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गरियाबंद नगर पालिका: बीजेपी की नाकामी से कांग्रेस यहां जीतेगी ?

कांग्रेस का कहना है कि इस बार उन्हें जीतने के कोई रोक नहीं पाएगा क्योंकि बीते 5 साल में यहां के लोग बीजेपी सरकार से तंग आ चुके हैं. इन सबके बीच इस चुनाव में विकास के मुद्दे भी हावी हैं, लोगों का कहना है कि शहर में 5 साल में भी एक गौरव पथ निर्माण पूरा नहीं हो पाया है.

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Published : Nov 4, 2019, 11:33 PM IST

गरियाबंद: नगर पालिका गरियाबंद में 2011 की जनगणना के मुताबिक 10 हजार 517 लोग रहते हैं. इनमें से 7 हजार 865 मतदाता हैं. मतदाताओं में 3 हजार 770 पुरुष और 4 हजार 95 महिलाओं की संख्या है. हाल ही में 406 नये मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में जोड़े गए हैं. 15 वार्ड वाले इस नगर पालिका में आसपास का कोई गांव शामिल नहीं है. हालांकि मास्टर प्लान में कई गांव को शामिल करने की योजना थी, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया.

बीजेपी की नाकामी से कांग्रेस जीतेगी यहां?

बुनियादी सुविधा के लिए तरस रहे लोग
पिछले चुनाव में नगर पालिका में बीजेपी को महज 412 वोटों से जीत मिली थी, वहीं इस बार कांग्रेस का कहना है कि इस बार उन्हें जीतने के कोई रोक नहीं पायेगा, क्योंकि बीते 5 साल में यहां के लोग बीजेपी सरकार से तंग आ चुके हैं. इन सबके बीच इस चुनाव में विकास के मुद्दे भी हावी हैं, लोगों का कहना है कि शहर में 5 साल में भी एक गौरव पथ निर्माण पूरा नहीं हो पाया है. इसके अलावा पालिका में मूलभूत सुविधाओं के साथ पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं भी लोगों में नहीं मिल रही है.

मच्छरों से लोग परेशान
शहरवासियों का कहना है कि पालिका में समस्याओं का अंबार है. शहर में लोगों को सही से और समय पर बिजली, पानी भी मिल रही है. शहर के सड़कें जर्जर होने के कारण आये दिन हादसे होते रहते हैं. शहर में साफ सफाई की स्थिति भी बेहद खराब है. पूरे शहर में गंदगी पसरी है, जिसके कारण शहर में लोग मच्छरों से भी परेशान हैं.

गरियाबंद: नगर पालिका गरियाबंद में 2011 की जनगणना के मुताबिक 10 हजार 517 लोग रहते हैं. इनमें से 7 हजार 865 मतदाता हैं. मतदाताओं में 3 हजार 770 पुरुष और 4 हजार 95 महिलाओं की संख्या है. हाल ही में 406 नये मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में जोड़े गए हैं. 15 वार्ड वाले इस नगर पालिका में आसपास का कोई गांव शामिल नहीं है. हालांकि मास्टर प्लान में कई गांव को शामिल करने की योजना थी, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया.

बीजेपी की नाकामी से कांग्रेस जीतेगी यहां?

बुनियादी सुविधा के लिए तरस रहे लोग
पिछले चुनाव में नगर पालिका में बीजेपी को महज 412 वोटों से जीत मिली थी, वहीं इस बार कांग्रेस का कहना है कि इस बार उन्हें जीतने के कोई रोक नहीं पायेगा, क्योंकि बीते 5 साल में यहां के लोग बीजेपी सरकार से तंग आ चुके हैं. इन सबके बीच इस चुनाव में विकास के मुद्दे भी हावी हैं, लोगों का कहना है कि शहर में 5 साल में भी एक गौरव पथ निर्माण पूरा नहीं हो पाया है. इसके अलावा पालिका में मूलभूत सुविधाओं के साथ पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं भी लोगों में नहीं मिल रही है.

मच्छरों से लोग परेशान
शहरवासियों का कहना है कि पालिका में समस्याओं का अंबार है. शहर में लोगों को सही से और समय पर बिजली, पानी भी मिल रही है. शहर के सड़कें जर्जर होने के कारण आये दिन हादसे होते रहते हैं. शहर में साफ सफाई की स्थिति भी बेहद खराब है. पूरे शहर में गंदगी पसरी है, जिसके कारण शहर में लोग मच्छरों से भी परेशान हैं.

