गरियाबंद: पंचायत सचिवों के बाद अब ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक भी हड़ताल की राह पर हैं. ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों ने 23 जनवरी को एक दिवसीय सामूहिक अवकाश लेंगे. इसी अवकाश के दौरान स्वास्थ्य संयोजक आगे की रणनीति बनाने की बात कह रहे हैं. जिले में 350 से अधिक ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक कार्यरत हैं. वहीं, प्रदेशभर में इनकी संख्या 13 हजार 500 से अधिक है.
वेतन विसंगति से परेशान हैं स्वास्थ्य संयोजक
दरअसल, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक और सुपरवाइजरों का कहना है कि इनके सामने ट्रेनिंग लेने वाले अन्य पदों पर पदस्थ सहकर्मियों का वेतन अधिक है, लेकिन इन्हें कम वेतन में भी काम करना पड़ रहा है. ग्रेड की अगर बात करें, तो इन्हें 2200 का पे ग्रेड दिया जाता है, जबकि उनके ही बराबर योग्य अन्य पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को 2800 का पे ग्रेड मिलता है. इसकी वजह से स्वास्थ्य संयोजकों को हर महीने 8 से 10 हजार का नुकसान हो रहा है.
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सफाई कर्मचारी और टीए की भी है मांग
ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक का कहना है कि जिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में यह काम करते हैं, वहां सफाईकर्मियों की काफी आवश्यकता होती है. कई बार डिलीवरी होने के बाद भी सफाईकर्मी नहीं होने के चलते कमरा इन्हें साफ करना पड़ता है. अन्य मरीज इंतजार करते रहते हैं, जिसमें इन्हें काफी परेशानी होती है. सभी उप स्वास्थ्य केंद्रों में सफाई कर्मचारियों की व्यवस्था की मांग ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों ने रखी है. फिलहाल आधे से भी कम उप स्वास्थ्य केंद्रों में सफाई कर्मचारी उपलब्ध हैं. इसके अलावा इन्होंने ट्रैवलिंग अलाउंस की भी मांग की है.