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सुपेबेड़ा LIVE : जांच के बाद डॉक्टरों ने कहा- अब नए मरीज नहीं, सारे मामले पुराने

डॉक्टरों की स्पेशल टीम
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Published : Oct 19, 2019, 1:54 PM IST

Updated : Oct 19, 2019, 8:19 PM IST

16:51 October 19

डॉक्टरों ने कहा जीवनशैली में सुधार की जरूरत

डॉक्टरों ने कहा जीवनशैली में सुधार की जरूरत

सुपेबेड़ा में लगातार हो रही मौतों के बाद जागे प्रशासन ने आज वहां एम्स के डॉक्टरों की टीम भेजी. एम्स के डायरेक्टर नितिन नागरकर के नेतृत्व में पहुंची टीम ने गांव में शिविर लगाया. जिसमें लगभग 25 मरीजों ने अपना इलाज कराया. जिनमें से लगभग 15 किडनी पीड़ित थे. इसके बाद टीम के सभी डॉक्टर गांव की गली-गली घूमे, मरीजों के घर जाकर उनके पुराने रिकॉर्ड देखें, उन्हें डॉक्टरी सलाह दी और एम्स पहुंचकर इलाज कराने के लिए कहा. इन डॉक्टरों का कहना था कि नए लोगों को किडनी की बीमारी नहीं हो रही है. जिन्हें हो गई है उनमें नियंत्रित रखने का प्रयास किया जा रहा है.


टीम के डॉक्टरों ने बताया कि गांव की गलियां घर इनका रहन-सहन खान-पान देखने के उद्देश्य से उन्होंने गांव में भ्रमण किया. डॉक्टरों ने कहा कि यहां जीवन स्तर में काफी सुधार की जरूरत है पौष्टिक भोजन के साथ-साथ नशे की आदत भी पूरी तरह छोड़नी होगी. बीमारी के कारण पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कोई एक कारण अकेला जिम्मेदार नहीं लगता. वैसे फ्लोराइड मुख्य कारण हो सकता है.

13:31 October 19

सुपेबेड़ा पहुंची डॉक्टरों की स्पेशल टीम, अब तक केवल 10 मरीज ही पहुंचे

डॉक्टर कर रहे हैं जांच, अब तक पहुंचे सिर्फ 10 मरीज

गरियाबंद: किडनी की बीमारी से पीड़ित गांव सुपेबेड़ा में डॉक्टर की टीम मरीजों की जांच कर रही है. एम्स के डायरेक्टर, नेफ्रो के 5 एक्सपर्ट को लेकर सुपेबेड़ा पहुंच गए हैं. अब तक विशेष कैंप में 10 मरीज पहुंचे हैं. 15 दिन के अंदर दो मौतों से गांव के लोग दहशत में हैं, वहीं सरकार का ये कदम राहत भरा जरूर है. 

29 सितंबर को पूर्व सरपंच की मौत के बाद 2 अक्टूबर को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव पहूच कर जांच पड़ताल व मरीजों की देखरेख का जिम्मा एम्स के हवाले करने का एलान किया था. जिसके बाद एम्स के डायरेक्टर  नितिन नागरकर, नेफ्रोलॉजीस्ट डॉ विनय राठौड़, डॉ जय पटेल ,डॉ अभिरुचि, डा कमलेश जैन के साथ 15 से ज्यादा लोगों की टीम सुपेबेड़ा पहुंची है और जांच कर रही है. 

हालांकि जैसी अपेक्षा डॉक्टर लेकर गांव पहुंचे थे, उसके मुताबिक निराशा हाथ लग रही है. गांव में 200 से ज्यादा किडनी पीड़ित हैं पर अब तक 10 मरीज ही यहां टीम के पास पहुंचे हैं. 

राज्यपाल भी करेंगी दौरा
सुपेबेड़ा में 15 दिन के अंदर दो ग्रामीणों की मौत ने गांव का दर्द और बढ़ा दिया है. राज्यपाल अनुसुइया उइके भी सुपेबेड़ का दौरा करेंगी. इससे पहले सुपेबेड़ा के लिए एम्स के विशेषज्ञों की टीम रायपुर से गई है. 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने सुपेबेड़ा में किडनी रोग से पीड़ितों को तत्काल इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने 2 अक्टूबर को अपने सुपेबेड़ा प्रवास के दौरान वहां विशेषज्ञ एमडी चिकित्सक की नियुक्ति की घोषणा की थी.  

