गरियाबंद: गरियाबंद में ठंड अपने चरम पर है. कड़ाके की ठंड ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. बीती शुक्रवार की रात इस साल की सबसे ठंडी रात थी जब पारा 6 डिग्री तक गिर गया था. लोग अलाव का सहारा लेते नजर आए. वनाच्छादित क्षेत्र होने के चलते गरियाबंद इलाके में ठंड शहरी इलाकों से कुछ अधिक पड़ती है. यही कारण है कि यहां लोगों को ठंड से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय करने पड़ते हैं. ठंड जनवरी के समय अपने चरम पर है.
अलाव का सहारा
तेज ठंडी हवाओं के कारण लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. वहीं लोग इस वक्त स्वेटर के साथ अलाव का सहारा ले रहे हैं. वहीं सुबह जहां पहले 7:30 बजे तक लोग आग तापते नजर आते थे. वही अब 9 बजे तक लोग आग तापते नजर आ रहे थे.
बढ़ेंते मरीज
ठंड के चलते बच्चे और बूढ़ों के बीमार पड़ने कार्यक्रम प्रारंभ हो गया है. अस्पतालों में भीड़ दिखने लगी है ज्यादातर बच्चे जहां सर्दी खासी बुखार से पीड़ित नजर आ रहे हैं. वहीं बुजुर्ग इसके अलावा हड्डियों में दर्द जैसी तकलीफों से भी परेशान है. वहीं कई लोगों को ठंड बढ़ने के साथ साथ सांस लेने में भी तकलीफ सुबह और शाम के समय होने की बातें सामने आ रही है.
कोहरे के कारण सड़क नहीं आ रहे नजर
वहीं कोहरा के कारण सड़क नजर ही नहीं आती. 2 मीटर के बाद कुछ भी दिखाई नहीं देता ऐसे में लोगों की रफ्तार इतनी कम हो जाती है कि गरियाबंद से रायपुर का सफर जो 2 घंटे में पूरा होता है कोहरे के चलते लोग 4 से 5 घंटे में रायपुर नहीं पहुंच पा रहे हैं. दुर्घटना का डर अलग से बना रहता है.