गरियाबंद: मूंगझर पंचायत में फिर से मां बेटी आमने-सामने आ गई हैं. ब्लॉक ही नहीं पूरे प्रदेश में चर्चा में रहा मूंगझर पंचायत इस बार भी सुर्खियों में रहेगा. 1 हजार 586 मतदाता वाले इस पंचायत में फिर से मां-बेटी सरपंच पद के लिए दावेदारी कर आमने-सामने हो गई है.
6 मतों से मां ने दी थी मात
मां सुशीला देवी कश्यप पिछली बार अपनी बड़ी बेटी मंजू कश्यप से हुए कड़े मुकाबले में महज 6 मतों से मात दे सकी थी. दोनों ने इस बार भी नामांकन दाखिल कर लिया है. इस चुनाव में फिर मां-बेटी का सीधा मुकाबला होगा. मंजू ने कहा कि मां अपने कार्यकाल में जनता के उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सकीं. प्रपंच का शिकार हुई इसलिए केवल 6 मतों से हारी थी. इस बार गांव की जनता चाहती है मैं सरपंच बनूं.
विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी: सुशीला देवी
मंजू ने कहा कि मां से आशीर्वाद लेने गई थी, पर मां इस बार भी चुनाव लड़ने पर अड़ी रही. इधर मां सुशीला देवी का कहना है कि उसने पांच सालों में पंचायत के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने कहा कि मूलभूत जरूरतों को प्राथमिकता में रखने के अलावा पंचायत भवन और चौराहे का सौंदर्यीकरण कराया. अब मैं घर की ही नहीं गांव की मुखिया हूं. सुशीला देवी ने कहा कि पूरा ग्राम चाहता है कि मैं दोबारा सरपंच बनूं.
छोटी बेटी इस बार बहन का देगी साथ
सुशीला देवी की कुल 5 बेटियां हैं. जिनमें से बड़ी मंजू और सबसे छोटी बेटी प्रीति की एक ही परिवार में शादी हुई है. पिछले चुनाव में छोटी बेटी प्रीति ने अपनी बड़ी बहन का साथ न देकर मां का साथ दिया था. लेकिन उसका मानना है कि एक मौका अब बहन को भी मिलना चाहिए. प्रीति ने कहा कि बहन 2005 में 87 मतों से हार गई थी. 2015 में मां से 6 मतों से हार गई. इसलिए इस बार बहन का समर्थन करेगीं.