गरियाबंद: जंगली सुअर के शिकार के आरोप में 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियो में एक पूर्व सरपंच और एक कोटवार भी शामिल है. एक हफ्ते की जांच पड़ताल और धरपकड़ के बाद वन विभाग ने आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. वन विभाग ने बताया कि 3 अप्रैल को पानी की तलाश में तालाब पहुंचे एक जंगली सुअर का शिकार किया गया था. शिकार के बाद सुअर के मांस को आपस मे बांटकर आरोपी खा गए.
उदंती अभ्यारण्य सीतानदी टाइगर रिजर्व के इंदागांव वनपरिक्षेत्र अधिकारी को लगी. रेजर ने पड़ताल की तो पता चला कि घटनस्थल उनकी रेंज के बाहर देवभोग रेंज का है. इंदागांव रेंजर से जानकारी मिलने के बाद देवभोग रेंजर ने मामले की जांच पड़ताल शुरू की थी. एक हफ्ते की मशक्कत के बाद सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.
आरोपियों से हथियार जब्त
वन विभाग की टीम को जांच में पता चला कि पहले 7 लोगों ने मिलकर जंगली सुअर का शिकार किया था. फिर अन्य 6 लोगों ने उनके साथ मिलकर सुअर के मांस को आपस में बांट लिया. गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी सरनाबहाल ओर घुमरापदर गांव के निवासी हैं. आरोपियो की निशानदेही पर वन अमले की टीम ने वारदात में उपयुक्त फरसा और सुअर के बाल जब्त कर लिए हैं. टीम ने मौके से सुअर के खून के सैंपल भी लिए है. सभी आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है.
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वीडियो से हुआ था खुलासा
मामले का खुलासा एक वायरल वीडियो से हुआ था. मगर अहम बात ये है कि वीडियो वायरल करने वाला हरिराम भी मामले में आरोपी बनाया गया है. हरिराम ने सुअर को काटते वक्त एक वीडियो बनाया था. जिसे उसी शाम उसने वायरल कर दिया था. हरिराम का दावा है कि वीडियो बनाने के पीछे उसका मकसद वन्य प्राणियों की रक्षा करना था. वहीं मामले के अन्य आरोपियों ने उसी पर शिकार में शामिल होने का आरोप लगाया है.
वीडियो को बनाया जाएगा सबूत
गरियाबंद के जंगलों में वन्य प्राणियों का शिकार होने की शिकायतें कई बार मिलती रही है. लेकिन सबूत नहीं मिलने के कारण शिकारी कानूनी शिकंजे से बच निकलते हैं. इस मामले में हरिराम का बनाया वीडियो सबूत के तौप उपयोग किया जाएगा. ताकि आरोपियों को सख्त सजा मिल सके.