ETV Bharat / state

ये बच्चियां हैं कमाल, तंग करने वालों का कर देंगी बुरा हाल, देखिए इनके कारनामे - कराटे

गरियाबंद की कुछ स्कूली छात्राएं गर्मियों में भी पसीना बहा कर कराटे का हुनर सीख रही हैं.

काराटे का हुनर दिखाती छात्राएं
author img

By

Published : May 11, 2019, 3:31 PM IST

Updated : May 11, 2019, 3:55 PM IST

गरियाबंद: कराटे एक कला तो है लेकिन इसके साथ ही ये आत्मरक्षा का एक बड़ा हथियार भी है. खासकर महिलाओं और युवतियों के लिए आत्मरक्षा का ये कला बहुत ही कारगर साबित हो सकती है. इसी सोच और जज्बे के साथ गरियाबंद की कुछ स्कूली छात्राएं गर्मियों में भी पसीना बहा कर ये कला सीख रही हैं.

ये बच्चियां हैं कमाल

सेल्फ डिफेंस में माहिर बन रही छात्राएं
स्कूल की छुट्टियों के बाद भी चिलचिलाती गर्मी में पसीना बहा रही इन छात्राओं की तस्वीर गरियाबंद के देवभोग कस्तूरबा गांधी आश्रम की है. ये छात्राएं छुट्टियों में मौज मस्ती करने के बजाय कराटे की ट्रेनिंग ले रही हैं. इनका मकसद है कि ये सेल्फ डिफेंस में माहिर बनें और अपने साथियों को भी आत्मरक्षा के गुर सिखाएं.

निशुल्क ट्रेनिंग दे रही कराटे कोच बरखा राजपूत
स्कूल की इन छात्राओं को ये ट्रेनिंग कोच बरखा राजपूत द्वारा निशुल्क दी जा रही है. बरखा समय-समय पर देवभोग पहुंचकर इन छात्राओं को कराटे के गुर सिखाती हैं. साथ ही अच्छी खिलाड़ियों को प्रतियोगिताओं में भेजने की जिम्मेदारी भी निभाती हैं. बरखा का कहना है कि 20 दिन की ट्रेनिंग के बाद अब ये छात्राएं इतनी निपुण हो चुकी हैं कि किसी के भी दांत खट्टे कर सकती हैं. इन्हीं छात्राओं में से मीनाक्षी साहू और पदमलता कराटे प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर देवभोग और छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर चुकी हैं.

थाना प्रभारी ने किया छात्राओं को सम्मानित
कराटे प्रशिक्षण ले रही इन छात्राओं पर थाना प्रभारी सत्येन्द्र श्याम की नजर पड़ी तो उन्होंने अन्य छात्राओं को भी प्रेरित करने के लिए देवभोग कॉलेज में एक कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में कस्तुरबा गांधी की यहां इन नन्ही छात्राओं ने कॉलेज की छात्राओं के सामने अपने कौशल का प्रदर्शन किया. साथ ही उन्हें कराटे सीखने पर मजबूर कर दिया. इस दौरान थाना प्रभारी ने कराटे की इन नन्ही खिलाड़ियों को सम्मानित भी किया.

ट्रेनिंग के बाद छात्राओं के हौसलें देखकर लगता है कि अब इन्हें किसी की मदद की जरुरत नहीं है. ये छात्राएं अपनी सुरक्षा तो कर ही सकती है साथ ही दुसरों की मदद भी बेहतर ढंग से कर सकती हैं.

गरियाबंद: कराटे एक कला तो है लेकिन इसके साथ ही ये आत्मरक्षा का एक बड़ा हथियार भी है. खासकर महिलाओं और युवतियों के लिए आत्मरक्षा का ये कला बहुत ही कारगर साबित हो सकती है. इसी सोच और जज्बे के साथ गरियाबंद की कुछ स्कूली छात्राएं गर्मियों में भी पसीना बहा कर ये कला सीख रही हैं.

ये बच्चियां हैं कमाल

सेल्फ डिफेंस में माहिर बन रही छात्राएं
स्कूल की छुट्टियों के बाद भी चिलचिलाती गर्मी में पसीना बहा रही इन छात्राओं की तस्वीर गरियाबंद के देवभोग कस्तूरबा गांधी आश्रम की है. ये छात्राएं छुट्टियों में मौज मस्ती करने के बजाय कराटे की ट्रेनिंग ले रही हैं. इनका मकसद है कि ये सेल्फ डिफेंस में माहिर बनें और अपने साथियों को भी आत्मरक्षा के गुर सिखाएं.

