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मूसलाधार बारिश और ओलावृष्टि  से नदी नालों में आई बाढ़ - मूसलाधार बरसात में जनजीवन प्रभावित

मूसलाधार बारिश और ओलावृष्टि होने से जिले की नदी-नाले में उफान आ गए हैं, जिससे बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हो रहा है.

heavy rain flooded the river drains
नदी नालों में आई बाढ़
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Published : Apr 10, 2020, 12:45 AM IST

Updated : Apr 10, 2020, 1:06 AM IST

गरियाबंद: जिले में हुई बेमौसम बारिश के बाद नदी नाले उफान पर हैं और इतनी बारिश हुई है कि नदी में बाढ़ आ गई है. केवल बरसात ही नहीं बल्कि इलाके में जमकर ओलावृष्टि भी हुई है. कई घंटे तक नदी नाले में बाढ़ आने के कारण गांवों का आवागमन बाधित रहा. आंधी तूफान के कारण दर्जनों बिजली खंभे और पेड़ उखड़ गए. कल शाम से अब तक कई गांवों में ब्लैकआउट है.

गर्मी में हुई मूसलाधार बरसात में न सिर्फ जनजीवन प्रभावित किया है, बल्कि कई लोगों का भारी नुकसान भी हो गया है. ईट बनाने वाले, फल सब्जी बेचकर जिंदगी चलाने वाले, तेंदूपत्ता महुआ बीनने वाले वन वासियों के साथ-साथ व्यवसाय करने वाले व्यापारी भी इससे बुरी तरह प्रभावित होते नजर आ रहे हैं. इससे तेंदूपत्ता की गुणवत्ता जहां खराब होगी, वहीं मात्रा में भी कमी आ सकती है. इस तरह गर्मी में हुई बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हो रहा है. मौसम में आया यह परिवर्तन कई मायनों में नुकसान दायक साबित होगा.

देवभोग और उदंती इलाके में हुई बारिश और ओलावृष्टि से धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है. धान की फसल पककर तैयार हो गई है, वहीं कई इलाके में धान की खड़ी फसल खेत में लेट गई है. इस मूसलाधार बारिश से खेतों में पानी भर गया है. किसान को इससे भारी नुकसान होने की संभावना बनी हुई है. फसल खेत में ही सड़ जाएगी या फिर धान में जड़े निकल आएगी. कोरोना वायरस और लॉकडाउन की मार के बीच फसल को नुकसान को बर्दाश्त करना किसानों के लिए बेहद मुश्किल साबित होता नजर आ रहा है.

गरियाबंद: जिले में हुई बेमौसम बारिश के बाद नदी नाले उफान पर हैं और इतनी बारिश हुई है कि नदी में बाढ़ आ गई है. केवल बरसात ही नहीं बल्कि इलाके में जमकर ओलावृष्टि भी हुई है. कई घंटे तक नदी नाले में बाढ़ आने के कारण गांवों का आवागमन बाधित रहा. आंधी तूफान के कारण दर्जनों बिजली खंभे और पेड़ उखड़ गए. कल शाम से अब तक कई गांवों में ब्लैकआउट है.

गर्मी में हुई मूसलाधार बरसात में न सिर्फ जनजीवन प्रभावित किया है, बल्कि कई लोगों का भारी नुकसान भी हो गया है. ईट बनाने वाले, फल सब्जी बेचकर जिंदगी चलाने वाले, तेंदूपत्ता महुआ बीनने वाले वन वासियों के साथ-साथ व्यवसाय करने वाले व्यापारी भी इससे बुरी तरह प्रभावित होते नजर आ रहे हैं. इससे तेंदूपत्ता की गुणवत्ता जहां खराब होगी, वहीं मात्रा में भी कमी आ सकती है. इस तरह गर्मी में हुई बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हो रहा है. मौसम में आया यह परिवर्तन कई मायनों में नुकसान दायक साबित होगा.

देवभोग और उदंती इलाके में हुई बारिश और ओलावृष्टि से धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है. धान की फसल पककर तैयार हो गई है, वहीं कई इलाके में धान की खड़ी फसल खेत में लेट गई है. इस मूसलाधार बारिश से खेतों में पानी भर गया है. किसान को इससे भारी नुकसान होने की संभावना बनी हुई है. फसल खेत में ही सड़ जाएगी या फिर धान में जड़े निकल आएगी. कोरोना वायरस और लॉकडाउन की मार के बीच फसल को नुकसान को बर्दाश्त करना किसानों के लिए बेहद मुश्किल साबित होता नजर आ रहा है.

Last Updated : Apr 10, 2020, 1:06 AM IST
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