कलेक्टर ने दी जानकारी
गरियाबंद के कलेक्टर ने बताया कि सुपेबेड़ा एवं देवभोग में सभी तरह की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने एवं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था के लिए रणनीति पर काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि गरियाबंद जिला अस्पताल में फ्लोराइड प्रयोगशाला स्थापित की गई है. 

किडनी संबंधी खून जांच और डायबिटीज आदि की भी जांच की सुविधा जिला अस्पताल एवं देवभोग स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध कराई जा रही ह.। स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव के निर्देश पर सुपेबेड़ा सहित 6 अन्य गांवों में किडनी रोग आधारित स्क्रीनिंग प्रारंभ की गई है. इससे रोगियों को समय पर चिन्हित कर उचित सलाह एवं उपचार दिया जा सकेगा.

16:51 October 19

डॉक्टरों ने कहा जीवनशैली में सुधार की जरूरत

डॉक्टरों ने कहा जीवनशैली में सुधार की जरूरत

सुपेबेड़ा में लगातार हो रही मौतों के बाद जागे प्रशासन ने आज वहां एम्स के डॉक्टरों की टीम भेजी. एम्स के डायरेक्टर नितिन नागरकर के नेतृत्व में पहुंची टीम ने गांव में शिविर लगाया. जिसमें लगभग 25 मरीजों ने अपना इलाज कराया. जिनमें से लगभग 15 किडनी पीड़ित थे. इसके बाद टीम के सभी डॉक्टर गांव की गली-गली घूमे, मरीजों के घर जाकर उनके पुराने रिकॉर्ड देखें, उन्हें डॉक्टरी सलाह दी और एम्स पहुंचकर इलाज कराने के लिए कहा. इन डॉक्टरों का कहना था कि नए लोगों को किडनी की बीमारी नहीं हो रही है. जिन्हें हो गई है उनमें नियंत्रित रखने का प्रयास किया जा रहा है.


टीम के डॉक्टरों ने बताया कि गांव की गलियां घर इनका रहन-सहन खान-पान देखने के उद्देश्य से उन्होंने गांव में भ्रमण किया. डॉक्टरों ने कहा कि यहां जीवन स्तर में काफी सुधार की जरूरत है पौष्टिक भोजन के साथ-साथ नशे की आदत भी पूरी तरह छोड़नी होगी. बीमारी के कारण पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कोई एक कारण अकेला जिम्मेदार नहीं लगता. वैसे फ्लोराइड मुख्य कारण हो सकता है.

13:31 October 19

सुपेबेड़ा पहुंची डॉक्टरों की स्पेशल टीम, अब तक केवल 10 मरीज ही पहुंचे

डॉक्टर कर रहे हैं जांच, अब तक पहुंचे सिर्फ 10 मरीज

गरियाबंद: किडनी की बीमारी से पीड़ित गांव सुपेबेड़ा में डॉक्टर की टीम मरीजों की जांच कर रही है. एम्स के डायरेक्टर, नेफ्रो के 5 एक्सपर्ट को लेकर सुपेबेड़ा पहुंच गए हैं. अब तक विशेष कैंप में 10 मरीज पहुंचे हैं. 15 दिन के अंदर दो मौतों से गांव के लोग दहशत में हैं, वहीं सरकार का ये कदम राहत भरा जरूर है. 

29 सितंबर को पूर्व सरपंच की मौत के बाद 2 अक्टूबर को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव पहूच कर जांच पड़ताल व मरीजों की देखरेख का जिम्मा एम्स के हवाले करने का एलान किया था. जिसके बाद एम्स के डायरेक्टर  नितिन नागरकर, नेफ्रोलॉजीस्ट डॉ विनय राठौड़, डॉ जय पटेल ,डॉ अभिरुचि, डा कमलेश जैन के साथ 15 से ज्यादा लोगों की टीम सुपेबेड़ा पहुंची है और जांच कर रही है. 

