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गरियाबंद पुलिस ने झीरम हमले के शहीदों को दी श्रद्धांजलि - martyrs of Jhiram attack

गरियाबंद पुलिस लाइन में 100 से ज्यादा पुलिस जवानों ने मिलकर झीरम हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी. यह श्रद्धांजलि सभा सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए आयोजित की गई थी.

Gariaband police tribute to martyrs of Jhiram attack
पुलिस लाइन के जवानों ने झीरम हमले के शहीदों को दी श्रद्धांजलि
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Published : May 25, 2020, 3:42 PM IST

गरियाबंद : झीरम हमले के शहीदों को आज प्रदेशभर में श्रद्धांजलि दी जा रही है. इसी कड़ी में पुलिस लाइन में 100 से ज्यादा पुलिस जवानों ने मिलकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर विशेष रूप से आर आई उमेश राय मौजूद रहे. यह श्रद्धांजलि सभा सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए आयोजित की गई. श्रद्धांजलि सभा में दो मिनट का मौन शहीदों के नाम पर रखा गया. कार्यक्रम में शहीदों की तस्वीरों पर फूल अर्पित किए गए.

  • आज #झीरम_श्रद्धांजलि_दिवस के अवसर पर राजीव भवन पहुँचकर झीरम घाटी दुर्घटना में शहीदों को याद करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।

    बस्तर विश्वविद्यालय का नामकरण अब बस्तर टाइगर के नाम से मशहूर हम सबके वरिष्ठ नेता शहीद स्वर्गीय श्री महेंद्र कर्मा के नाम पर किया जाएगा। pic.twitter.com/zzZ2pfRNUR

    — Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) May 25, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें कि 7 साल पहले 25 मई 2013 को बस्तर के झीरम घाटी में कांग्रेस के नेताओं के काफिले को नक्सलियों ने निशाना बनाया था, जिसमें कई कांग्रेस नेताओं के साथ-साथ पुलिस के जवान भी शहीद हुए थे. आज प्रदेशभर में उन शहीदों को याद कर नमन किया जा रहा है. घटना में सबसे दर्दनाक स्थिति महेंद्र कर्मा की थी, नक्सलियों ने उन्हें ढूंढकर गाड़ी से निकालकर मारा था. साथ ही तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ल और उदय मुदलियार भी झीरम घाटी हमले में शहीद हुए थे.

  • 25 मई को अब छत्तीसगढ़ #झीरम_श्रद्धांजलि_दिवस के रूप में सदैव स्मरण करेगा।

    हमारे नेताओं का न होने का एहसास तो हम सभी काँग्रेसजनों को हर पल- हर क्षण होता है, लेकिन छत्तीसगढ़ को लेकर उनकी दूरदर्शिता भी हमें प्रतिदिन कार्य करने को प्रेरित करती है।

    वे आज भी हमारा संबल हैं।

    नमन🙏 pic.twitter.com/taeP5e04sf

    — Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) May 25, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सीएम भूपेश ने दी श्रद्धांजलि

सीएम भूपेश बघेल ने भी राजीव भवन पहुंचकर झीरम हमले के शहीदों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान सीएम बघेल ने बस्तर विश्वविद्यालय का नामकरण करके शहीद महेंद्र कर्मा के नाम पर किए जाने की बात कही हैं.

पढें: झीरम हमला: अंतहीन दर्द के सात साल, प्रदेश दे रहा शहीदों को श्रद्धांजलि

बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में हर साल 25 मई को 'झीरम श्रद्धांजलि दिवस' के रूप में मनाए जाने के लिए शनिवार को अधिकारियों को निर्देश जारी किए. उन्होंने निर्देश दिया कि 25 मई 2013 को झीरम घाटी में नक्सली हिंसा के शिकार हुए प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं, सुरक्षा बलों के जवानों और विगत वर्षों में नक्सल हिंसा के शिकार हुए सभी लोगों की स्मृति में 25 मई को हर साल 'झीरम श्रद्धांजलि दिवस' के रूप में मनाया जाएगा.

गरियाबंद : झीरम हमले के शहीदों को आज प्रदेशभर में श्रद्धांजलि दी जा रही है. इसी कड़ी में पुलिस लाइन में 100 से ज्यादा पुलिस जवानों ने मिलकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर विशेष रूप से आर आई उमेश राय मौजूद रहे. यह श्रद्धांजलि सभा सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए आयोजित की गई. श्रद्धांजलि सभा में दो मिनट का मौन शहीदों के नाम पर रखा गया. कार्यक्रम में शहीदों की तस्वीरों पर फूल अर्पित किए गए.

  • आज #झीरम_श्रद्धांजलि_दिवस के अवसर पर राजीव भवन पहुँचकर झीरम घाटी दुर्घटना में शहीदों को याद करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।

    बस्तर विश्वविद्यालय का नामकरण अब बस्तर टाइगर के नाम से मशहूर हम सबके वरिष्ठ नेता शहीद स्वर्गीय श्री महेंद्र कर्मा के नाम पर किया जाएगा। pic.twitter.com/zzZ2pfRNUR

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बता दें कि 7 साल पहले 25 मई 2013 को बस्तर के झीरम घाटी में कांग्रेस के नेताओं के काफिले को नक्सलियों ने निशाना बनाया था, जिसमें कई कांग्रेस नेताओं के साथ-साथ पुलिस के जवान भी शहीद हुए थे. आज प्रदेशभर में उन शहीदों को याद कर नमन किया जा रहा है. घटना में सबसे दर्दनाक स्थिति महेंद्र कर्मा की थी, नक्सलियों ने उन्हें ढूंढकर गाड़ी से निकालकर मारा था. साथ ही तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ल और उदय मुदलियार भी झीरम घाटी हमले में शहीद हुए थे.

  • 25 मई को अब छत्तीसगढ़ #झीरम_श्रद्धांजलि_दिवस के रूप में सदैव स्मरण करेगा।

    हमारे नेताओं का न होने का एहसास तो हम सभी काँग्रेसजनों को हर पल- हर क्षण होता है, लेकिन छत्तीसगढ़ को लेकर उनकी दूरदर्शिता भी हमें प्रतिदिन कार्य करने को प्रेरित करती है।

    वे आज भी हमारा संबल हैं।

    नमन🙏 pic.twitter.com/taeP5e04sf

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सीएम भूपेश ने दी श्रद्धांजलि

सीएम भूपेश बघेल ने भी राजीव भवन पहुंचकर झीरम हमले के शहीदों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान सीएम बघेल ने बस्तर विश्वविद्यालय का नामकरण करके शहीद महेंद्र कर्मा के नाम पर किए जाने की बात कही हैं.

पढें: झीरम हमला: अंतहीन दर्द के सात साल, प्रदेश दे रहा शहीदों को श्रद्धांजलि

बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में हर साल 25 मई को 'झीरम श्रद्धांजलि दिवस' के रूप में मनाए जाने के लिए शनिवार को अधिकारियों को निर्देश जारी किए. उन्होंने निर्देश दिया कि 25 मई 2013 को झीरम घाटी में नक्सली हिंसा के शिकार हुए प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं, सुरक्षा बलों के जवानों और विगत वर्षों में नक्सल हिंसा के शिकार हुए सभी लोगों की स्मृति में 25 मई को हर साल 'झीरम श्रद्धांजलि दिवस' के रूप में मनाया जाएगा.

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