गरियाबंद: राजिम और कुरुद क्षेत्र के 110 किसानों ने पिछले साल जुलाई-अगस्त में राइस मिल संचालक को अपना धान मंडी प्रांगण में खुली बोली के माध्यम से बेचा था. जिसके की ओर से कुल 50 लाख 45 हजार रुपए का धान खरीदते हुए किसानों को चेक के माध्यम से भुगतान किया था, लेकिन वे सभी चेक बैंक की ओर से बाउंस कर दिए गए थे. इसके बाद से किसान अपना भुगतान पाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं.
अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगाने के बाद भी जब किसानों को धान का भुगतान हीं हुआ तो, उन्होंने 3 नवंबर को राजिम से रायपुर तक पदयात्रा करते हुए मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मिलकर भुगतान दिलाने की मांग की थी. किसानों की मांग पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री की ओर से संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया था. इसके बाद किसानों को केवल 19 लाख रुपए का भुगतान करते हुए बकाया के भुगतान के लिए कुछ दिनों की मोहलत मांगी थी, लेकिन इसके बाद 95 किसानों को बचे हुए 31 लाख 42 हजार रुपए भुगतान करने का नाम नहीं लिया जा रहा है. यह देखकर कुछ दिन पहले पीड़ित किसानों ने मंडी और जिला प्रशासन सहित तमाम संबंधित विभागों को पत्र लिखकर मंडी बंद कर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी थी.
5 दिन से जारी है प्रदर्शन
जिसके बाद किसान अब बीते 5 दिनों से मंडी बंद कर गेट पर ही धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, किसानों की ओर प्रशासन ध्यान नहीं दे रही हैं . किसानों का साफ तौर पर कहना है कि उन्होंने मंडी परिसर में अपना धान बेचा है, लिहाजा मंडी प्रशासन इसकी जिम्मेदारी लेते हुए मंडी निधि से उनका भुगतान कर बाद में मिलर से वसूली करें, लेकिन अभी तक अफसरों ने इस ओर कोई कदम नहीं उठाया है.