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राजीव गांधी न्याय योजना के भुगतान में दिक्कतें, ठंड में भी रात को बैंक के बाहर किसानों की लग रही लंबी लाइन

गरियाबंद जिले में राजीव गांधी किसान न्याय योजना का पैसा किसानों को नहीं मिल पा रहा है. योजना की तीसरी किस्त की राशि जारी कर दी गई है. किसानों को बैंकों से पैसे लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है.

Farmers line up in banks to take money from Rajiv Gandhi Kisan Nyaya Yojana in gariaband
किसान न्याय योजना का पैसा पाने के लिए किसान परेशान
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Published : Nov 7, 2020, 12:56 PM IST

Updated : Nov 7, 2020, 2:17 PM IST

गरियाबंद: जिले में बैंकों की कमी के चलते राजीव गांधी किसान न्याय योजना का पैसा लेने में किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सुबह से ही किसान बैंकों में योजना का पैसा पाने के लिए इंतजार करते देखे जा सकते हैं. ये इंतजार दिन क्या रात में भी देखा जा सकता है.

किसान न्याय योजना का पैसा पाने के लिए किसान परेशान

गरियाबंद स्थित को-ऑपरेटिव बैंक में हर दिन सैकड़ों की संख्या में किसान योजना की राशि का भुगतान लेने बैंक पहुंच रहे हैं. ऐसे में बैंकों के बाहर दिन में जहां भीड़ होती है, वहीं रात 8 बजे तक भी भुगतान चलता रहता है. बैंक ने एक दिन में 300 किसानों को भुगतान करने का नियम बनाया है.

किसान न्याय योजना का पैसा पाने के लिए किसान परेशान

सुबह 6 बजे से लग जाती है लंबी लाइन

गरियाबंद और पांडुका के किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किस्त की राशि लेने में तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है. पैसों की जरूरत के चलते किसान सुबह 6 बजे से ही बैंक पहुंचकर लाइन में लग जाते हैं, जबकि बैंक खुलने का समय 10:30 बजे है. बावजूद इसके इस बात की कोई गारंटी नहीं होती कि उन्हें शाम तक पैसे मिल पाएंगे या नहीं. इन सभी परेशानियों के चलते गरियाबंद के को-ऑपरेटिव बैंक ने 300 लोगों को ही एक दिन में भुगतान करने का निर्णय लेते हुए टोकन जारी करना प्रारंभ किया है, मगर इससे भी किसानों की समस्या कम होती नजर नहीं आ रही.

पढ़ें- EXCLUSIVE: किसानों के लिए मायूसी, खाद्य मंत्री ने बताया क्यों जल्दी नहीं शुरू होगी धान खरीदी

दूर-दूर से किसान पहुंचते हैं बैंक

बड़ी बात यह कि पांडुका क्षेत्र में किसानों की संख्या अधिक है और वहां के भी ज्यादातर किसानों के खाते गरियाबंद को-ऑपरेटिव बैंक में हैं, ऐसे में उन्हें अपने भुगतान के लिए खासी परेशानी उठानी पड़ती है. लंबी दूरी तय कर उन्हें बैंक पहुंचना पड़ता है. इसके बाद देर शाम तक भुगतान होने के चलते कई बार उन्हें वापसी में साधन उपलब्ध नहीं हो पाते, जिसके चलते किसान परेशान हैं.

किसानों से ईटीवी भारत ने चर्चा की, तो उन्होंने बताया कि पांडुका में भी को-ऑपरेटिव बैंक की शाखा खोलने की मांग की है, ताकि उन्हें भुगतान में कोई दिक्कत न आए. बहरहाल अभी किसान न्याय योजना की तीसरी किस्त का भुगतान किया जा रहा है. आगे धान खरीदी को लेकर भी बैंकों में भीड़ बढ़ेगी. इसके लिए व्यवस्था सुधारने की जरूरत है.

गरियाबंद: जिले में बैंकों की कमी के चलते राजीव गांधी किसान न्याय योजना का पैसा लेने में किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सुबह से ही किसान बैंकों में योजना का पैसा पाने के लिए इंतजार करते देखे जा सकते हैं. ये इंतजार दिन क्या रात में भी देखा जा सकता है.

किसान न्याय योजना का पैसा पाने के लिए किसान परेशान

गरियाबंद स्थित को-ऑपरेटिव बैंक में हर दिन सैकड़ों की संख्या में किसान योजना की राशि का भुगतान लेने बैंक पहुंच रहे हैं. ऐसे में बैंकों के बाहर दिन में जहां भीड़ होती है, वहीं रात 8 बजे तक भी भुगतान चलता रहता है. बैंक ने एक दिन में 300 किसानों को भुगतान करने का नियम बनाया है.

किसान न्याय योजना का पैसा पाने के लिए किसान परेशान

सुबह 6 बजे से लग जाती है लंबी लाइन

गरियाबंद और पांडुका के किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किस्त की राशि लेने में तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है. पैसों की जरूरत के चलते किसान सुबह 6 बजे से ही बैंक पहुंचकर लाइन में लग जाते हैं, जबकि बैंक खुलने का समय 10:30 बजे है. बावजूद इसके इस बात की कोई गारंटी नहीं होती कि उन्हें शाम तक पैसे मिल पाएंगे या नहीं. इन सभी परेशानियों के चलते गरियाबंद के को-ऑपरेटिव बैंक ने 300 लोगों को ही एक दिन में भुगतान करने का निर्णय लेते हुए टोकन जारी करना प्रारंभ किया है, मगर इससे भी किसानों की समस्या कम होती नजर नहीं आ रही.

पढ़ें- EXCLUSIVE: किसानों के लिए मायूसी, खाद्य मंत्री ने बताया क्यों जल्दी नहीं शुरू होगी धान खरीदी

दूर-दूर से किसान पहुंचते हैं बैंक

बड़ी बात यह कि पांडुका क्षेत्र में किसानों की संख्या अधिक है और वहां के भी ज्यादातर किसानों के खाते गरियाबंद को-ऑपरेटिव बैंक में हैं, ऐसे में उन्हें अपने भुगतान के लिए खासी परेशानी उठानी पड़ती है. लंबी दूरी तय कर उन्हें बैंक पहुंचना पड़ता है. इसके बाद देर शाम तक भुगतान होने के चलते कई बार उन्हें वापसी में साधन उपलब्ध नहीं हो पाते, जिसके चलते किसान परेशान हैं.

किसानों से ईटीवी भारत ने चर्चा की, तो उन्होंने बताया कि पांडुका में भी को-ऑपरेटिव बैंक की शाखा खोलने की मांग की है, ताकि उन्हें भुगतान में कोई दिक्कत न आए. बहरहाल अभी किसान न्याय योजना की तीसरी किस्त का भुगतान किया जा रहा है. आगे धान खरीदी को लेकर भी बैंकों में भीड़ बढ़ेगी. इसके लिए व्यवस्था सुधारने की जरूरत है.

Last Updated : Nov 7, 2020, 2:17 PM IST
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