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जब पैसे मिले तो लोगों को लगा मोदी ले आए कालाधन, सच जानने पर उड़े होश

गरियाबंद में एक निजी बैंक से जुड़े बैंक मित्रों ने 'पे नियर बाय एप' से 20 लाख रुपए से ज्यादा की रकम ग्राहकों को बांट दी, लेकिन किसी भी ग्राहक के खाते से बैलेंस की कटौती नहीं हुई.

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Published : Dec 15, 2019, 2:22 PM IST

Updated : Dec 15, 2019, 3:42 PM IST

Private bank loses more than 20 lakhs in griyabandPrivate bank loses more than 20 lakhs in griyaband
20 लाख से ज्यादा का चूना

गरियाबंद: दुनियाभर में आज ऑनलाइन बैकिंग की डिमांड है. ऑनलाइन बैकिंग को बढ़ावा देने के लिए हर रोज एक नई तकनीक लॉच की जाती है, लेकिन इन्हीं तकनीकों के बीच कभी-कभी ऑनलाइन बैकिंग में एक छोटी सी गलती बहुत भारी पड़ जाती है. ऐसा ही एक मामला देवभोग इलाके से सामने आया है. जहां एक निजी बैंक के एप से पैसों की बारिश हो रही थी, जिसका लोगों ने खूब फायदा उठाया. बताया जा रहा है 'पे नियर बाय एप' से पैसे निकालने पर खाते से बैलेंस की कटौती ही नहीं हो रही थी.

एप से पैसों की बारिश

दरअसल, देवभोग ग्रामीण इलाके के कैंटपदर, बरकानी, घुमरगुडा, सीनापाली, भरुवामुडा मुरमुडा सहित एक दर्जन से ज्यादा गांवों के बैंक मित्रों ने पहले तो अपने और अपने परिजनों के खातों से लाखों रुपए निकाले और उसके बाद ग्रामीणों के भी पैसे निकालने शुरू कर दिए. बैंक मित्र जितनी भी बार पैसा निकाल रहे थे. ग्राहक के खाते से रकम कम हो ही नहीं रही थी. देखते ही देखते रिटेलरों (बैंक मित्र) के घर के बाहर पैसा निकालने वालों की लंबी कतारें लग गई.

20 लाख से ज्यादा की रकम बांट चुके

बता दें कि शुक्रवार शाम 6 बजे से रात 11 बजे तक रिटेलरों का ये खेल चलता रहा और लोगों ने लाखों रुपए एप के जरिये ट्रांसफर कर दिए. देर रात जैसे ही कंपनी को अपनी गलती का अहसास हुआ, तो उसने तत्काल अपने रिटेलरों के आईडी ब्लॉक कर दी. साथ ही उन्हें रकम उपभोक्ताओं को नहीं देने के निर्देश फोन पर दिए गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. अकेले देवभोग क्षेत्र में ही रिटेलर 20 लाख से ज्यादा की रकम बांट चुके थे, मामले में कंपनी की तरफ से तो अभी तक कोई बयान नहीं आया है.

कोई बड़ा ट्राजक्शन नहीं हुआ

इस घटना में और विचित्र स्थिति तब बन गई जब यह अफवाह फैल गई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विदेशों में जमा कालाधान वापस ले आए हैं, उसे जनता में बांट रहे हैं. खाते से पैसे नहीं कट रहे ये खबर मिलते ही लोगों ने ग्रामीण इलाके में 'पे नियर बाय ऐप' के जरिए निजी बैंक से जुड़े बैंक मित्रों की ओर दौड़ लगाना शुरू कर दिया. देखते ही देखते लाखों रुपये निकलवा लिए. इस पूरे मामले में राहत की बात ये रही कि बैंक मित्रों को केवल छोटी रकम 10 हजार एक ग्राहक के खाते से निकालने की ही छूट थी. इसलिए कोई बड़ा ट्राजक्शन नहीं हुआ वरना गड़बड़ी का आंकड़ा काफी बड़ा होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता.

गरियाबंद: दुनियाभर में आज ऑनलाइन बैकिंग की डिमांड है. ऑनलाइन बैकिंग को बढ़ावा देने के लिए हर रोज एक नई तकनीक लॉच की जाती है, लेकिन इन्हीं तकनीकों के बीच कभी-कभी ऑनलाइन बैकिंग में एक छोटी सी गलती बहुत भारी पड़ जाती है. ऐसा ही एक मामला देवभोग इलाके से सामने आया है. जहां एक निजी बैंक के एप से पैसों की बारिश हो रही थी, जिसका लोगों ने खूब फायदा उठाया. बताया जा रहा है 'पे नियर बाय एप' से पैसे निकालने पर खाते से बैलेंस की कटौती ही नहीं हो रही थी.

एप से पैसों की बारिश

दरअसल, देवभोग ग्रामीण इलाके के कैंटपदर, बरकानी, घुमरगुडा, सीनापाली, भरुवामुडा मुरमुडा सहित एक दर्जन से ज्यादा गांवों के बैंक मित्रों ने पहले तो अपने और अपने परिजनों के खातों से लाखों रुपए निकाले और उसके बाद ग्रामीणों के भी पैसे निकालने शुरू कर दिए. बैंक मित्र जितनी भी बार पैसा निकाल रहे थे. ग्राहक के खाते से रकम कम हो ही नहीं रही थी. देखते ही देखते रिटेलरों (बैंक मित्र) के घर के बाहर पैसा निकालने वालों की लंबी कतारें लग गई.

