गरियाबंद: जिले के देवभोग विकासखंड में 4 शिक्षक सालों से नदारद हैं. लेकिन बड़ी बात ये है कि इन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ग्रामीण अपने बच्चों का भविष्य खराब होता देख परेशान हैं. प्रशासन से मिन्नतें कर रहे हैं कि अगर वह नहीं तो दूसरे शिक्षक भेज दीजिए. लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में उस स्कूल के नाम से शिक्षक होने की जानकारी होने के चलते वहां दूसरे शिक्षक की व्यवस्था नहीं की जा रही है.
बुधवार को जामगांव पहुंचे SDM अनुपम आशीष टोप्पो से ग्रामीणों ने इसकी शिकायत भी की. ग्रामीणों ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके गांव में पदस्थ व्याख्याता निशा ठाकुर 27 महीने से स्कूल नहीं आ रही है. स्कूल के प्रिंसिपल और इंग्लिश के टीचर भी महीनों से स्कूल नहीं आ रहे हैं. जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. ऐसे ही मामले कुम्हड़ई कलां मिडिल स्कूल, धौराकोट मिडिल सुकुल, खोखसरा मिडिल स्कूल और दहीगांव प्रायमरी स्कूल से भी जुड़े हैं. यहां के एक-एक शिक्षक भी सालों से नदारद है.
गायब टीचर्स पर नहीं हुई कोई कार्रवाई
मामले में हैरान करने वाली बात ये हैं कि BEO भी शिक्षकों के नदारद रहने से वाकिफ होने की बात स्वीकार रहे हैं. लेकिन शिकायत मिलने के सालभर बाद भी BEO ने उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की.
शिक्षा के क्षेत्र में नौकरी मिलते समय तो कई शिक्षक दूरस्थ इलाकों में काम करने की हामी भर देते हैं. मगर इसके बाद किसी जुगाड़ से राजधानी या जिला मुख्यालय के आसपास ही ड्यूटी करना चाहते हैं. इस फेरे में बहुत से शिक्षकों का वेतन कहीं और से और ड्यूटी कहीं और जैसी स्थितियों से ग्रामीण परेशान रहते हैं. बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित बने रहते हैं. अब देखना होगा कि इन 4 शिक्षकों पर क्या कार्रवाई होती है.