ETV Bharat / state

ETV BHARAT की खबर का असर: दवा फेंकने के मामले में जांच कमेटी गठित, कलेक्टर ने मांगा जवाब - gariyaband

सीएमएचओ ने मामले में एक कर्मचारी को निलंबित किया है. वहीं दूसरे को मैनपुर स्थानांतरित किया है. इसके अलावा वेतन वृद्धि भी रोकी है, जांच कमेटी भी गठित की है.

gariyaband medicines case
author img

By

Published : Apr 13, 2019, 6:20 PM IST

Updated : Apr 14, 2019, 8:47 AM IST

गरियाबंद: दवा फेंकने के मामले में जिले के सीएमएचओ ने बड़ी कार्रवाई की है. सीएमएचओ ने मामले में एक कर्मचारी को निलंबित किया है. वहीं दूसरे को मैनपुर स्थानांतरित किया है. इसके अलावा वेतन वृद्धि भी रोकी है, जांच कमेटी भी गठित की है.

वीडियो.

सीएमएचओ ने माना कि मामले में कर्मचारियों ने बड़ी गलती की है. सभी दवाएं जंगल से उठवा कर वापस अस्पताल में रखवाई जा रही हैं. मामले में कलेक्टर ने लिखित जवाब मांगा है. सीएमएचओ निरीक्षण करने जंगल पहुंचे, जहां देखकर कहा बड़ी लापरवाही हुई है.

बता दें कि बड़ी संख्या में दवाइयां खुले में जंगल में फेंक दी गई थीं. इससे वन्यप्राणियों के जान का खतरा था. एक्सपायरी डेट की दवाओं के साथ ही ऐसी दवाइयां जिनके उपयोग करने का समय अभी बाकी हैं उन्हें भी फेंका गया था. आरोप है कि नियमों का पालन स्वास्थ्य विभाग ने नहीं किया. नियम के अनुसार गड्ढा खोदकर दवाएं उसमें डालनी चाहिए.

गरियाबंद: दवा फेंकने के मामले में जिले के सीएमएचओ ने बड़ी कार्रवाई की है. सीएमएचओ ने मामले में एक कर्मचारी को निलंबित किया है. वहीं दूसरे को मैनपुर स्थानांतरित किया है. इसके अलावा वेतन वृद्धि भी रोकी है, जांच कमेटी भी गठित की है.

वीडियो.

सीएमएचओ ने माना कि मामले में कर्मचारियों ने बड़ी गलती की है. सभी दवाएं जंगल से उठवा कर वापस अस्पताल में रखवाई जा रही हैं. मामले में कलेक्टर ने लिखित जवाब मांगा है. सीएमएचओ निरीक्षण करने जंगल पहुंचे, जहां देखकर कहा बड़ी लापरवाही हुई है.

बता दें कि बड़ी संख्या में दवाइयां खुले में जंगल में फेंक दी गई थीं. इससे वन्यप्राणियों के जान का खतरा था. एक्सपायरी डेट की दवाओं के साथ ही ऐसी दवाइयां जिनके उपयोग करने का समय अभी बाकी हैं उन्हें भी फेंका गया था. आरोप है कि नियमों का पालन स्वास्थ्य विभाग ने नहीं किया. नियम के अनुसार गड्ढा खोदकर दवाएं उसमें डालनी चाहिए.

Intro:बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए हमेशा चर्चा में रहने वाला गरियाबंद जिला एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की कारगुजारी ओं के चलते चर्चा में है इस बार बड़ी लापरवाही स्वास्थ्य विभाग ने की है लाखों रुपए की सरकारी दवाइयां जंगलों में नालों में फेंकी हुई मिली है इनमें से कई दवाइयां एक्सपायरी डेट की है तो कई दवाइयां अभी काम लायक अर्थात एक्स पारी नहीं हुई वाली दवाइयां भी फेंकी गई है दवाइयों की मात्रा इतनी अधिक है कि आप सुनकर हैरान हो जाएंगे लगभग 3:00 वाहनों में लाकर जंगल में नाले में अलग-अलग जगहों पर दवाइयां फेंकी गई है


Body:कोड़ोहार्दि जो गरियाबंद जिला मुख्यालय से 7 किलोमीटर दूर है गांव के पास के घने जंगल में नाले में आज सुबह राहगीर कुछ पढ़ा हुआ देखकर जब उधर गए तो भारी बड़ी मात्रा में पड़ी हुई दवाइयां देखकर उनके होश उड़ गए दवाइयों में जब उन्होंने देखा तो बहुत सी दवाइयां अभी उपयोग लायक थी अर्थात एक्सपायरी नहीं हुई थी ग्रामीणों ने इसकी सूचना जिला मुख्यालय के कई लोगों को दी और दवाइयां अभी भी जंगल में खुले रूप से पड़ी हुई है दवाइयों की मात्रा इतनी अधिक है कि माना जा सकता है कि लाखों रुपए की यह दवाइयां सरकारी सप्लाई की थी इस पर बकायदा छत्तीसगढ़ शासन का मोनो बना हुआ है कई दवाइयां पर 2020 की एक्सपायरी डेट लिखी हुई है तो कई दवाइयों में 2019 के एक पारी डेट जो अभी एक्सपायर हुए नहीं है वही बहुत सी दवाइयां कुछ ही महीने पहले ही हुई है



दवाइयों की मात्रा देखकर एक बात स्पष्ट है कि लाखों रुपए की दवाइयां जोश लोगों के उपचार के लिए आई थी उसे समय पर वितरित नहीं किया गया और समय खत्म होते ही जंगलों में बिकवा दिया गया क्योंकि बहुत सारी दवाइयां अभी फरवरी 2019 और मार्च 2019 में एक्सपायरी होना लिखा हुआ है


वैसे एक्सपायरी दवाइयों के संबंध में नियम यह है कि इसे बकायदा स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारियों की निगरानी में निर्धारित स्थान पर घेराबंदी स्थान पर गड्ढा खोदकर कई फीट नीचे दफनाना होता है और वहां कोई मवेशी या इंसान ना जाए इसकी भी व्यवस्था करनी होती है लेकिन किसी भी नियम का पालन नहीं किया गया






Conclusion:लोगों की गाढ़ी कमाई के पैसों से खरीदी गई सरकारी दवाइयां किस तरह बर्बाद हो रही है यह देख कर राहगीर दुखी हो रहे थे लोगों का कहना था कि एक तरफ जिले के छोटे-छोटे गांव तो दूर बड़े जिला सरकारी अस्पताल में भी दवाइयों की किल्लत होने की बात कही जाती है कई बार दवाइयां बाहर से खरीदने को कहा जाता है और इतनी बड़ी मात्रा में दवाइयां इस कदर बर्बाद कर फेंकना कतई उचित नहीं सरकार और अधिकारियों को इस तरह दवाइयां बर्बाद नहीं करनी चाहिए थी

वैसे दवाइयों को इस तरह खुलेआम जंगल में फेंकने से जहां एक ।तरफ वन्यजीवों को खतरा है वहीं आस-पास पालतू मवेशी भी पहुंच जाते हैं उन्हें भी खतरा है नाले में फेंकी गई बड़ी मात्रा में इन दवाइयों से साफ है कि बरसात आते ही यह दवाइयां नाले में हर तरफ बिखर जाएंगे वहीं पैरी नदी तक जाने वाले इस नाले से यह दवाइयां पैरी नदी में मिल जाएंगे


केमिकल युक्त यह दवाइयां खुले में फेंके जाने से पर्यावरण को भी काफी नुकसान होने की आशंका है
Last Updated : Apr 14, 2019, 8:47 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.