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आदिवासियों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा

उदंती सीतानदी क्षेत्र के हजारों ग्रामीणों ने गरियाबंद कलेक्ट्रेट का घेराव किया. तेंदूपत्ता का उचित मूल्य दिए जाने को लेकर ग्रामीण आंदोलन कर रहे हैं.

protest of villagers in gariyaband
आदिवासी ग्रामीणों का आंदोलन
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Published : Feb 22, 2021, 5:47 PM IST

Updated : Feb 23, 2021, 2:51 PM IST

गरियाबंद: उदंती सीतानदी के हजारों ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बड़ी संख्या में ग्रामीण गरियाबंद पहुंचे और कलेक्ट्रेट के सामने विरोध प्रदर्शन किया. तेंदूपत्ता का उचित मूल्य दिए जाने को लेकर ग्रामीण आंदोलन कर रहे हैं.

आदिवासी ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा

आंदोलनकारियों का कहना है कि उदंती सीतानदी अभयारण्य क्षेत्र में तेन्दूपत्ता संग्रहण का अधिकार दिया जाये. उनकी मांग है कि तेन्दूपत्ता प्रति सैकड़ा 500 रुपये, बुटा कटाई में 400 रुपये बढ़ाया जाए. उदंती सीतानदी अभयारण्य के अंचलों में तेन्दूपत्ता फड़ खोला जाये. मुंशी, चेकर, प्रबंधक, बोरा भर्ती गांव के माध्यम से और वेतन बढ़ाया जाये. उनका कहना है कि पहले भी तहसील मुख्यालय मैनपुर और जिला मुख्यालय में उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व कार्यालय का घेराव किया गया था. लेकिन अब तक कोई भी मांग पूरी नहीं हुई. ग्रामीणों को मजबूरन आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा.

बेमेतरा: पेयजल की समस्या से परेशान सरदा के ग्रामीणों ने किया चक्काजाम

ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाए भी उपलब्ध नहीं

ग्रामीणों का आरोप है कि उदंती सीतानदी अभयारण्य क्षेत्र के कोर एरिया में ग्रामीणाें को न तो तेन्दूपत्ता तोड़ने दिया जाता है और न ही किसी भी प्रकार का वनोपज संग्रहण करने दिया जाता है. जिसके चलते उदंती सीतानदी अभयारण्य क्षेत्र के कोर क्षेत्र में निवास करने वाले हजाराें लोगों के सामने जीविकोपार्जन की गंभीर समस्या पैदा हो जाती है. इन कोर इलाकों के गांव में सड़क, बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. जब भी सड़क और बिजली सुविधा की बात आती है, वन विभाग रोक लगा देता है. जिसके चलते ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है.

गरियाबंद: उदंती सीतानदी के हजारों ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बड़ी संख्या में ग्रामीण गरियाबंद पहुंचे और कलेक्ट्रेट के सामने विरोध प्रदर्शन किया. तेंदूपत्ता का उचित मूल्य दिए जाने को लेकर ग्रामीण आंदोलन कर रहे हैं.

आदिवासी ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा

आंदोलनकारियों का कहना है कि उदंती सीतानदी अभयारण्य क्षेत्र में तेन्दूपत्ता संग्रहण का अधिकार दिया जाये. उनकी मांग है कि तेन्दूपत्ता प्रति सैकड़ा 500 रुपये, बुटा कटाई में 400 रुपये बढ़ाया जाए. उदंती सीतानदी अभयारण्य के अंचलों में तेन्दूपत्ता फड़ खोला जाये. मुंशी, चेकर, प्रबंधक, बोरा भर्ती गांव के माध्यम से और वेतन बढ़ाया जाये. उनका कहना है कि पहले भी तहसील मुख्यालय मैनपुर और जिला मुख्यालय में उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व कार्यालय का घेराव किया गया था. लेकिन अब तक कोई भी मांग पूरी नहीं हुई. ग्रामीणों को मजबूरन आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा.

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ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाए भी उपलब्ध नहीं

ग्रामीणों का आरोप है कि उदंती सीतानदी अभयारण्य क्षेत्र के कोर एरिया में ग्रामीणाें को न तो तेन्दूपत्ता तोड़ने दिया जाता है और न ही किसी भी प्रकार का वनोपज संग्रहण करने दिया जाता है. जिसके चलते उदंती सीतानदी अभयारण्य क्षेत्र के कोर क्षेत्र में निवास करने वाले हजाराें लोगों के सामने जीविकोपार्जन की गंभीर समस्या पैदा हो जाती है. इन कोर इलाकों के गांव में सड़क, बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. जब भी सड़क और बिजली सुविधा की बात आती है, वन विभाग रोक लगा देता है. जिसके चलते ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है.

Last Updated : Feb 23, 2021, 2:51 PM IST
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