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छत्तीसगढ़ के 'प्रयागराज' में माता सीता ने विराजे थे कुलेश्वर महादेव ! - तीन नदियों का संगम

गुरुवार को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा. इसे लेकर ETV भारत अपने दर्शकों को छत्तीसगढ़ के 'प्रयागराज', यानी राजिम में स्थित कुलेश्वर महादेव के दर्शन करा रहा है.

kuleshwar mahadev temple
कुलेश्वर महादेव की महिमा
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Published : Mar 10, 2021, 6:27 AM IST

Updated : Mar 10, 2021, 11:58 AM IST

गरियाबंद: महाशिवरात्रि भगवान शिव के भक्तों के लिए सबसे बड़ा दिन होता है. महाशिवरात्रि के मौके पर ETV भारत आपको छत्तीसगढ़ का 'प्रयागराज' कहे जाने वाले कुलेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन करा रहा है. तीन नदियों पैरी, सोंढूर और महानदी के संगम स्थल पर स्थित होने के कारण इसे छत्तीसगढ़ का प्रयागराज कहा जाता है. राजिम में स्थित कुलेश्वर महादेव मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां स्थित शिवलिंग की स्थापना माता सीता ने की थी. कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने कराया था. दूसरी मान्यता है ये भी है कि आठवीं शताब्दी में तत्कालीन राजा ने मंदिर का निर्माण कराया था.

कुलेश्वर महादेव की महिमा

महाशिवरात्रि को लेकर पूरे देश में जगह-जगह शिव भक्त भोले बाबा की भक्ति में लीन नजर आ रहे हैं. छत्तीसगढ़ में भी हर तरफ भगवान शिव के जयकारे गूंज रहे हैं. शिव मंदिर में पूजा और जलाभिषेक करने भक्तों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं. राजिम के त्रिवेणी संगम में भक्तों की भीड़ और लंबी कतार इस मंदिर के महत्व और यहां की प्रसिद्धि बताती है.

30 फीट ऊंची चट्टान पर विराजमान हैं महादेव

मंदिर के बारे में एक और रोचक जानकारी ये भी है कि देश में अकेले कुलेश्वर महादेव और राजीव लोचन मंदिर ही दो ऐसे मंदिर हैं, जहां क्षत्रिय, राजपूत और ठाकुर परिवार के सदस्य मंदिर में पूजा अर्चना और इसकी देखरेख करते हैं. मंदिर नदी के तल से करीब 30 फीट ऊपर है. मंदिर का आधार कई कोणों में बंटा हुआ है. हर तरफ से 3 नदियों का जल और उसकी तेज धाराएं मंदिर के आधार पर लगातार प्रवाहित होती हैं, लेकिन मंदिर हमेशा स्थिर रहता है.

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कोरोना ने डाला खलल

श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है. यही कारण है कि साल दर साल यहां शिव भक्तों की भीड़ बढ़ती जा रही है, लेकिन इस साल कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए भीड़ पहले से कुछ कम है. सरकार ने भी महाशिवरात्रि पर्व को लेकर अपने स्तर पर सारी तैयारी पूरी कर ली है.

शिव भक्तों के लिए खासा महत्व रखता है ये स्थल

भोपाल से पहुंची एक श्रद्धालु ने बताया कि वे जब भी छत्तीसगढ़ आती हैं, तो कुलेश्वर महादेव के दर्शन करने जरूर आती हैं. शिव भक्तों ने कहा कि भोलेनाथ के भक्तों के लिए यह जगह बेहद महत्व रखती है. सावन हो या महाशिवरात्रि, शिव के भक्त अपने-अपने क्षेत्र से जल लेकर यहां शिवलिंग पर चढ़ाने जरूर पहुंचते हैं. इसके अलावा माघी पुन्नी मेले के दौरान औसतन हर दिन 20 हजार से ज्यादा भक्त यहां दर्शन करने जरूर आते हैं. अनुमान के मुताबिक हर साल महाशिवरात्रि के महज 1 दिन में डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालु यहां दर्शन करने पहुंचते हैं.

गरियाबंद: महाशिवरात्रि भगवान शिव के भक्तों के लिए सबसे बड़ा दिन होता है. महाशिवरात्रि के मौके पर ETV भारत आपको छत्तीसगढ़ का 'प्रयागराज' कहे जाने वाले कुलेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन करा रहा है. तीन नदियों पैरी, सोंढूर और महानदी के संगम स्थल पर स्थित होने के कारण इसे छत्तीसगढ़ का प्रयागराज कहा जाता है. राजिम में स्थित कुलेश्वर महादेव मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां स्थित शिवलिंग की स्थापना माता सीता ने की थी. कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने कराया था. दूसरी मान्यता है ये भी है कि आठवीं शताब्दी में तत्कालीन राजा ने मंदिर का निर्माण कराया था.

कुलेश्वर महादेव की महिमा

महाशिवरात्रि को लेकर पूरे देश में जगह-जगह शिव भक्त भोले बाबा की भक्ति में लीन नजर आ रहे हैं. छत्तीसगढ़ में भी हर तरफ भगवान शिव के जयकारे गूंज रहे हैं. शिव मंदिर में पूजा और जलाभिषेक करने भक्तों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं. राजिम के त्रिवेणी संगम में भक्तों की भीड़ और लंबी कतार इस मंदिर के महत्व और यहां की प्रसिद्धि बताती है.

30 फीट ऊंची चट्टान पर विराजमान हैं महादेव

मंदिर के बारे में एक और रोचक जानकारी ये भी है कि देश में अकेले कुलेश्वर महादेव और राजीव लोचन मंदिर ही दो ऐसे मंदिर हैं, जहां क्षत्रिय, राजपूत और ठाकुर परिवार के सदस्य मंदिर में पूजा अर्चना और इसकी देखरेख करते हैं. मंदिर नदी के तल से करीब 30 फीट ऊपर है. मंदिर का आधार कई कोणों में बंटा हुआ है. हर तरफ से 3 नदियों का जल और उसकी तेज धाराएं मंदिर के आधार पर लगातार प्रवाहित होती हैं, लेकिन मंदिर हमेशा स्थिर रहता है.

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कोरोना ने डाला खलल

श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है. यही कारण है कि साल दर साल यहां शिव भक्तों की भीड़ बढ़ती जा रही है, लेकिन इस साल कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए भीड़ पहले से कुछ कम है. सरकार ने भी महाशिवरात्रि पर्व को लेकर अपने स्तर पर सारी तैयारी पूरी कर ली है.

शिव भक्तों के लिए खासा महत्व रखता है ये स्थल

भोपाल से पहुंची एक श्रद्धालु ने बताया कि वे जब भी छत्तीसगढ़ आती हैं, तो कुलेश्वर महादेव के दर्शन करने जरूर आती हैं. शिव भक्तों ने कहा कि भोलेनाथ के भक्तों के लिए यह जगह बेहद महत्व रखती है. सावन हो या महाशिवरात्रि, शिव के भक्त अपने-अपने क्षेत्र से जल लेकर यहां शिवलिंग पर चढ़ाने जरूर पहुंचते हैं. इसके अलावा माघी पुन्नी मेले के दौरान औसतन हर दिन 20 हजार से ज्यादा भक्त यहां दर्शन करने जरूर आते हैं. अनुमान के मुताबिक हर साल महाशिवरात्रि के महज 1 दिन में डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालु यहां दर्शन करने पहुंचते हैं.

Last Updated : Mar 10, 2021, 11:58 AM IST
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