गरियाबंद: ठीक 4 हफ्ते पहले शुरू की गई मुहिम अब रंग लाती नजर आ रही है. छिंद और महरनीन तालाब का एक बड़ा हिस्सा अब साफ नजर आने लगा है. वहीं बड़ी संख्या में लोग भी अब इससे जुड़ने लगे हैं. चौथे हफ्ते लोगों की ओर से लगातार 6 घंटे श्रमदान किया गया. इस दौरान पालिका के कर्मचारियों अधिकारियों के साथ नगर के व्यापारिक कर्मचारी, लिपिक संघ के अलावा छिंद तालाब और महरनीन तालाब के आसपास रहने वाले मोहल्लों के लोग भी तालाब में उतरकर उसकी सफाई करते नजर आए.
कलेक्टर ने भी दिया सहयोग
आम लोग और कर्मचारियों के साथ ही गरियाबंद कलेक्टर ने भी इस सफाई अभियान में सहयोग प्रदान करते हुए एक बोट तथा नगर सेना के 10 तैराक भेजे हैं. जिनके आने के बाद से आज चौथे हफ्ते में सर्वाधिक बड़े हिस्से की सफाई हो पाई. 4 हफ्ते में तलाब की स्थिति में आए सुधार को देखकर लोग काफी खुश नजर आ रहे हैं, और खुद से ही इस अभियान से जुड़ने लगे हैं.
रोजाना छह घंटे हो रही सफाई
कुछ सालों पहले तक गरियाबंद की आधी आबादी के निस्तार का साधन रहने वाला छिंद तालाब जो बीते 2 साल से बेहद गंदा हो चला था. उसके पानी में बड़ी मात्रा में जलकुंभी एवं कई प्रकार की जलीय घास उग आई थी. इसके कारण तालाब की हालत बदतर बदतर हो चुकी है. गंदगी से पटे होने के साथ ही तालाब का पानी सड़ने लगा है और इसमें लोगों ने नहाना बंद कर दिया है. इसके बाद निगम ने फैसला लिया की रोजाना 6 घंटे तालाब की सफाई में बिताना है और इसमें पालिका कर्मियों का भी सहयोग लिया जाएगा. अब 4 हफ्ते बाद यह मुहिम रंग लाती नजर आ रही है. तालाब का एक बड़ा हिस्सा साफ-सुथरा नजर आ रहा है.
लोगों ने किया श्रमदान
इन सबके बीच गरियाबंद कलेक्टर श्याम धावडे को जब इस मुहिम की जानकारी मिली कि लोग स्वयं श्रमदान कर इस विशालकाय छिंद तालाब की सफाई में जुटे हुए हैं तो उन्होंने भी इस मुहिम की काफी प्रशंसा की और सहयोग की भावना जताते हुए नगर सैनिक कार्यालय से एक बोट नाव और 10 जवान श्रमदान करने हेतु छिंद तालाब भेज दिए. बोट के आ जाने से काम की गति काफी बढ़ गई है.