हालांकि जैसी अपेक्षा डॉक्टर लेकर गांव पहुंचे थे, उसके मुताबिक निराशा हाथ लग रही है. गांव में 200 से ज्यादा किडनी पीड़ित हैं पर अब तक 10 मरीज ही यहां टीम के पास पहुंचे हैं. 

राज्यपाल भी करेंगी दौरा
सुपेबेड़ा में 15 दिन के अंदर दो ग्रामीणों की मौत ने गांव का दर्द और बढ़ा दिया है. राज्यपाल अनुसुइया उइके भी सुपेबेड़ का दौरा करेंगी. इससे पहले सुपेबेड़ा के लिए एम्स के विशेषज्ञों की टीम रायपुर से गई है. 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने सुपेबेड़ा में किडनी रोग से पीड़ितों को तत्काल इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने 2 अक्टूबर को अपने सुपेबेड़ा प्रवास के दौरान वहां विशेषज्ञ एमडी चिकित्सक की नियुक्ति की घोषणा की थी.  

कलेक्टर ने दी जानकारी
गरियाबंद के कलेक्टर ने बताया कि सुपेबेड़ा एवं देवभोग में सभी तरह की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने एवं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था के लिए रणनीति पर काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि गरियाबंद जिला अस्पताल में फ्लोराइड प्रयोगशाला स्थापित की गई है. 

किडनी संबंधी खून जांच और डायबिटीज आदि की भी जांच की सुविधा जिला अस्पताल एवं देवभोग स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध कराई जा रही ह.। स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव के निर्देश पर सुपेबेड़ा सहित 6 अन्य गांवों में किडनी रोग आधारित स्क्रीनिंग प्रारंभ की गई है. इससे रोगियों को समय पर चिन्हित कर उचित सलाह एवं उपचार दिया जा सकेगा.

Intro:गरियबन्द-एम्स के डायरेक्टर नेफ्रो के 5 एक्सपर्ट को लेकर सुपेबेड़ा पहूच गए हैं, अब तक विशेष केम्प में 10 मरीज पहूचे। किडनी पीड़ित सुपेबेड़ा को लेकर सरकार की सवेदनशीलता दिख रही है,2 अक्टूबर को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव पहूच कर जांच पड़ताल व मरीजों की देखरेख का जिम्मा एम्स के हवाले करने का एलान किया था।फलस्वरूप आज एम्स के डायरेक्टर नितिन नागरकर, नेफ्रोलॉजीस्ट डॉ विनय राठौड़, डॉ जय पटेल ,डॉ अभिरुचि, डा कमलेश जैन के साथ 15 से ज्यादा लोगो की टीम 11 बजे से सुपेबेड़ा पहूच चुकी है।जिस तरह से ग्रामीणों से अपेक्छाये थी उसके विपरीत यंहा निराशा नजर आ रहा है।गाव में 200 से ज्यादा किडनी पीड़ित है,पर अब तक 10 मरीज ही यंहा टीम के पास पहूँचे है।Body:अब तक यहां 71 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं इस मामले में राज्यपाल सुपेबेड़ा जाने वाले बयान के बाद सीएम भूपेश बघेल का बयान भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि राज्यपाल के इस बयान से हूँ हथप्रद

हेलीकॉप्टर नहीं देंगे तो बाय रोड जाऊंगी

हम सभी की चिंता है सुपेबेड़ा को लेकर

राज्यपाल वहां जाना चाहती हैं तो उसका स्वागत है 2 अक्टूबर को विधानसभा सत्र के दौरान जैसे ही हमें जानकारी मिली कि वहां एक और मौत हुई है हमारे स्वास्थ्य मंत्री वहां गए

सरकार कारण को जानना चाहती है कि किस वजह से वहां पर लोग किडनी की समस्या से ग्रसित हो रहे हैं वहां पर्याप्त कार्रवाई की जा रही है
Conclusion:्
Last Updated : Oct 19, 2019, 8:19 PM IST
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