गरियाबंद: जिले में 24 फरवरी को बड़े स्तर पर फाइलेरिया और कृमि रोधी दवा का सेवन स्कूल-कॉलेज और आंगनबाड़ी के साथ सरकारी कार्यालयों में किया जाएगा. वहीं 5 लाख 82 हजार लोगों को फाइलेरिया रोधी डीईसी की दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है. 2 लाख 17 बच्चों को कृमि नाशक एल्बेंडाजोल की गोली खिलाने का लक्ष्य रखा गया है.
गरियाबंद स्वास्थ्य विभाग ने पत्रकार वार्ता कर इससे जुड़ी सभी जानकारियां दी. जिसमें जिले के सीएमएचओ नवरत्न और अभियान के प्रभारी बी बारा, डॉक्टर नेगी मौजूद रहे. वहीं चिकित्सकों का कहना है कि 'राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम और राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की तैयारियां पूरे जिले में जोरों-शोरों से जारी है. लगभग 17 लाख दवाइयों का वितरण किया जा रहा है, इसके लिए बड़े पैमाने पर 1000 से अधिक टीम का निर्माण किया गया है.'
अभियान के लिए टीमों का गठन
24 फरवरी को स्कूल,कॉलेज, आंगनबाड़ी और हॉस्टल में जाकर सभी को गोलियां खिलाई जाएगी. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास, शिक्षा विभाग और स्वच्छ भारत मिशन महाविद्यालय के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम के तहत 2 वर्ष से अधिक आयु के सभी हितग्राहियों को डॉट्स पद्धति अधिकारी के समक्ष दवा सेवन कराया जाएगा.
उम्र के आधार पर दी जाएंगी गोली
2 से 5 साल - एक गोली
6 से 14 साल - दो गोली
14 साल से अधिक - तीन गोली
घर-घर जाकर पिलाई जाएंगी दवा
वहीं 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाओं, वृद्ध और बीमारियों से पीड़ित लोगों को ये दवाइयां नहीं खिलाई जाएंगी. अधिकारियों ने बताया कि पल्स पोलियो अभियान की तरह पहली बार इस अभियान को भी घर-घर जाकर चलाया जाएगा. आगामी 27 से 29 फरवरी तक घर-घर जाकर छूटे हुए हितग्राहियों को फाइलेरिया रोधी डीईसी की गोलियां खिलाई जाएंगी.
पर्यवेक्षक दल करेंगे निगरानी
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर मरीजों को पहुंचाने की भी व्यवस्था की गई है, ताकि शीघ्र उपचार किया जा सके. सभी स्वास्थ्य केंद्रों को इन दिनों में 24 घंटे खुले रखने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही आंगनूबाड़ी केंद्रों, स्कूलों से 108 एंबुलेंस सेवा और चिरायु दल पीड़ितों को निकट स्वास्थ्य केंद्र रेफर करने को कहा गया है. विकासखंड और सेक्टर स्तर पर मॉनिटरिंग के लिए पर्यवेक्षक दल गठित कर सतत निगरानी की जाएगी.