गरियाबंद : ईडी की 12 सदस्यीय टीम पांडुका पहुंची है. रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू के पांडुका स्थित मायके में ईडी ने दबिश दी (ED raid in Gariaband ) है. एक अन्य रिश्तेदार के घर भी ईडी के अधिकारी पहुंचे हुए हैं. रिश्तेदार के यहां जमीन खरीदी बिक्री की जांच हो रही (ED raids Raigarh Collector Ranu Sahu house ) है.
कब से ED कर रही जांच : ED ने छत्तीसगढ़ के बड़े कोल कारोबारियों और IAS के घर 11 अक्टूबर को छापेमारी शुरु की थी. अब तक ED ने 40 से अधिक ठिकानों में दबिश देकर अहम सबूत जुटाएं हैं.ED का मानना है कि कोल कारोबारियों और IAS अफसरों के बीच कोल को लेकर कोई बड़ी डील हुई है. जिसे छिपाया जा रहा है. ED ने रायपुर के अलावा कोरबा, रायगढ़, महासमुंद में अलग अलग टीमें बनाकर जांच का दायरा बढ़ाया है.ED raid in Chhattisgarh
क्या है ईडी का कहना : छत्तीसगढ़ में ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने खुलासा किया था कि छत्तीसगढ़ के खनिज विभाग ने खनिज परिवहन के जरिए लाभ कमाने के लिए ऑनलाइन सिस्टम को खत्म कर दिया है . मैनुअल सिस्टम के जरिए कोयला ट्रांसपोर्ट के लिए प्रति टन 25 रुपये के हिसाब से अवैध वसूली की जाती थी. जिससे हर रोज 2 से 3 करोड़ रुपये की वसूली होती थी. डेढ़ साल में लगभग 500 करोड़ रुपये की अवैध वसूली कोयला परिवहन से हुई है.
रानू साहू पर कार्रवाई क्यों : रानू साहू कोरबा की कलेक्टर रह चुकी हैं. छत्तीसगढ़ में चल रही ईडी की कार्रवाई कहीं ना कहीं कोयला कारोबार से जुड़ी है. इसका केंद्र बिंदु कोरबा और यहां संचालित एसईसीएल की कोयला खदानों से मिलने वाला करोड़ों रुपये का राजस्व है. कोरबा के कलेक्ट्रेट प्रथम तल भवन में ही कलेक्टर चेंबर के साथ ही आदिवासी विकास विभाग, खनिज और खनिज विभाग का कार्यालय संचालित है.
कितने का राजस्व होता है प्राप्त : कोरबा के खनिज न्यास फंड से अकेले कोरबा जिले को औसतन 300 करोड़ रुपए सालाना राजस्व प्राप्त होता है. इस विभाग का कार्यालय कोरबा कलेक्टर के प्रथम तल पर संचालित है. अब यहां पूछताछ की जा रही है. खबर है कि आदिवासी विभाग और खनिज विभाग के साथ ही वर्तमान कोरबा कलेक्टर संजीव झा से भी ईडी की टीम पूछताछ कर चुकी है.
आईएएस समीर विश्नोई के पास से 47 लाख कैश, सोना और मिले हीरे: आईएएस समीर विश्नोई के घर से 47 लाख कैश, 4 किलो सोना और डायमंड्स मिले हैं. इसके अलावा लक्ष्मीकांत तिवारी डेढ़ करोड़ रुपए छुपाने के मामले में गिरफ्तार हुए हैं. वही सुनील अग्रवाल ने सूर्यकांत तिवारी के साथ मिलकर कई इंडस्ट्रीज परचेस की है. कोर्ट ने सभी को 21 अक्टूबर तक के लिए रिमांड पर ईडी को सौंपा है.
ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में ईडी ने किया वसूली रैकेट का खुलासा, डेढ़ साल में 500 करोड़ की कमाई
क्या है मामला : बता दें कि 11 अक्टूबर से छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के 40 अफसरों की टीम ने तीन आईएएस, पूर्व विधायक और शराब, कोल कारोबारियों के डेढ़ दर्जन ठिकानों पर दबिश दी है. इन सभी ठिकानों से अब तक चार करोड़ की नकदी और जेवरात सीज किया गया है. इनके यहां से निवेश के साथ साथ खनन लाइसेंस से जुड़े दस्तावेज भी बड़ी संख्या में मिले हैं.