Intro:प्रोफाइल नगर पालिका गरियाबंद

नगरी निकाय चुनाव कि तेज होती सरगर्मियों के बीच हम नजर डालेंगे नगर पालिका गरियाबंद की विभिन्न स्थितियों पर वर्तमान में जहां यह सीट भाजपा के कब्जे में है 5 साल पहले पिछड़ा वर्ग महिला आरक्षण के बाद मिलेश्वरी साहू नगर पालिका अध्यक्ष है तो वहीं इस बार अनारक्षित सीट होने के चलते बहुत से लोगों के मन में लड्डू फूट पड़े हैं चुनाव में शायद इतने अधिक दावेदार पहले कभी नहीं रहे होंगे दोनों पार्टियों बड़े छोटे कई नेता अपने आप को नगर पालिका अध्यक्ष पद का प्रबल दावेदार बता रहे हैं इससे किसी एक को टिकट मिलने के बाद कुछ के बगावती तेवर भी पार्टियों को देखने पड़ सकते हैं वैसे परिसीमन में कई वार्ड पार्षदों का पूरा समीकरण बिगाड़ कर रख दिया है जो जहां से तैयारी कर रहा था अब कहीं सीट महिला हो चुकी है तो कहीं दूसरे वर्ग के लिए आरक्षित हो चुकी है ऐसे में कई पार्षदों को अपने लिए नई जमीन तलाशने पड़ रही है यह तो हुई राजनीति की स्थितियां


Body:गरियाबंद की जनसंख्या 2011 की जनगणना अनुसार 10517 है इनमें से लगभग 7865 मतदाता है जिनमें पुरुषों की संख्या 3770 वहीं महिलाओं की संख्या 4095 इसके अलावा 406 नए मतदाताओं ने अपना नाम गरियाबंद नगर पालिका जुड़वा या है जो नगर के लिए अध्यक्ष और पार्षदों का चुनाव करेंगे विधानसभा और लोकसभा चुनाव में जहां गरियाबंद में 10 मतदान केंद्र थे तो वही नगर पालिका चुनाव में 15 मतदान केंद्र होंगे 15 वार्ड वाले इस नगर पालिका में आसपास का कोई गांव शामिल नहीं है मास्टर प्लान में कई गांव को शामिल करने की योजना थी मगर वह लागू नहीं हो पाया है

पिछले चुनाव में जहां भाजपा को इस सीट पर महज 412 वोटों से जीत मिली थी तो वहीं इस बार कांग्रेस का कहना है कि यह सीट उनके लिए वाक्य और की तरह है उनका कहना है कि पिछले कार्यकाल में बहुत सी तकलीफ लोगों ने झेली विकास के बहुत से काम अधूरे पड़े ऐसे में कांग्रेस का प्रत्याशी कोई भी हो जीतेगा जरूर वहीं भाजपा के पदाधिकारियों का कहना है कि रमन सिंह ने जितना कहा था उससे कहीं अधिक दिया नगरपालिका भी भाजपा ने बनवाया इसलिए वे ही जीतेंगे

इन सबके बीच इस चुनाव में कई मुद्दे लोगों को खासी प्रभावित करेंगे गौरव पथ निर्माण 5 साल में पूरा ना हो पाना मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ पेयजल जैसी सुविधाएं भी चुनाव में मुद्दा होंगी भाजपा जहां अपने काम गिन मांगी वहीं कांग्रेस से कई अधूरे पड़े कामों को मुद्दा बनाने की तैयारी में है धूल की समस्या से बीते 5 साल में नगर पालिका नगर वासियों को जरा भी राहत नहीं दिला पाई लोग इसे भी लेकर खासे नाराज हैं

यहां से दावेदारों अगर बात करें तो कांग्रेस से जहां अनारक्षित होते हुए भी पूर्व अध्यक्ष ममता राठौर दावेदारी की चर्चा है तो वही युवा चेहरे केसु सिन्हा रितिक सिन्हा हरमेश चावड़ा दावेदार है तो वहीं भाजपा में गफ़्फ़ु मेमन, मुरलीधर सिन्हा परस देवांगन आसिफ मेमन मेरे से किसी एक पर पार्टी अपना विश्वास जता सकती है


जनता किसका साथ देगी और किसे विपक्ष मैं बैठना पड़ेगा यह तो आने वाला कल ही बताएगा मगर दावेदारों की भीड़ अपने-अपने तरह से गरियाबंद के विकास कराने को लेकर अपना विजन लोगों के समक्ष रखकर उन्हें प्रभावित करने के काम में जुट गए हैं वही चौक चौराहों होटल पान ठेलो में अभी से चुनावी चर्चाएं तेज हो चली है किसको मिलेगा टिकट कौन है गरियाबंद का भविष्य......



फरहाज मेंमन ईटीवी भारत गरियाबंदConclusion:बाइट नंदा स्वामी पदमाशाली

बाइट कृष्ण कुमार शर्मा

बाइट-- ममता राठौर दावेदार

बाइट-- केसु सिन्हा दावेदार

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