गरियाबंद: पुलिस की टीम ने नक्सली बनकर लूट की वारदात को अंजाम देने की कोशिश में लगे चार युवकों को गिरफ्तार किया है. बता दें कि ये चारों पहले पुलिस के गोपनीय सैनिक हुआ करते थे.
ठेकेदारों से करते थे वसूली
चारों युवकों को पुलिस विभाग ने काम से निकाल दिया था. जिसके बाद ये युवक नक्सली का भेष में तेंदूपत्ता ठेकेदारों से उगाही का काम करने लगे. बता दें कि इन युवकों ने पिछले साल भी कुछ ठेकेदारों से वसूली की थी.
नेटवर्क के बारे में पता लगा रही पुलिस
पुलिस अब इनके नेटवर्क के बारे में पता लगाने में जुट गई है ताकि जिले में अगर ऐसा कोई और गिरोह काम कर रहा हो तो उसपर शिकंजा कसा जा सके. पुलिस इस बारे में जांच कर रही है कि, ये युवक नक्सलियों के नाम पर बैनर-पोस्टर लगाकर दहशत फैलाने का काम तो नहीं कर रहे हैं.
मुखबिर से मिली थी सूचना
गरियाबंद पुलिस अधीक्षक एम.आर.अहिरे को मुखबिर से सूचना मिली कि बिन्द्रानवागढ़ क्षेत्र बोईरबेड़ा जंगल चौकी में कुछ नक्सली देखे गए हैं. जिनके पास कुछ धारदार हथियार और बंदूक है. सूचना के आधार पर टीम बनाकर पुलिस बल को मौके पर सर्चिग के लिए भेजा गया.
चलाया गया सर्च ऑपरेशन
टीम की ओर से बोईरबेड़ा के जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया गया. इस दौरान जंगल के अंदर कुछ लोगों की आवाज सुनाई दी. जिसके बाद पुलिस की टीम ने घेराबंदी कर मौके से चार आरोपियों को धर दबोचा. इस दौरान एक आरोपी मौके से भागने में सफल रहा.
हथियार हुए बरामद
आरोपियों से पास से भरमार बंदूक, दो चाकू, दो लाठी मिले जिसे जब्त कर लिया गया है. पुलिस ने आरोपियों से कड़ाई से पुछताछ की तो आरोपियों ने बताया कि 'वे का भेष रखकर जंगल में घात लगाये बैठे थे ताकि कोई तेन्दुपत्ता के फड़ मुंशी पैसा लेकर जाये, तो वो उसे लूट सकें.
दहशत फैलाकर करते थे वारदात
आरोपियों ने बताया कि नक्सलियों के नाम से लोगों में डर का माहौल बनाकर वे अपनी योजना को अंजाम देने के फिराक में थे. हालांकि गरियाबंद पुलिस की सक्रीयता ने इनके मंसूबों पर पानी फेर दिया.
कोर्ट ने भेजा जेल
पकड़े गए आरोपियों का नाम असगर खान, हरीश कुमार देवांगन, रमेश कुमार ध्रुव , जयप्रकाश ध्रुव बताया जा रहा है. पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया गया है.