ETV Bharat / state

गरियाबंद: बंदरों के आतंक से परेशान हैं ग्रामीण, वन विभाग ने दिया बेतुका जवाब

बंदर के आतंक से ग्रामीण काफी परेशान हैं. पिछले चार दिनों में बंदरों ने कई लोगों को घायल कर दिया है.

कांसेप्ट इमेज
author img

By

Published : Jul 15, 2019, 10:37 AM IST

Updated : Jul 15, 2019, 12:35 PM IST

गरियाबंद: मजरकट्टा गांव में बंदर के आंतक से लोग बेहद परेशान हैं. पिछले चार दिनों में बंदरों ने 12 लोगों को घायल कर दिया है. वहीं इस समस्या को लेकर वन विभाग से शिकायत की गई, तो वह अटपटा बयान दे रहा है.

बंदरों के आतंक से परेशान हैं ग्रामीण


बता दें कि बंदरों की दहशत से माता-पिता बच्चों को स्कूल छोड़ने खुद ही जा रहे हैं और घर के दरवाजों को भी हमेशा बंद रखना पड़ता है.

घायल बंदर को पकड़ना संभव नहीं!
वहीं इस मामले में वन विभाग से शिकायत की गई, तो वन विभाग भी असमंजस में नजर आ रहा है. विभाग के डिप्टी रेंजर ने इसे लेकर बड़ा अटपटा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हाथी भगाने का जो तरीका अपनाया जाता है, बंदरों को भगाने के लिए भी वही तरीका अपनाना पड़ेगा. उन्होंने एक और विचित्र बात कही कि घायल बंदर को पकड़ना संभव ही नहीं है, उसे बस हाथी की तरह भगाया जा सकता है.

मशाल, डंडे और टीन का टीपा बजाकर बंदर को भगाएं
इस संबंध में जब वन विभाग से पूछा गया कि लोगों की सुरक्षा बंदरों से कौन करेगा, तो उन्होंने कहा कि डिप्टी रेंजर इन आतंकी बंदरों को भगाने के लिए विभाग की टीम भेजने की बजाय गांव वालों को ही मशाल, डंडे और बजाने के लिए टीन का टीपा देकर भेजने की बात कह रहे हैं.

गरियाबंद: मजरकट्टा गांव में बंदर के आंतक से लोग बेहद परेशान हैं. पिछले चार दिनों में बंदरों ने 12 लोगों को घायल कर दिया है. वहीं इस समस्या को लेकर वन विभाग से शिकायत की गई, तो वह अटपटा बयान दे रहा है.

बंदरों के आतंक से परेशान हैं ग्रामीण


बता दें कि बंदरों की दहशत से माता-पिता बच्चों को स्कूल छोड़ने खुद ही जा रहे हैं और घर के दरवाजों को भी हमेशा बंद रखना पड़ता है.

घायल बंदर को पकड़ना संभव नहीं!
वहीं इस मामले में वन विभाग से शिकायत की गई, तो वन विभाग भी असमंजस में नजर आ रहा है. विभाग के डिप्टी रेंजर ने इसे लेकर बड़ा अटपटा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हाथी भगाने का जो तरीका अपनाया जाता है, बंदरों को भगाने के लिए भी वही तरीका अपनाना पड़ेगा. उन्होंने एक और विचित्र बात कही कि घायल बंदर को पकड़ना संभव ही नहीं है, उसे बस हाथी की तरह भगाया जा सकता है.

मशाल, डंडे और टीन का टीपा बजाकर बंदर को भगाएं
इस संबंध में जब वन विभाग से पूछा गया कि लोगों की सुरक्षा बंदरों से कौन करेगा, तो उन्होंने कहा कि डिप्टी रेंजर इन आतंकी बंदरों को भगाने के लिए विभाग की टीम भेजने की बजाय गांव वालों को ही मशाल, डंडे और बजाने के लिए टीन का टीपा देकर भेजने की बात कह रहे हैं.

Intro:पागल कुत्तों के बाद अब गरियाबंद के आसपास पागल बंदरों का आतंक है पिछले 4 दिन में बंदरों ने जिला मुख्यालय से लगे मजरकट्टा गांव के आधा दर्जन से अधिक लोगों को घायल कर दिया है ये बंदर अक्सर लोगों को जांग के पास चाबने का प्रयास करते हैं Body:बंदरों की दहशत का आलम यह है कि लोग जहां बच्चों को स्कूल छोड़ने और लेने खुद जा रहे हैं वही बंदर आने के डर से मजरकट्टा गांव में लोगों के घरों के दरवाजे अब वे हमेसा बंद रख रहे हैं वहीं इस नई समस्या को लेकर वन विभाग से शिकायत की गई तो वन विभाग भी असमंजस में नजर आ रहा है विभाग के डिप्टी रेंजर ने इसे लेकर बड़ा अटपटा बयान दिया है उन्होंने कहा कि हाथी भगाने जो तरीका अपनाया जाता है बंदरों को भगाने भी वही तरीका अपनाना पड़ेगा उन्होंने एक और विचित्र बात कही की घायल बंदर को पकड़ना संभव ही नहीं होता है उन्हें बस हाथी की तरह भगाया जा सकता है....Conclusion: जब उनसे पूछा गया कि लोगों की की सुरक्षा बंदरों से कौन करेगा तो फिर उन्होंने अटपटा जवाब दिया डिप्टी रेंजर इन आतंकी बंदरों को भगाने वन विभाग की टीम भेजने के बजाय गांव वालों को ही मसाल डंडे और बजाने के लिए तीन का टीपा देकर भेजने की बात कह रहे हैं

बाइट-- दया लाल देवांगन ग्रामीण

बाइट के एल सोनवानी डिप्टी रेंजर
Last Updated : Jul 15, 2019, 12:35 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.