था, लिहाजा नक्सलियों ने इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दे दिया.
गोदाम में था 2 साल का तेंदूपत्ता
डीएफओ ने बताया कि, 'पिछले 2 साल का तेंदूपत्ता भी इस गोदाम में रखा था'. वहीं नक्सलियों द्वारा चौकीदारों को बंधक बनाकर आग लगाने से वनकर्मियों में दहशत का माहौल है.
बीमा कंपनी से क्लेम नहीं ले पाया विभाग
पूरे मामले को लेकर मुख्य वन संरक्षक संजीता भी घटनास्थल का मुआयना करने पहुंची थी, इसे लेकर जब अधिकारियों से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि तेंदूपत्ता का बीमा है, लेकिन कई पुराने प्रकरणों में भी विभाग बीमा कंपनी से क्लेम नहीं ले पाया है.