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गरियाबंद: अब गजराज को रोकेगा 'गजराज'

गरियाबंद में हाथियों से सुरक्षा के लिए गजराज वाहन तैनात किया गया है. इस वाहन में ऐसे यंत्र लगाये गए हैं, जिससे हाथी इसे देखते ही भागने लगते हैं.

gajraj vahan
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Published : Dec 30, 2019, 2:57 PM IST

Updated : Dec 30, 2019, 4:58 PM IST

गरियाबंद: जिले में लगातार बढ़ रहे हाथियों के आतंक को देखते हुए वन विभाग ने यहां गजराज वाहन को तैनात किया है. बीते दिनों एक बुजुर्ग को हाथी ने उसके घर के सामने ही कुचल कर मार डाला था, जिसके बाद से वन विभाग के कर्मचारियों में भी दहशत का माहौल है. इसके देखते हुए वन विभाग ने गरियाबंद जिले में गजराज वाहन तैनात किया है.

अब गजराज को रोकेगा 'गजराज'

गजराज वाहन से डरते हैं हाथी

वाहन के चालक ने बताया कि इस गजराज वाहन में विशेष रूप से पांच प्रकार के हैलोजन लाइट्स लगाये गए हैं. जो अलग-अलग रंग के हैं. इसकी रोशनी को हाथी के आंखों पर छोड़ने से हाथी डरता है. इसके अलावा वाहन में हूटर और सायरन भी लगाया गया है. जिसकी तेज आवाज से हाथी रिहायसी इलाकों के भागने लगते हैं. वाहन में जालियां लगाई गई है, जिससे हाथी इसमें बैठे लोगों को नुकसान न पहुंचा सके.

gajraj vahan
गजराज वाहन

खुश हैं वन विभाग के कर्मचारी
गजराज वाहन के आ जाने से अब वन विभाग के कर्मचारी खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि पहले जब वे हाथियों से लोगों की सुरक्षा करने के लिए जाते थे, तो उन्हें डर लगता था, लेकिन इस वाहन में विशेष लाइटिंग और सायरन से हाथी भगाने में उन्हें आसानी होगी और वे सुरक्षित भी रहेंगे.

वन विभाग हाथियों से निपटने के लिए नए-नए तरीके अपनाता रहता है. इसी कवायद में पहली बार जिले में गजराज वाहन बैकुंठपुर वन मंडल से भेजा गया है. उम्मीद की जा रही है कि ये वाहन हाथियों को भगाने में काफी मदद करेगा.

गरियाबंद: जिले में लगातार बढ़ रहे हाथियों के आतंक को देखते हुए वन विभाग ने यहां गजराज वाहन को तैनात किया है. बीते दिनों एक बुजुर्ग को हाथी ने उसके घर के सामने ही कुचल कर मार डाला था, जिसके बाद से वन विभाग के कर्मचारियों में भी दहशत का माहौल है. इसके देखते हुए वन विभाग ने गरियाबंद जिले में गजराज वाहन तैनात किया है.

अब गजराज को रोकेगा 'गजराज'

गजराज वाहन से डरते हैं हाथी

वाहन के चालक ने बताया कि इस गजराज वाहन में विशेष रूप से पांच प्रकार के हैलोजन लाइट्स लगाये गए हैं. जो अलग-अलग रंग के हैं. इसकी रोशनी को हाथी के आंखों पर छोड़ने से हाथी डरता है. इसके अलावा वाहन में हूटर और सायरन भी लगाया गया है. जिसकी तेज आवाज से हाथी रिहायसी इलाकों के भागने लगते हैं. वाहन में जालियां लगाई गई है, जिससे हाथी इसमें बैठे लोगों को नुकसान न पहुंचा सके.

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गजराज वाहन

खुश हैं वन विभाग के कर्मचारी
गजराज वाहन के आ जाने से अब वन विभाग के कर्मचारी खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि पहले जब वे हाथियों से लोगों की सुरक्षा करने के लिए जाते थे, तो उन्हें डर लगता था, लेकिन इस वाहन में विशेष लाइटिंग और सायरन से हाथी भगाने में उन्हें आसानी होगी और वे सुरक्षित भी रहेंगे.

वन विभाग हाथियों से निपटने के लिए नए-नए तरीके अपनाता रहता है. इसी कवायद में पहली बार जिले में गजराज वाहन बैकुंठपुर वन मंडल से भेजा गया है. उम्मीद की जा रही है कि ये वाहन हाथियों को भगाने में काफी मदद करेगा.

