गरियाबंद: विकासखण्ड मुख्यालय मैनपुर में शनिवार को संभाग स्तरीय नेशनल ट्रायबल डांस फेस्टिवल संपन्न हुआ. इस दौरान सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व विधायक गुलाब कमरो नर्तक दल, कमार जनजाति के नृत्य-गीत पर अपने आप को थिरकने से रोक नहीं पाए.
आयोजन में रायपुर संभाग के चार जिले धमतरी, महासमुंद, बलौदा बाजार और गरियाबंद के 11 दलों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी. कलाकरों ने अपने गीत और नृत्य के माध्यम से आदिवासी संस्कृति, रीति रिवाज, पूजा-अर्चना का बखूबी प्रदर्शन किया.
इस दौरान सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष गुलाब कमरो नर्तक दल कमार जनजाति के नृत्य-गीत पर अपने आप को थिरकने से रोक नहीं पाए. विधायक एक बच्चे को कमर में उठाए आदिवासियों महिला व पुरुषों के साथ जमकर नाचते नजर आए. इतना ही नहीं गुलाब कमरो ने आदिवासी परंपरा के गीत भी रोचक अंदाज में मंच पर से सुनाए.
आदिवासी संस्कृति को पहचान दिलाने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य: गुलाब कमरो
कार्यक्रम में गुलाब कमरो ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि 'आदिवासी संस्कृति को पहचान दिलाने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य है. प्रदेश में विलुप्तप्राय आदिवासी संस्कृति को पुनर्जीवित करने प्रदेश सरकार का यह अभिनव पहल है'. उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि वे अपनी सभ्यता और संस्कृति को वर्तमान परिवेश में भी कायम रखे. साथ ही कमरो ने आदिवासी समाज की मांग पर भरोसा दिलाया कि पूरे राज्य में पेसा कानून प्रभावशील होने जा रहा है.
प्रतियोगिता में शामिल हुए नृत्य दल
- संभाग स्तरीय आयोजन में बलौदाबाजार जिले से जय बगदाई सुवा नृत्य दल और खैरादाई सुवा दल केसला ने जोरदार प्रदर्शन किया.
- धमतरी जिले से शासकीय महाविद्यालय के कलाकारों ने फसल कटाई, जय गढ़िया बाघा आदिवासी लोकनृत्य दल, धमतरी परब गीत नृत्य और जय निरई माता दल ने अपनी प्रस्तुति दी.
- महासमुंद जिले से जय गौरा-गौरी, सुआ नृत्य दल, छपोराडीह दल, जय मां शमलेश्वरी दल और करमा पार्टी बेलडीह ने अपने कला का प्रदर्शन किया.
- गरियाबंद जिले से जय बूढ़ादेव मादरी दल कोकड़ी-मैनपुर, कमार नृत्य दल देवरी विवाह नृत्य और भुंजिया नृत्य दल टेंवारी के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी.