गरियाबंद: जिले के नगर सैनिकों ने अपनी मांगों के समर्थन में कलेक्टर को राज्यपाल, मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. इन सैनिकों ने कलेक्टर को अपनी समस्याएं गिनाई और बताया कि पुलिस के जैसे काम होने के बावजूद महज 13 हजार रुपए ही मानदेय के रूप में मिलता है. इसलिए ये मानदेय बढ़कर 21 हजार 840 रुपए होना चाहिए. वहीं बीते 14 महीने का एरियर भुगतान भी नहीं किया गया है.
महिलाओं को इस ड्यूटी में ज्यादा परेशानी हो रही है. नगर सैनिकों ने बताया कि हॉस्टल में ड्यूटी लगाई गई महिला नगर सैनिकों को 24 घंटा 365 दिन काम करना पड़ता है, क्योंकि एक हॉस्टल में एक ही नगर सैनिक की ड्यूटी लगाई जाती है. जिससे कि उस काम को संभालना एक नगर सैनिक के लिए आसान नहीं होता. ऐसे में यह अपने घर परिवार को भी समय नहीं दे पाते हैं. इसके अलावा नगर सैनिक को मातृत्व अवकाश के लिए महज 3 महीने का समय दिया जाता है. जबकि बाकी पुलिस बल को छह महीने का अवकाश दिया जाता है.
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बच्चों को लेकर पहुंची महिला नगर सैनिक
इस आंदोलन में महिला नगर सैनिक अपने बच्चों को लेकर ज्ञापन देने पहुंची. उन्होंने कहा कि 'हम अपनी ड्यूटी के कारण इन बच्चों को समय नहीं दे पा रहे हैं.'