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किसान ने की गलती, पोल्ट्री फार्म में भरा जहरीला धुंआ, चली गई 1790 मुर्गियों की जान

किसान ने खेत को जल्द साफ करने के लिए आग लगा दी. गर्मी के कारण आग बहुत तेजी से बढ़ने लगी. हवाओं के जरिए आग ने खेत से सटे पोल्ट्री फॉर्म की ओर रुख कर लिया.

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Published : Jun 8, 2019, 3:52 PM IST

खेत में लगी आग.

राजिम/गरियाबंद: रकम, मेहनत और समय बचाने देश के किसानों ने एक ऐसा तरीका निकाला, जिससे कुछ घंटे में ही पूरा खेत साफ होकर दूसरी फसल के लिए तैयार हो जाता है. किसान खेत में बचे ठूंठ में आग लगा दिया करते हैं. पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा ठूंठ को बेहिसाब तरीके से जलाने का परिणाम आज दिल्ली के वातावरण में साफ दिखता है. ऐसे ही एक किसान की गलती ने सैकड़ों मुर्गियों की जान ले ली.

किसान ने की गलती, पोल्ट्री फार्म में भरा जहरीला धुंआ

मामला राजिम विधानसभा क्षेत्र के राजनकटा गांव का है. यहां किसान ने खेत को जल्द साफ करने के लिए आग लगा दी. गर्मी के कारण आग बहुत तेजी से बढ़ने लगी. हवाओं के जरिए आग ने खेत से सटे पोल्ट्री फॉर्म की ओर रुख कर लिया. इस समय पोल्ट्री में करीब 6500 मुर्गियों की फार्मिंग की जा रही थी. हवाओं के जरिए आग से उठता काला जहरीला धुंआ सीधे पोल्ट्री फार्म के अंदर भरने लगा.

गार्ड ने कोशिश की लेकिन नहीं बुझा पाया आग

इसी बीच फार्म का गार्ड आग को शांत करने की कोशिश में लगा हुआ था, लेकिन आग लगातार बढ़ती जा रही थी. कुछ देर जूझने के बाद वो भी आग से झुलसने लगा और पीछे हट गया. काला जहरीला धुंआ पोल्ट्री के अंदर भर चुका था. इस दौरान पोल्ट्री में 1790 मुर्गियों की मौत हो गई. पोल्ट्री का मालिक टीकम साहू ने बताया कि उसे इस घटना से काफी नुकसान हुआ है. अभी पूरा तो नहीं कहा जा सकता लेकिन करीब ढ़ाई से तीन लाख के बीच का घाटा हुआ.

पोल्ट्री संचालक ने की शिकायत

पोल्ट्री संचालक ने मामले की शिकायत थाने और पटवारी दोनों से कर दी है. ETV भारत प्रदेश के किसानों द्वारा खेतो के ठूंठ जलाने के मामले लगातार उठाता आया है. प्रदेश के जांजगीर-चांपा, बेमेतरा जिले से खेतों में ठूंठ जलाने की खबरें आती रहती हैं, लेकिन प्रदेश सरकार ने अबतक कोई सख्त कानून जारी नहीं किया है. रायपुर में प्रदूषण का स्तर बहुत ऊपर पहुंच चुका है. ऐसे में किसानों द्वारा इस तरह आगजनी करते रहना न समाज के हित में और न ही पर्यावरण के हित में.

राजिम/गरियाबंद: रकम, मेहनत और समय बचाने देश के किसानों ने एक ऐसा तरीका निकाला, जिससे कुछ घंटे में ही पूरा खेत साफ होकर दूसरी फसल के लिए तैयार हो जाता है. किसान खेत में बचे ठूंठ में आग लगा दिया करते हैं. पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा ठूंठ को बेहिसाब तरीके से जलाने का परिणाम आज दिल्ली के वातावरण में साफ दिखता है. ऐसे ही एक किसान की गलती ने सैकड़ों मुर्गियों की जान ले ली.

किसान ने की गलती, पोल्ट्री फार्म में भरा जहरीला धुंआ

मामला राजिम विधानसभा क्षेत्र के राजनकटा गांव का है. यहां किसान ने खेत को जल्द साफ करने के लिए आग लगा दी. गर्मी के कारण आग बहुत तेजी से बढ़ने लगी. हवाओं के जरिए आग ने खेत से सटे पोल्ट्री फॉर्म की ओर रुख कर लिया. इस समय पोल्ट्री में करीब 6500 मुर्गियों की फार्मिंग की जा रही थी. हवाओं के जरिए आग से उठता काला जहरीला धुंआ सीधे पोल्ट्री फार्म के अंदर भरने लगा.

गार्ड ने कोशिश की लेकिन नहीं बुझा पाया आग

इसी बीच फार्म का गार्ड आग को शांत करने की कोशिश में लगा हुआ था, लेकिन आग लगातार बढ़ती जा रही थी. कुछ देर जूझने के बाद वो भी आग से झुलसने लगा और पीछे हट गया. काला जहरीला धुंआ पोल्ट्री के अंदर भर चुका था. इस दौरान पोल्ट्री में 1790 मुर्गियों की मौत हो गई. पोल्ट्री का मालिक टीकम साहू ने बताया कि उसे इस घटना से काफी नुकसान हुआ है. अभी पूरा तो नहीं कहा जा सकता लेकिन करीब ढ़ाई से तीन लाख के बीच का घाटा हुआ.

पोल्ट्री संचालक ने की शिकायत

पोल्ट्री संचालक ने मामले की शिकायत थाने और पटवारी दोनों से कर दी है. ETV भारत प्रदेश के किसानों द्वारा खेतो के ठूंठ जलाने के मामले लगातार उठाता आया है. प्रदेश के जांजगीर-चांपा, बेमेतरा जिले से खेतों में ठूंठ जलाने की खबरें आती रहती हैं, लेकिन प्रदेश सरकार ने अबतक कोई सख्त कानून जारी नहीं किया है. रायपुर में प्रदूषण का स्तर बहुत ऊपर पहुंच चुका है. ऐसे में किसानों द्वारा इस तरह आगजनी करते रहना न समाज के हित में और न ही पर्यावरण के हित में.

Intro:एंकर---खेतों में लगाई जाने वाली आग से बड़ी संख्या में सूक्ष्म जीव जंतु की मौते तो लगातार जलकर हो रही है किंतु आज उस वक्त घटना ने बड़ा रूप ले लिया जब खेतों की आग से धुए में दम घुटने के चलते 1790 मुर्गियों की मौत हो गई घटना पर पांडुका पुलिस ने आग लगाने वाले अज्ञात लोगों पर 3/19 अपराध कायम कर आगजनी के मामले मे विवेचना प्रारंभ कर आरोपियों की खोज खबर प्रारंभ कर दी है..इन दिनो राजिम विधानसभा के पोंड से लेकर राजिम तक के हजारों एकड़ खेतों में खाद बनाने के लालच में आग लगाने का कार्य चल रहा है जिसे रोकने में प्रशासन नाकाम साबित हुआ हैBody:वी....ओ............खेतों में आग लगाकर लगातार वायु प्रदूषण बढ़ाने की खबरों के बाद भी प्रशासन अब तब इसे रोक पाने में नाकाम साबित हो रहा है इससे पूर्व भी ईटीवी भारत में ने इस तरह की आग लगने की घटना को प्रमुखता से दिखलाया था आग लगाने की घटनाएं कम होने की बजाय और बढ़ती जा रही है यही कारण है कि जहां देखो वहां या तो खेत जलते दिखाई देते हैं या फिर जलकर राख में तब्दील इन सबके बीच इससे एक और बड़ी घटना हो गई है जिले के राजनकटा गांव में खेत में लगाई गई आग के बाद आग ऐसा भड़की की आग की तपिश वा धुएं से दम घुटने पर 6500 मे से 1790 मुर्गियों की मौत हो गई यह मुर्गियां एक पोल्टरी फार्म में थी और यहां के चौकीदार ने आग बुझाने की काफी प्रयास किया इसके बाद भी जब वह सफल नहीं हो पाया तो बढ़ती आंग की गरम लपटों से वह खुद झुलसने लगा जिससें वह जान बचाकर भाग गया जिसके बाद आग की तपिश व दम घुटने से 6500 में से 1790 मुर्गियों की मौत हो गई घटना में पोटरी फार्म संचालक टीकम साहू का कहना है कि लगभग ढाई से तीन लाख रुपए का नुकसान हो गया उसने घटना की सूचना थाने एव पटवरी को दे दी है जिस पर पांडू का थाना में अपराध क्रमांक 3/19 आगजनी क कायम कर विवेचना जारी रखी गई है

वी ....ओ.. फाइनल .....लगातार खेतों में आग लगने से जहां पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है वहीं इस तरह की पहली घटना घटने से क्षेत्र में इसकी जबरदस्त चचाँ है और वहीं लोगों के बीच आक्रोश भी पनप रहा है किंतु इन प्रकरणों के बीच शासन प्रशासन की ओर से ऐसी पहल नहीं की गई है जिसके चलते इस तरह की आगजनी की घटना रुक सकेConclusion:बाइट .........जोगेश्वर सिंह चौकीदार
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