गरियाबंद: बारिश ने लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. बीते 3 दिनों से मौसम में बदलाव देखने को मिला. गुरुवार की दोपहर से शाम तक हुई बारिश लोगों को मुसीबत में डाल दिया. नौतपा खत्म होने के बाद गुरुवार को बादल जमकर बरसे. करीब 2 घंटे तक जमकर बारिश हुई.
बारिश से किसानों को नुकसान
बारिश की वजह से किसानों को काफी नुकसान हुआ है. रबी फसल पककर तैयार है. कई किसान फसल की कटाई नहीं करा पाए हैं. बारिश की वजह से खड़ी फसल गिर गई है. जिले में तेंदूपत्ता की तोड़ाई भी अंतिम चरण में है. बारिश से तेंदूपत्ता की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. नए पत्ते फट भी जाते हैं. बारिश की वजह से 3 से 4 दिन तेंदूपत्ता खरीदी बंद रखी जा सकती है. जिन जगहों पर तेंदूपत्ता खरीदी कर सुखाया गया था, वहां तेंदूपत्ता बारिश में भीगने के चलते नुकसान भी हुआ है.
गर्मी से मिली राहत
मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर छत्तीसगढ़ के ऊपर एक चक्रीय चक्रवाती घेरा 1.5 किमी तक स्थित है. वहीं एक द्रोणिका तेलंगाना से तमिलनाडु तक 1.5 किमी ऊंचाई तक स्थित है. इसके अलावा प्रदेश में अरब सागर से काफी मात्रा में नमी आ रही है. दक्षिण छत्तीसगढ़ में बंगाल की खाड़ी से नमी आने की संभावना है. इसके चलते गरियाबंद में गरज चमक के साथ तेज बारिश हो रही है. बारिश की वजह से गरियाबंद वासियों को उमस से राहत भी मिली है.
केरल पहुंचा मॉनसून, कई क्षेत्रों में हुई बारिश
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून (South-west Mansoon) के केरल पहुंचने के साथ ही गुरुवार को केरल के कई क्षेत्रों के अलावा लक्षद्वीप के अधिकतर इलाकों में भी बारिश हुई.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक, बृहस्पतिवार से शनिवार तक केरल के कुछ इलाकों में सात से 11 सेंटीमीटर तक बारिश होने का अनुमान है. इस बार मॉनसून (Mansoon) दो दिन की देरी से पहुंचा है. आमतौर पर 4 महीने तक चलने वाले बारिश के मौसम की शुरुआत केरल में एक जून से होती है.