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वन विभाग की लापरवाही से फिर एक हाथी ने ली बुजुर्ग की जान

गरियाबंद में हाथियों का आंतक रुकने का नाम नहीं ले रहा है. एक बार फिर वन विभाग की लापरवाही के कारण हाथियों ने एक बुजुर्ग की जान ले ली है.

Elephant crushed elderly man
हाथी ने बुजुर्ग को कुचल कर ली जान
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Published : Dec 23, 2019, 10:55 AM IST

Updated : Dec 23, 2019, 12:41 PM IST

गरियाबंद: हाथियों का हमला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. गरियाबंद में हाथियों ने एक और बुजुर्ग की जान ले ली है. बताया जा रहा है, रात भर हाथियों ने गांव में उत्पात मंचाया है, इससे ग्रामीणों को पूरी रात परेशान रहे. गरियाबंद जिले में 35 हाथी तीन अलग-अलग जगहों पर विचरण कर रहे हैं.

हाथी ने बुजुर्ग को कुचल कर ली जान

इसी दौरान मुख्य झुंड से 3 हाथी अलग होकर रविवार को सिकासेर बांध से महज 300 मीटर दूर लकड़ी बीनते समय हाथियों ने वीर सिंह नामक व्यक्ति को कुचल कर मार डाला. इससे पहले 28 नवंबर को हाथियों ने वीर सिंह का घर तोड़ दिया था और रविवार को जान ही ले ली.

हाथियों ने बर्बाद कर दिया कई एकड़ फसल
हाथियों का झुंड 25 किलोमीटर का सफर करते हुए जोबा ग्राम पंचायत पहुंच गया है. हाथियों ने भीरालाट गांव में राम कुमार के आंगन में रखे हुए धान के बोरों को फाड़कर धान खा गया. हाथियों की चिंघाड़ को सुनकर, दहशत के मारे ग्रामीण अपने घरों की छत पर रात गुजारी.

वन विभाग की लापरवाही
DFO का कहना है कि वे लगातार हाथी के विचरण वाले इलाके में ग्रामीणों को सचेत कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीण प्रशासन की ओर से इस तरह की सूचना मिलने से इंकार कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन ने सूचना दी होती तो बीर सिंह की जान नहीं जाती. ग्रामीणों की मानें तो मामले में जिला का वन विभाग बेहद लापरवाह नजर आ रहा है. केवल मुआवजा का प्रकरण बनाने के अलावा और कुछ नहीं कर पा रहा है.

गरियाबंद: हाथियों का हमला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. गरियाबंद में हाथियों ने एक और बुजुर्ग की जान ले ली है. बताया जा रहा है, रात भर हाथियों ने गांव में उत्पात मंचाया है, इससे ग्रामीणों को पूरी रात परेशान रहे. गरियाबंद जिले में 35 हाथी तीन अलग-अलग जगहों पर विचरण कर रहे हैं.

हाथी ने बुजुर्ग को कुचल कर ली जान

इसी दौरान मुख्य झुंड से 3 हाथी अलग होकर रविवार को सिकासेर बांध से महज 300 मीटर दूर लकड़ी बीनते समय हाथियों ने वीर सिंह नामक व्यक्ति को कुचल कर मार डाला. इससे पहले 28 नवंबर को हाथियों ने वीर सिंह का घर तोड़ दिया था और रविवार को जान ही ले ली.

हाथियों ने बर्बाद कर दिया कई एकड़ फसल
हाथियों का झुंड 25 किलोमीटर का सफर करते हुए जोबा ग्राम पंचायत पहुंच गया है. हाथियों ने भीरालाट गांव में राम कुमार के आंगन में रखे हुए धान के बोरों को फाड़कर धान खा गया. हाथियों की चिंघाड़ को सुनकर, दहशत के मारे ग्रामीण अपने घरों की छत पर रात गुजारी.

वन विभाग की लापरवाही
DFO का कहना है कि वे लगातार हाथी के विचरण वाले इलाके में ग्रामीणों को सचेत कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीण प्रशासन की ओर से इस तरह की सूचना मिलने से इंकार कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन ने सूचना दी होती तो बीर सिंह की जान नहीं जाती. ग्रामीणों की मानें तो मामले में जिला का वन विभाग बेहद लापरवाह नजर आ रहा है. केवल मुआवजा का प्रकरण बनाने के अलावा और कुछ नहीं कर पा रहा है.