20 लाख से ज्यादा की रकम बांट चुके

बता दें कि शुक्रवार शाम 6 बजे से रात 11 बजे तक रिटेलरों का ये खेल चलता रहा और लोगों ने लाखों रुपए एप के जरिये ट्रांसफर कर दिए. देर रात जैसे ही कंपनी को अपनी गलती का अहसास हुआ, तो उसने तत्काल अपने रिटेलरों के आईडी ब्लॉक कर दी. साथ ही उन्हें रकम उपभोक्ताओं को नहीं देने के निर्देश फोन पर दिए गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. अकेले देवभोग क्षेत्र में ही रिटेलर 20 लाख से ज्यादा की रकम बांट चुके थे, मामले में कंपनी की तरफ से तो अभी तक कोई बयान नहीं आया है.

कोई बड़ा ट्राजक्शन नहीं हुआ

इस घटना में और विचित्र स्थिति तब बन गई जब यह अफवाह फैल गई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विदेशों में जमा कालाधान वापस ले आए हैं, उसे जनता में बांट रहे हैं. खाते से पैसे नहीं कट रहे ये खबर मिलते ही लोगों ने ग्रामीण इलाके में 'पे नियर बाय ऐप' के जरिए निजी बैंक से जुड़े बैंक मित्रों की ओर दौड़ लगाना शुरू कर दिया. देखते ही देखते लाखों रुपये निकलवा लिए. इस पूरे मामले में राहत की बात ये रही कि बैंक मित्रों को केवल छोटी रकम 10 हजार एक ग्राहक के खाते से निकालने की ही छूट थी. इसलिए कोई बड़ा ट्राजक्शन नहीं हुआ वरना गड़बड़ी का आंकड़ा काफी बड़ा होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता.

Intro:स्लग---ऑनलाईन बैंकिग सिस्टम में गडबडी


एंकर-- सरकार वैसे तो ऑनलाइन बैकिंग पर जोर दे रही है, और ऑनलाइन बैकिंग आज के समय की मांग भी है, मगर ऑनलाइन बैकिंग में एक छोटी सी गलत बहुत भारी पड़ जाती है, ऐसा ही एक मामला गरियाबंद जिले में देखने को मिला, जब एक निजी बैंक से जुड़े बैंक मित्रो को पता चला कि पे नियर बाय ऐप से पैसे निकालने पर खाते से बैलेंस कटौती नही हो रहा है,Body:देवभोग ग्रामीण इलाके के कैंटपदर, बरकानी, घुमरगुडा, सीनापाली, भरुवामुडा मुरमुडा सहित एक दर्जन गाव के बैंक मित्रों ने पहले तो अपने और अपने परिजनों के खातों से लाखों रुपये निकाले और उसके बाद ग्रामीणों के भी पैसे निकालने शुरू कर दिए, बैंक मित्र जितनी भी बार पैसा निकाल रहे थे ग्राहक के खाते से रकम कम हो ही नहीं रही थी देखते ही देखते रिटलरो अर्थात बैंक मित्र के घर के बाहर पैसा निकालने वालो की लंबी कतारें लग गयी, शुक्रवार शाम 6 बजे से रात 11 बजे तक रिटलरो का ये खेल चलता रहा और इस दौरान उन्होंने लाखों रुपये एप के जरिये ट्रांसफर कर दिए, देर रात जैसे ही कंपनी को अपनी गलती का अहसास हुआ तो उसने तत्काल अपने रिटलरो के आईडी ब्लॉक कर दिए, साथ ही उन्हें रकम उपभोक्ताओं को नही देने के निर्देश फोन पर दिए गए, मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी और अकेले देवभोग क्षेत्र में ही रिटेलर 20 लाख से ज्यादा की रकम बांट चुके थे, मामले में कंपनी की तरफ से तो अभी तक कोई ब्यान सामने नही आया है मगर ऐसी जानकारियां मिल रही है कि छत्तीसगढ़ में कुछ और जगह भी इस तरह रकम निकाली गई हैConclusion:, इस घटना में और विचित्र स्थिति तब बन गई जब यह अफवाह फैल गई की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विदेशों में जमा कालाधान वापिस ले आये है और उसे जनता में बांट रहे है, ये रकम पे नियर बाय ऐप के जरिए निकाली जा सकती है, और खाते से पैसे भी नहीं कटेंगे खबर मिलते ही लोगों ने ग्रामीण ईलाके में पे नियर बाय ऐप के जरिए निजी बैंक से जुडे बैंक मित्रो की ओर दौड लगाना शुरु कर दिया और देखते ही देखते लाखों रुपये निकलवा लिये, इस पुरे मामले में राहत की बात ये रही कि बैंक मित्रों को केवल छोटी रकम अर्थात ₹10 हजार एक ग्राहक के खाते से निकालने की ही छुट थी इसलिए कोई बडा ट्राजक्शन नही हुआ वरना गड़बड़ी का आंकड़ा काफी बड़ा होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता


बाइट 1----कुर्तीराम, बैंक मित्र......
बाइट 2--पवन कुमार, बैंक मित्र.............
बाइट 3---सुरेन्द्र पटेल, बैंक मित्र............
Last Updated : Dec 15, 2019, 3:42 PM IST
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