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बारदानें की कमी से किसानों को हो रही परेशानी

पिछले साल की तरह इस साल भी किसानों को बारदानें का कमी झेलनी पड़ रही है. भुगतान के संबंध में अधिकारी पल्ला झाड़ते नजर आ रहे है.

lack of gunny
बारदाने की कमी
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Published : Dec 6, 2019, 3:02 PM IST

Updated : Dec 6, 2019, 4:39 PM IST

गरियाबंद: पिछले साल बारदानें के अभाव में धान खरीदी बंद पड़ गई थी. शासन ने किसानों से मदद मांग कर उनके बारदानें में यह कहते हुए खरीदी की गई कि उन्हें 19 रुपए प्रति बारदाना भुगतान दिया जाएगा, लेकिन 1 साल बाद भी किसानों को भुगतान नहीं किया गया है. इस साल फिर से किसानों को बारदानें की कमी से जूझना पड़ रहा है.

किसानों को हो रही परेशानी

जिले के तकरीबन 30 हजार किसानों का 8 लाख 44 हजार 745 बोरे का एक करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान अटका हुआ है. किसान इसको लेकर कई बार मांग कर चुके हैं. अधिकारी हमेशा की तरह इस बार भी जल्द भुगतान की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ने में लगे हैं. किसानों के मुताबिक पिछले साल समितियों में बारदाने की शॉर्टेज होने पर उन्होंने अपने बारदाने में धान भरकर समितियों में बेचा था.

पढ़े:रायपुर: अब फोन से दी जा रही है प्रत्याशियों को टिकट की सूचना

अधिकारी झाड़ रहे पल्ला
समितियों ने 12 रुपये प्रति बोरी की दर से भुगतान करने का आश्वसन दिया गया था. किसानों को अब 25 से 40 रुपए प्रति बोरी खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है. गरियाबंद के DMO का कहना है कि बिल बना कर भेजा जा चुका है लेकिन भुगतान ऊपर से नहीं आ रहा है.

गरियाबंद: पिछले साल बारदानें के अभाव में धान खरीदी बंद पड़ गई थी. शासन ने किसानों से मदद मांग कर उनके बारदानें में यह कहते हुए खरीदी की गई कि उन्हें 19 रुपए प्रति बारदाना भुगतान दिया जाएगा, लेकिन 1 साल बाद भी किसानों को भुगतान नहीं किया गया है. इस साल फिर से किसानों को बारदानें की कमी से जूझना पड़ रहा है.

किसानों को हो रही परेशानी

जिले के तकरीबन 30 हजार किसानों का 8 लाख 44 हजार 745 बोरे का एक करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान अटका हुआ है. किसान इसको लेकर कई बार मांग कर चुके हैं. अधिकारी हमेशा की तरह इस बार भी जल्द भुगतान की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ने में लगे हैं. किसानों के मुताबिक पिछले साल समितियों में बारदाने की शॉर्टेज होने पर उन्होंने अपने बारदाने में धान भरकर समितियों में बेचा था.

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अधिकारी झाड़ रहे पल्ला
समितियों ने 12 रुपये प्रति बोरी की दर से भुगतान करने का आश्वसन दिया गया था. किसानों को अब 25 से 40 रुपए प्रति बोरी खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है. गरियाबंद के DMO का कहना है कि बिल बना कर भेजा जा चुका है लेकिन भुगतान ऊपर से नहीं आ रहा है.

Intro:स्लग---बारदाना भुगतान अटका

एंकर--- पिछले साल बारदाने के आभाव में धान खरीदी बंद पड़ गई थी अंततः शासन ने किसानों से मदद मांगी और उनके बारदाने में ही यह कहते हुए की खरीदी गई कि उन्हें ₹19 प्रति बारदाना भुगतान दिया जाएगा 1 साल बीतने को है मगर भुगतान आज तक किया नहीं गया अब इस साल फिर से किसानों को जब बारदाने की जरूरत है तो किसानों को इसकी कमी से जूझना पड़ रहा है अकेले गरियाबंद जिले में 1 करोड रुपए के लगभग साढे आठ लाख बारदाने का भुगतान किसानों को नहीं किया गया और किसान अब तक अपने पैसों के लिए मांग करते और परेशान होते नजर आ रहे हैं।





Body:वीओ--गरियाबंद में किसानों को सालभर बाद भी बारदाने का भुगतान नही हुआ है, जिले के तकरीबन 30 हजार किसानों का 844745 बोरे का एक करोड रुपये से अधिक का भुगतान अटका हुआ है, किसान इसको लेकर कई बार मांग कर चुके है मगर उसके बावजूद भी भुगतान नही हुआ, वहीं अधिकारी हमेशा की तरह इस बार भी जल्द भुगतान की बात कहकर अपना पल्ला झाडने में लगे है, किसानों के मुताबिक पिछले साल समीतियों में बारदान की शॉर्टेज होने पर उऩ्होंने अपने बारदाने में धान भरकर समीतियों में बेचा था, * समीतियों द्वारा 12 रुपये प्रति बोरा की दर से भुगतान करने का आश्वसन दिया गया था जो अबतक पुरा नही हुआ है, किसानों को अब 25 से 40 रुपये में बोरा खरीदने पर मजबूर होना पड रहा है। गरियाबंद के डीएमओ का कहना है कि बिल बना कर भेजा जा चुका है मगर भुगतान ऊपर से नहीं आ रहा है कितने किसानों का कितना भुगतान बाकी है यह जानकारी भी रिकॉर्ड ढूंढ कर देखना पड़ेगा।Conclusion:
बाइट 1---किसान..........
बाइट 2--किसान...........
Byte--- श्री दीवान डीएमओ गरियाबंद
Last Updated : Dec 6, 2019, 4:39 PM IST
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