निशुल्क ट्रेनिंग दे रही कराटे कोच बरखा राजपूत
स्कूल की इन छात्राओं को ये ट्रेनिंग कोच बरखा राजपूत द्वारा निशुल्क दी जा रही है. बरखा समय-समय पर देवभोग पहुंचकर इन छात्राओं को कराटे के गुर सिखाती हैं. साथ ही अच्छी खिलाड़ियों को प्रतियोगिताओं में भेजने की जिम्मेदारी भी निभाती हैं. बरखा का कहना है कि 20 दिन की ट्रेनिंग के बाद अब ये छात्राएं इतनी निपुण हो चुकी हैं कि किसी के भी दांत खट्टे कर सकती हैं. इन्हीं छात्राओं में से मीनाक्षी साहू और पदमलता कराटे प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर देवभोग और छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर चुकी हैं.

थाना प्रभारी ने किया छात्राओं को सम्मानित
कराटे प्रशिक्षण ले रही इन छात्राओं पर थाना प्रभारी सत्येन्द्र श्याम की नजर पड़ी तो उन्होंने अन्य छात्राओं को भी प्रेरित करने के लिए देवभोग कॉलेज में एक कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में कस्तुरबा गांधी की यहां इन नन्ही छात्राओं ने कॉलेज की छात्राओं के सामने अपने कौशल का प्रदर्शन किया. साथ ही उन्हें कराटे सीखने पर मजबूर कर दिया. इस दौरान थाना प्रभारी ने कराटे की इन नन्ही खिलाड़ियों को सम्मानित भी किया.

ट्रेनिंग के बाद छात्राओं के हौसलें देखकर लगता है कि अब इन्हें किसी की मदद की जरुरत नहीं है. ये छात्राएं अपनी सुरक्षा तो कर ही सकती है साथ ही दुसरों की मदद भी बेहतर ढंग से कर सकती हैं.

Intro:स्लग----खेल के साथ आत्मरक्षा
एंकर----कराटे एक खेल तो है ही मगर आत्मरक्षा का एक बडा हथियार भी है, खासकर महिलाओं और युवतियों के लिए बहुत कारगर साबित हो सकता है, यही सोचकर गरियाबंद की कुछ स्कूली छात्राएं गर्मी में पसीना बहा रही है।
Body:वीओ 1----स्कूली की छुट्टियों के बाद भी चिलचिलाती गर्मी में पसीना बहा रही ये गरियाबंद के देवभोग कस्तूरबा गॉधी आश्रम की छात्राएं है, जो छुट्टियो में मौज मस्ती करने की बजाय कराटे की ट्रेनिंग ले रही है, इनका मकसद है कि वे सेल्फ डिफेंस बने और अपनी सेहिलयों को आत्मरक्षा के गुरु सिखायें, 20 दिन की ट्रेनिंग की बाद अब ये छात्राएं इतनी निपुण हो गयी है कि अच्छे खासों के दांत खट्टे कर सकती है, वैसे मीनाक्षी साहू और पदमलता कराटे प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर भी देवभोग और छत्तीसगढ का नाम रोशन कर चुकी है।
बाइट 1----मीनाक्षी साहू, छात्रा..........
बाइट 2---पदमलता यादव, छात्रा.............
वीओ 2----स्कूल की इन छात्राओं को ये ट्रेनिंग कोच बरखा राजपूत के द्वारा निशुल्क दी जा रही है, जो समय समय पर देवभोग पहुंचकर इन छात्राओं को कराटे के गुरु सिखाती है साथ ही अच्छी खिलाडियों को प्रतियोगिताओं में भेजने की जिम्मेदारी भी निभाती है, कराटे प्रशिक्षण ले रही इन छात्राओं पर थाना प्रभारी सत्येन्द्र श्याम की नजर पडी तो उऩ्होंने दुसरी छात्राओं को प्रेरित करने के लिए देवभोग कॉलेज में एक कार्यक्रम का आय़ोजन किया जिसमें कस्तुरबा गॉधी की इन नन्ही छात्राओं ने कॉलेज की छात्राओं के सामने अपने कौशल का प्रदर्शन करके उऩ्हें भी कराटे सिखने पर मजबूर कर दिया, थाना प्रभारी ने कराटे की इन नन्ही खिलाडियों को सम्मानित भी किया।
बाइट 3-----बरखा साजपूत, कोच.........
बाइट 4---सत्येन्द्र श्याम, थाना प्रभारी, देवभोग.........
बाइट 5----पुष्पा सिन्हा, कॉलेज छात्रा...........
Conclusion:फाईनल वीओ----ट्रेनिंग के बाद छात्राओं के हौसलें देखकर लगता है कि अब इन्हे किसी की मदद की जरुरत नही है, ये अपनी सुरक्षा तो कर ही सकती है बल्कि दुसरो की मदद भी बेहतर ढंग से कर सकती है।
Last Updated : May 11, 2019, 3:55 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.