Intro:गरियाबंद---गरियाबंद जिले में बढ़ रहे हाथियों के आतंक को देखते हुए वन विभाग के प्रदेश स्तर के अधिकारियों ने यहां गजराज वाहन भेजा है जो लोगों की सुरक्षा हाथी से करेगा बीते दिनों एक बुजुर्ग को हाथी ने उसके घर के सामने ही कुचल कर मार डाला था जिसके बाद वन विभाग के कर्मचारियों को भी हाथियों के झुंड से दहशत बनी हुई थी जिसे देखते हुए यह गजराज वाहन भेजा गया है आपको बता दें कि उड़ीसा क्षेत्र से 35 हाथियों का दल लगातार दो महीने से गरियाबंद जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में आतंक मचा रहा है खुद वन विभाग के कर्मचारी भी लोगों की सुरक्षा हाथियों से करने में काफी परेशानी महसूस कर रहे थे आपको बताते हैं क्या है इस गजराज वाहन की खासियत आखिर क्यों हाथी इस से डरते हैं


Body:कुछ समय पहले तक प्रदेश के 10 ग्यारह जिलों तक सीमित हाथियों की समस्या अब प्रदेश के ज्यादातर जिलों में फैल चुकी है बस्तर को छोड़ दें तो बाकी सभी जिलों में हाथी आतंक मचा रहे हैं आए दिन हाथियों द्वारा लोगों को कुचल कर मार देने की घटनाएं सामने आ रही है ऐसे में खुद वन विभाग भी इस समस्या के आगे लाचार नजर आ रहा था गरियाबंद जिले में उड़ीसा से पहुंचे 35 हाथियों के दल ने बीते 2 माह से आतंक मचा रखा है यह दल कभी गरियाबंद से बेहद नजदीक पहुंच जाता है तो कभी सिकासेर इलाके में कभी उदंती टाइगर रिजर्व के इलाके में तो कभी उड़ीसा सीमा पर जमावड़ा बनाए हुए हैं ऐसे में जिधर यह दल जाता है उधर इससे जुड़ी दहशत लोगों में देखी जाती है लोगों को हाथी से बचाने और हाथियों को रिहायशी इलाके से दूर रखने वन विभाग के पास कोई चारा इसलिए नहीं था कि हाथियों को अपने बताएं दिशा में मोमेंट नहीं कराया जा सकता हाथी अपनी मनमर्जी से चलते हैं जिसके बाद पहली बार गरियाबंद जिले में यह गजराज वाहन बैकुंठपुर वन मंडल से भेजा गया है इस वाहन के चालक ने बताया कि इसमें विशेष रूप से पांच प्रकार की हाइलोजन लाइट्स लगाई गई हैं जो अलग-अलग रंगों की है और हाथी के आंख पर ऐसी लाइट डालने से वह डरता है इसके अलावा इसमें हूटर और सायरन भी लगाया गया है जिसकी तेज आवाज से हाथी वापस जंगल में भाग जाता है इस वाहन में सभी तरफ जालियां लगाई गई है जिससे हाथी अपनी सूंड से इसे पकड़ना सके कई खासियतो वाले इस वाहन को जरूरत पड़ने पर इंसान और हाथियों के बीच लाया जाता है और इसका उपयोग कर हाथी को वापस जंगल में खदेड़ा जाता है हाथी प्रभावित कई जिलों में इस वाहन का पहले से उपयोग किया जा रहा है

गरियाबंद जिले के लिए भेजे गए इस गजराज वाहन के आ जाने से अब वन विभाग के कर्मचारी भी सुरक्षित महसूस कर रहे हैं इन कर्मचारियों का कहना है कि पहले जीप आदि वाहन से हाथियों से लोगों की सुरक्षा करने जाने पर डर लगता था कि हाथी कभी भी उनकी जीप पलट सकता था उन पर हमला कर सकता था लेकिन इस वाहन में विशेष लाइटिंग और सायरन के चलते हाथी हमला नहीं करता उल्टे पांव जंगल में भाग जाता है वन कर्मचारी भी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं

Conclusion:
कुल मिलाकर नई समस्या बनकर सामने आए हाथियों से लड़ने वन विभाग ओ भी नए-नए तरीके अपनाने पड़ रहा है ताकि लोगों की सुरक्षा हाथियों से की जा सके बीते कुछ दिनों मैं हाथियों ने गरियाबंद जिले में काफी नुकसान पहुंचाया है फसलों को देखें तो वन विभाग अब तक लगभग ₹600000 मुआवजे में बांट चुका है वहीं हाथी द्वारा कुचल कर मारे गए व्यक्ति के परिजनों को भी अभी ₹600000 मुआवजा दिया जाना है

बाइट--- जेआर नायक वन कर्मचारी

121-- महेश यादव गजराज वाहन का चालक
Last Updated : Dec 30, 2019, 4:58 PM IST
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