गरियाबंद: पिछले साल बारदानें के अभाव में धान खरीदी बंद पड़ गई थी. शासन ने किसानों से मदद मांग कर उनके बारदानें में यह कहते हुए खरीदी की गई कि उन्हें 19 रुपए प्रति बारदाना भुगतान दिया जाएगा, लेकिन 1 साल बाद भी किसानों को भुगतान नहीं किया गया है. इस साल फिर से किसानों को बारदानें की कमी से जूझना पड़ रहा है.
जिले के तकरीबन 30 हजार किसानों का 8 लाख 44 हजार 745 बोरे का एक करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान अटका हुआ है. किसान इसको लेकर कई बार मांग कर चुके हैं. अधिकारी हमेशा की तरह इस बार भी जल्द भुगतान की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ने में लगे हैं. किसानों के मुताबिक पिछले साल समितियों में बारदाने की शॉर्टेज होने पर उन्होंने अपने बारदाने में धान भरकर समितियों में बेचा था.
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अधिकारी झाड़ रहे पल्ला
समितियों ने 12 रुपये प्रति बोरी की दर से भुगतान करने का आश्वसन दिया गया था. किसानों को अब 25 से 40 रुपए प्रति बोरी खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है. गरियाबंद के DMO का कहना है कि बिल बना कर भेजा जा चुका है लेकिन भुगतान ऊपर से नहीं आ रहा है.