गरियाबंद: दुनियाभर में आज ऑनलाइन बैकिंग की डिमांड है. ऑनलाइन बैकिंग को बढ़ावा देने के लिए हर रोज एक नई तकनीक लॉच की जाती है, लेकिन इन्हीं तकनीकों के बीच कभी-कभी ऑनलाइन बैकिंग में एक छोटी सी गलती बहुत भारी पड़ जाती है. ऐसा ही एक मामला देवभोग इलाके से सामने आया है. जहां एक निजी बैंक के एप से पैसों की बारिश हो रही थी, जिसका लोगों ने खूब फायदा उठाया. बताया जा रहा है 'पे नियर बाय एप' से पैसे निकालने पर खाते से बैलेंस की कटौती ही नहीं हो रही थी.
दरअसल, देवभोग ग्रामीण इलाके के कैंटपदर, बरकानी, घुमरगुडा, सीनापाली, भरुवामुडा मुरमुडा सहित एक दर्जन से ज्यादा गांवों के बैंक मित्रों ने पहले तो अपने और अपने परिजनों के खातों से लाखों रुपए निकाले और उसके बाद ग्रामीणों के भी पैसे निकालने शुरू कर दिए. बैंक मित्र जितनी भी बार पैसा निकाल रहे थे. ग्राहक के खाते से रकम कम हो ही नहीं रही थी. देखते ही देखते रिटेलरों (बैंक मित्र) के घर के बाहर पैसा निकालने वालों की लंबी कतारें लग गई.
20 लाख से ज्यादा की रकम बांट चुके
बता दें कि शुक्रवार शाम 6 बजे से रात 11 बजे तक रिटेलरों का ये खेल चलता रहा और लोगों ने लाखों रुपए एप के जरिये ट्रांसफर कर दिए. देर रात जैसे ही कंपनी को अपनी गलती का अहसास हुआ, तो उसने तत्काल अपने रिटेलरों के आईडी ब्लॉक कर दी. साथ ही उन्हें रकम उपभोक्ताओं को नहीं देने के निर्देश फोन पर दिए गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. अकेले देवभोग क्षेत्र में ही रिटेलर 20 लाख से ज्यादा की रकम बांट चुके थे, मामले में कंपनी की तरफ से तो अभी तक कोई बयान नहीं आया है.
कोई बड़ा ट्राजक्शन नहीं हुआ
इस घटना में और विचित्र स्थिति तब बन गई जब यह अफवाह फैल गई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विदेशों में जमा कालाधान वापस ले आए हैं, उसे जनता में बांट रहे हैं. खाते से पैसे नहीं कट रहे ये खबर मिलते ही लोगों ने ग्रामीण इलाके में 'पे नियर बाय ऐप' के जरिए निजी बैंक से जुड़े बैंक मित्रों की ओर दौड़ लगाना शुरू कर दिया. देखते ही देखते लाखों रुपये निकलवा लिए. इस पूरे मामले में राहत की बात ये रही कि बैंक मित्रों को केवल छोटी रकम 10 हजार एक ग्राहक के खाते से निकालने की ही छूट थी. इसलिए कोई बड़ा ट्राजक्शन नहीं हुआ वरना गड़बड़ी का आंकड़ा काफी बड़ा होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता.