गरियाबंद: महंगाई (Inflation), कोरोना संक्रमण (corona infection) और कोरोना वैक्सीनेशन (corona vaccination in chhattisgarh) को लेकर भाजपा-कांग्रेस के बीच राजनीति जारी है. महंगाई और कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर दोनों एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू रविवार को गरियाबंद पहुंचे. साहू ने ईटीवी भारत से हुई एक खास बातचीत में कई महत्वपूर्ण बातें कहीं. उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) पर लग रहे कई आरोपों के जवाब भी दिए. साहू ने नीति आयोग (NITI Aayog) की रिपोर्ट पर भी छत्तीसगढ़ राज्य सरकार (Chhattisgarh State Government) को घेरा. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री का आपस में तालमेल नहीं है, उसका नतीजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है. सभी विषय पर गंभीरता से काम होना चाहिए. देखिए संवाददाता फरहाज मेमन से हुई खास बातचीत.
सवाल:- महंगाई को नियंत्रित नहीं कर पाने का आरोप लग रहा है, कांग्रेस नेता-कार्यकर्ता इसे लेकर प्रदर्शन भी कर रहें हैं. आप क्या कहेंगे?
जवाब:- कांग्रेस केवल आंदोलन करके जिम्मेदारियों से बच नहीं सकती. राज्य में उनकी सरकार है. लोगों के दैनिक उपयोग की चीजें खानपान की चीजें इनके नियंत्रण में भी होती हैं. वस्तु नियंत्रण अधिनियम होता है. उसके पालन की जिम्मेदारी राज्य सरकार के पास होती है. केंद्र तो केवल नीतियां तय करता है, राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारियां ठीक से निभाए.
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सवाल:- पेट्रोल डीजल के रेट को लेकर क्या कहेंगे?
जवाब:- केवल पेट्रोल-डीजल की बात नहीं है. बहुत सारे और विषय हैं, जो राज्य के हैं. कम से कम वह अपनी जिम्मेदारी निभाएं. बजाए सड़क पर उतरने के संवैधानिक रूप से अपने कार्यों का निर्वहन करें. वरना लोग सब समझ रहे हैं कि स्थितियां क्या हैं.
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सवाल:- कोरोना को लेकर कांग्रेसियों का कहना है कि केंद्र ने कोई प्लानिंग नहीं की. कांग्रेस का कहना है कि वैक्सीन केंद्र सरकार को देनी चाहिए थी?
जवाब:- वैक्सीन के लिए जो प्रयास हुए हैं, वह जनता देख रही है. 45 प्लस और 18 प्लस दोनों की शुरुआत कर दी गई है, लेकिन वैक्सीन की व्यवस्था राज्य सरकारों को करनी है. आप केंद्र से संवाद रखिए वैक्सीन का विषय हो या करोना के नियंत्रण का, यह स्थिति राजनीति का विषय नहीं है. लोगों की जिंदगी और मौत से जुड़ा विषय है.
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सवाल: वैक्सीन देशवासियों को पूर्णतः लगने से पहले ही विदेश भेजने के मामले में केंद्र पर बार-बार आरोप लग रहा है?
जवाब:- इसका केवल राजनीतिकरण हुआ है. यह अभी का मुद्दा नहीं है. उस समय जब वैक्सीन शुरुआती दौर में बनी, उस समय विदेशों में जरूरत थी, तो उसकी पूर्ति हुई. यहां उस समय कोई मांग ही नहीं थी. केंद्र सरकार की मदद से राज्य सरकार भी सजगतापूर्ण काम करे, तभी इस चुनौती से निपट सकते हैं.
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सवाल:- नीति आयोग के रिपोर्ट कार्ड पर क्या कहना चाहते हैं?
जवाब:- नीति आयोग ने कल जो रिपोर्ट कार्ड जारी किया है, उसमें काफी संभावनाओं वाला राज्य होने के बावजूद छत्तीसगढ़ काफी नीचे आया है. यह 2018 तक काफी ऊपर था. खासकर स्वास्थ्य और क्वॉलिटी एजुकेशन जैसे 17 एजेंडे में से 15 में छत्तीसगढ़ पहले से पीछे हुआ है. सरकार को इस विषय पर गंभीरता से काम करना चाहिए. नौकरशाही क्रियान्वयन एजेंसी और सरकार में बैठे लोग इस पर ध्यान दें.