Intro:-- हिंसक हुए गजराज,
-- कुचल कर ली बुजुर्ग की जान,
-- रात भर गांव में मचाया तांडव,
-- जान बचाने छतों पर चढ़े ग्रामीण,
-- सामने आई वन विभाग की लापरवाही,
-- जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर दूर हाथियों ने मचाया उत्पात


एंकर--गरियाबंद जिले में गजराज हिंसक हो गए हैं उन्होंने एक व्यक्ति की जान ले ली और रात भर 3 गांव में तांडव करते रहे जान बचाने ग्रामीणों पर चढ़े नजर आए तो वही हाथियों ने ढूंढ ढूंढ कर लोगों के बाडे में रखा धान खाया बड़ी बात यह है कि हाथी जिला मुख्यालय से बेहद करीब पहुंच गए हैं गरियाबंद से महज 13 किलोमीटर दूर जोबा पंचायत में हाथी रात भर उत्पात मचाते रहे।Body:वीओ-
इस समय गरियाबंद जिले में 35 हाथी तीन अलग-अलग जगहों पर विचरण कर रहे हैं मुख्य झुंड से 3 हाथी अलग होकर कल सिकासेर बांध के पास स्थित बीरसिंह के घर के पास पहुंच गए घर से महज 300 मीटर दूर लकड़ी बिनते समय हाथियों ने वीर सिंह को कुचल कर मार डाला इसे दुर्भाग्य ही कहेंगे कि 28 नवंबर को भी हाथी आए थे और वीर सिंह का घर तोड़ कर चले गए थे और आज उन्होंने उसकी जान ही ले ली, वैसे वन विभाग इस मामले में लापरवाह और बेबस दोनों नजर आ रहा है हाथी भगाने वह कुछ कर नहीं पा रहा और ग्रामीणों को हाथी से बचाने केवल हाथी के जंगल में होने की जानकारी मुनादी कराकर देने और जंगल में ना जाने की समझाइश देने की बात तो अधिकारी कह रहे हैं मगर उनका यह दावा झूठा निकला मृतक वीरसिंह का बेटा तथा अन्य ग्रामीण बताते हैं कि ऐसी कोई मुनादी गांव में पिछले 20 दिन में हुई ही नहीं वे यह भी कहते हैं अगर वन विभाग जानकारी दे देता तो शायद पिताजी जंगल नहीं जाते हो और उनकी जान नहीं गई होती, दरअसल खुद वन विभाग के कर्मचारियों को हाथी का अता पता नहीं होता वीर सिंह को कुचलने के बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना दी कि हाथी इस गांव के पास आए थे और उन्होंने एक व्यक्ति की जान ले ली तब वन विभाग को पता चला।


बीरसिंह की जान लेने के बाद हिंसक हो चुके इन तीन हाथियों का समूह लगभग 25 किलोमीटर का सफर करते हुए जोबा ग्राम पंचायत पहुंच गया यहां के भीरालाट गांव में राम कुमार के आंगन में रखे हुए धान के बोरों को फाड़ कर धान खाता रहा इसके बाद हाथी मनोज कुमार के बॉडी में घुसे जहां के तार के घेरे में वे उलझ गए और बाहर निकलने में काफी समय लगा इसके बाद हाथी केरा बाहर गांव पहुंच गए यहां हाथियों की चिंगाढ़ को सुनकर दहशत के मारे जान बचाने ग्रामीणों के घरों की छतों पर चढ़ गए हाथी गांव की गलियों के आसपास मंडराने लगे और ग्रामीण छतों से दूर से गुजरते हाथियों को देख आतंकित होते रहे दर्जनों ग्रामीणों को डर था कि कहीं हाथी उनके कच्चे मकान को गिरा मत दे और अंदर सोते समय भी उसमें दब ना जाए केरा बाहर के एक किसान के बाड़ा के दरवाजे को तोड़कर हाथियों ने दूर फेंक दिया और यहां भी आतंक मचाने लगे इसके बाद हाथी जोबा गांव पहुंच गए और लोगों के बाडे में रखे धान खाने लगे।

जिले के डीएफओ का इस मामले में कहना है कि हम लगातार हाथी के विचरण के इलाके में ग्रामीणों को सचेत कर रहे हैं मगर ग्रामीण दावा कर रहे हैं कि अगर बताया होता तो बीरसिंह की जान नहीं जाती कुल मिलाकर पूरे मामले में जिला का वन विभाग बेहद लापरवाह नजर आया और केवल मुआवजा का प्रकरण बनाने के अलावा और कुछ नहीं कर पा रहा।Conclusion: इस मामले में वन विभाग के उच्च अधिकारी राकेश चतुर्वेदी से चर्चा करने पर उन्होंने अंबिकापुर से हाथी से निपटने में महारत रखने वाले स्टाफ़ के साथ हाथी से निपटने विशेष रूप से तैयार किए गए बड़े वाहन को भेजने की बात कही है उम्मीद है कि स्थानी वन अधिकारियों ने ना सही मगर वरिष्ठ अधिकारी इस मामले की गंभीरता को समझेंगे और हिंसक हो चुके गजराज से ग्रामीणों को बचाने कुछ किया जाएगा।

बाइट---- तिलोरा राम मृतक का बेटा

बाइट---- नरसिंह पड़ोसी

बाइट---- मयंक अग्रवाल डीएफओ गरियाबंद

Last Updated : Dec 23, 2019, 12:41 PM IST
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