गरियाबंद: भूपेश सरकार ने 1 दिसंबर से 15 फरवरी तक धान खरीदी किए जाने की तारीख का ऐलान किया था, जिसके बाद रविवार से प्रदेशभर में धान खरीदी शुरू हो गई है. सभी किसान अपनी उपज लेकर मंडी पहुंच रहे हैं. वहीं ढोंगरीगुडा और माहुलकोट गांव के किसानों ने उनके गांवों को ढोर्रा समिति में जोड़ने की मांग को लेकर हंगामा किया है.
देवभोग थाने क्षेत्र के ढोंगरीगुडा और माहुलकोट गांव के किसानों ने धान खरीदी के दौरान जमकर हंगामा किया है. किसानों का कहना है कि वे उरमाल समीति की बजाय ढोर्रा समीति में धान बेचना चाहते थे, मगर उनकी मांग पूरी नहीं हो पाई है. आधिकारी उन्हें गोहरा पदर मंडी में धान बेचने को कह रहे है जो उनके गांव से 15 किलोमिटर दूर है.
किसानों ने धान नहीं बेचने का लिया फैसला
किसानों ने अधिकारियों से गांव को ढोर्रा समीति में जोडने की मांग की है. किसानों ने बताया कि उरमाल समिति 15 किलोमीटर दूर है जबकि ढोर्रा समिति 2 किलोमीटर दूर है. किसानों ने बताया कि ढोर्रा समिति में जब वह सुबह धान बेचने पहुंचे तो उन्हें यहां उनके गांव का रिकॉर्ड दर्ज नहीं मिला. इससे किसान गुस्से में आ गए. जिसकी वजह से फिलहाल किसानों ने धान नहीं बेचने का फैसला लिया है और उनके गांव को ढोर्रा समिति में जोड़ने की मांग की है.