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राजिम पुन्नी मेलाः संत समागम की शुरुआत, बढ़ेगा मेले का दायरा - राजिम मेले में संत समागम

राजिम माघी पुन्नी मेले में संत समागम की शुरुआत हो गई है. बड़ी संख्या में साधु-संत राजिम पहुंचे हैं. इस दौरान गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने राजिम मेले को लेकर घोषणा की है.

Sant Samagam begins at Rajim fair in gariyaband
राजिम मेले में संत समागम की हुई शुरुआत
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Published : Feb 16, 2020, 8:05 AM IST

Updated : Feb 28, 2020, 5:42 PM IST

गरियाबंद: राजिम माघी पुन्नी मेला में शनिवार को संत समागम की शुरुआत हुई. इस मौके पर वृन्दावन के महामंडलेश्वर योगी नवल गिरी महाराज और अन्य साधु-संत शामिल हुए. कार्यक्रम में धर्मस्व और प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू बतौर मुख्य अतिथी शामिल हुए. इसके साथ ही सिहावा विधायक लक्ष्मी ध्रुव भी शामिल हुईं.

संत समागम की शुरुआत, बढ़ेगा मेले का दायरा

मौके पर ताम्रध्वज साहू ने कहा कि राजिम माघी पुन्नी मेला में पिछले साल की तरह ही इस साल भी छत्तीसगढ़ की संस्कृति, खेल, तीज त्यौहार, बोली और व्यंजनों को समावेश कर मूल पहचान को लौटाने का प्रयास किया गया है.

मेले को बढ़ाने की योजना

ताम्रध्वज साहू ने कहा कि आने वाले सालों में मेले को चिन्हित स्थान पर लगाया जाएगा. इसके लिए 25 एकड़ की जमीन का चिन्हांकन किया गया है. साथ ही कहा कि नए स्थान पर मेला में आने वाले लोगों और साधु संतों के लिए आश्रम, आवास और अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी.

सरकार की इस योजना पर बोले संत

अयोध्या से पधारे जालेश्वर महाराज ने कहा कि आज शासन पुनः अपनी मौलिक संस्कृति की ओर लौट रहा है. साथ ही शासन की योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसी योजनाओं से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.

इन स्थानों से पहुंचे साधू-संत

समारोह में जोधपुर से योगीराज स्वामी ज्ञानस्वरूपानंद महाराज, अयोध्या से महंत जालेश्वर महाराज , राजीव लोचन मंदिर अध्यक्ष महंत रामसुन्दरदास महाराज , सतना से संस्कृताचार्य पंडित रामहेतु गर्ग शास्त्री, महंत साध्वी प्रज्ञा भारती, प्रयागराज से पंडित ऋषिराज त्रिपाठी, नवागांव से महंत उमेशानंद गिरी महाराज, के साथ बड़ी संख्या में साधु-संत शामिल हुए.

गरियाबंद: राजिम माघी पुन्नी मेला में शनिवार को संत समागम की शुरुआत हुई. इस मौके पर वृन्दावन के महामंडलेश्वर योगी नवल गिरी महाराज और अन्य साधु-संत शामिल हुए. कार्यक्रम में धर्मस्व और प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू बतौर मुख्य अतिथी शामिल हुए. इसके साथ ही सिहावा विधायक लक्ष्मी ध्रुव भी शामिल हुईं.

संत समागम की शुरुआत, बढ़ेगा मेले का दायरा

मौके पर ताम्रध्वज साहू ने कहा कि राजिम माघी पुन्नी मेला में पिछले साल की तरह ही इस साल भी छत्तीसगढ़ की संस्कृति, खेल, तीज त्यौहार, बोली और व्यंजनों को समावेश कर मूल पहचान को लौटाने का प्रयास किया गया है.

मेले को बढ़ाने की योजना

ताम्रध्वज साहू ने कहा कि आने वाले सालों में मेले को चिन्हित स्थान पर लगाया जाएगा. इसके लिए 25 एकड़ की जमीन का चिन्हांकन किया गया है. साथ ही कहा कि नए स्थान पर मेला में आने वाले लोगों और साधु संतों के लिए आश्रम, आवास और अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी.

सरकार की इस योजना पर बोले संत

अयोध्या से पधारे जालेश्वर महाराज ने कहा कि आज शासन पुनः अपनी मौलिक संस्कृति की ओर लौट रहा है. साथ ही शासन की योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसी योजनाओं से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.

इन स्थानों से पहुंचे साधू-संत

समारोह में जोधपुर से योगीराज स्वामी ज्ञानस्वरूपानंद महाराज, अयोध्या से महंत जालेश्वर महाराज , राजीव लोचन मंदिर अध्यक्ष महंत रामसुन्दरदास महाराज , सतना से संस्कृताचार्य पंडित रामहेतु गर्ग शास्त्री, महंत साध्वी प्रज्ञा भारती, प्रयागराज से पंडित ऋषिराज त्रिपाठी, नवागांव से महंत उमेशानंद गिरी महाराज, के साथ बड़ी संख्या में साधु-संत शामिल हुए.

Last Updated : Feb 28, 2020, 5:42 PM IST
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